कोरिया: भरतपुर विकासखंड के कई ग्राहक सेवा केंद्र संचालकों ने ग्रामीण क्षेत्र के सेवा केंद्र को जनकपुर में खोल रखा है. जिसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि जिस क्षेत्र के लिए ग्राहक सेवा केंद्र निर्धारित है उसे वहीं खोला जाए तो ग्रामीणों की परेशानी कम हो सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सिर्फ पैसा निकलने के लिए अपने साधन से जनकपुर जाना पड़ता है, जिससे उनका खर्च काफी बढ़ गया है. वहीं जनकपुर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलने से उन्हें कई तरह की परेशानी हो रही है.
दरअसल कोरोना संक्रमण के कारण बस और टैक्सी सेवा भी प्रभावित है. इस वजह से ग्राहक सेवा केंद्र तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों को अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ता है. ग्रामीणों का आरोप है कि 1 हजार तक रुपए निकालने के एवज में उनसे बीस से तीस रुपए की वसूली की जाती है. जबकि शासन के द्वारा ग्रामीणों की सुविधा के लिए ग्राहक सेवा केंद्र खोला गया. वहीं ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों को कमीशन भी दिया जाता है, लेकिन फिर भी इस तरह की खुलेआम लूट समझ से परे है.
आखिर ऐसे लोगों पर क्यों नहीं की जा रही है कार्रवाई ?
ऐसा नहीं है कि संबंधित अधिकारियों को इनकी जानकारी नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से कई बार की है. बावजूद इसके ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों पर कोई कर्रवाई नहीं की गई है. इस पर ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है, ताकि कोरोना काल में ग्रामीणों को राहत मिल सके.