नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण "अनुमान के अनुसार फैलता" है और पूरा विमानन पारिस्थितिकी तंत्र एवं राज्य सरकारें तैयार हो जाती हैं, तो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन बहाल करने के संबंध में भारत जुलाई में फैसला करेगा.
पुरी ने कहा, "मुझसे अकसर पूछा जाता है कि आप अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन कब शुरू सकते हैं? यदि आप मुझ पर फैसला छोड़ते हैं, यदि पारिस्थितिकी तंत्र काम करता है और यदि वायरस संक्रमण अनुमान के अनुसार ही फैलता है, तो मुझे लगता है कि आगामी महीने में हमें निर्णय लेना आरंभ करना चाहिए, लेकिन ये फैसले भारतीय नागर विमानन मंत्रालय नहीं करेगा."
उन्होंने जीएमआर समूह द्वारा आयोजित 'रिपोजिंग द फेथ इन फ्लाइंग' विषय पर आयोजित वेबिनार में कहा, "ये निर्णय सरकार घरेलू हालात के आधार पर लेंगी."
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण दो महीने तक निलंबित रहने के बाद घरेलू यात्री उड़ान पांच मई से आरंभ हो गई थीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें अब भी निलंबित हैं.
मंत्री ने कहा, "हमने हाल में देखा है कि दक्षिण भारत में एक बड़े राज्य ने लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद फिर से इसे लागू करने के आदेश दिए है. मैंने अन्य देशों में भी यही होता देखा है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा नहीं करना पड़े."
तमिलनाडु ने चेन्नई में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्दनेजर 19 जून से 12 दिन के लॉकडाउन की हाल में घोषणा की है.
पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि, "हम पहले घरेलू स्तर पर यात्रा के माध्यमों में बढ़ोतरी करें और इसके बाद हम व्यवस्थित तरीके से अंतरराष्ट्रीय यात्रा की अनुमति देने के मामले में इस प्रकार आगे बढ़ें, जिससे जीवन को खतरा न हो और जिसकी आलोचना न हो पाए."
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को आने की अनुमति देने से पहले हमारे राज्य इसके लिए तैयार होने चाहिए. हम उनसे निरंतर वार्ता कर रहे हैं."
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विमानन मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा बहाल करने का फैसला आगामी महीनों में, या उससे भी पहले किया जा सकता है. यह निर्णय तब लिया जाएगा, जब घरेलू हवाई यातायात कोविड-19 से पहले की क्षमता के 50 से 55 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा और अन्य राज्य अधिक यात्रियों के आगमन के लिए तैयार होंगे.
उन्होंने अमेरिका से आने वाली उड़ानों का उदाहरण देते हुए कहा कि वे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू जैसे महानगरों के हवाईअड्डों पर उतरती हैं और ये बड़े शहर विदेशों से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों के लिए आवश्यक प्रबंध करने की स्थिति में संभवत: नहीं हैं, क्योंकि "लोगों को अनिवार्य रूप से पृथक-वास में रखने की क्षमता संभवत: नहीं है."
पुरी ने दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा की बहाली अन्य देशों द्वारा प्रवेश प्रतिबंधों पर ढील दिए जाने पर भी निर्भर करेगी। भारत ने छह मई को 'वंदे भारत' अभियान आरंभ किया था, जिसके तहत विदेशों में फंसे देशवासियों को वापस लाया गया है. इस अभियान के तहत 52 देशों से 90,000 से अधिक भारतीयों को करीब 480 उड़ानों के जरिए स्वदेश लाया गया है.
(पीटीआई-भाषा)