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फर्जी तरीके से कोरिया जिले को घोषित किया गया था ODF, हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

कोरिया जिले के खड़गवां ब्लॉक के रहने वाले रामप्रताप साहू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में उन्होंने कहा है की कोरिया जिले को गलत तरीके से ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. ओडीएफ के नाम पर 2017 में जिले के तत्कालीन कलेक्टर ने जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के नाम पर राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया.

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Published : Sep 17, 2020, 4:18 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 5:45 PM IST

बिलासपुर: कोरिया जिले में ODF के नाम पर तीन साल पहले जिले के कलेक्टर ने राष्ट्रपति से पुरस्कार तो ले लिया. लेकिन आरटीआई से खुलासा हुआ कि कोरिया जिले में ऐसे कई घर है, जिनमे शौचालय नहीं है. मामले में शिकायत किए जाने पर जांच भी हुई. लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी गई. जिसके बाद हाईकोर्ट में मामले को लेकर जनहित याचिका दायर हुई है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले में शासन से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अगर रिपोर्ट दबाई गई है, तो अधिकारियों को जवाब कोर्ट में आकर देना पड़ेगा.

पढ़ें- हाईकोर्ट ने रायपुर नगर निगम को जारी किया नोटिस, दलित परिवारों के लिए बनाई जा रही कॉलोनी में गड़बड़ी

बता दे कि कोरिया जिले के खड़गवां ब्लॉक के रहने वाले रामप्रताप साहू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में उन्होंने कहा है की कोरिया जिले को गलत तरीके से ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. ओडीएफ के नाम पर 2017 में जिले के तत्कालीन कलेक्टर ने जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के नाम पर राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया. लेकिन इसके बाद भी शौचालय बनवाए जाते रहे. इसके लिए मनरेगा के मस्टररोल बनाए गए.

याचिकाकर्ता ने जब आरटीआई के तहत जानकारी निकाली तब सारी गड़बड़ियों का पता चल गया. शिकायत किए जाने पर कमिश्नर ने मामले की जांच भी कराई पर रिपोर्ट दबा दी गई.

बिलासपुर: कोरिया जिले में ODF के नाम पर तीन साल पहले जिले के कलेक्टर ने राष्ट्रपति से पुरस्कार तो ले लिया. लेकिन आरटीआई से खुलासा हुआ कि कोरिया जिले में ऐसे कई घर है, जिनमे शौचालय नहीं है. मामले में शिकायत किए जाने पर जांच भी हुई. लेकिन जांच रिपोर्ट दबा दी गई. जिसके बाद हाईकोर्ट में मामले को लेकर जनहित याचिका दायर हुई है.

याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने मामले में शासन से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा है कि अगर रिपोर्ट दबाई गई है, तो अधिकारियों को जवाब कोर्ट में आकर देना पड़ेगा.

पढ़ें- हाईकोर्ट ने रायपुर नगर निगम को जारी किया नोटिस, दलित परिवारों के लिए बनाई जा रही कॉलोनी में गड़बड़ी

बता दे कि कोरिया जिले के खड़गवां ब्लॉक के रहने वाले रामप्रताप साहू ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अपनी याचिका में उन्होंने कहा है की कोरिया जिले को गलत तरीके से ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया है. ओडीएफ के नाम पर 2017 में जिले के तत्कालीन कलेक्टर ने जिले को खुले में शौच मुक्त कराने के नाम पर राष्ट्रपति से पुरस्कार भी ले लिया. लेकिन इसके बाद भी शौचालय बनवाए जाते रहे. इसके लिए मनरेगा के मस्टररोल बनाए गए.

याचिकाकर्ता ने जब आरटीआई के तहत जानकारी निकाली तब सारी गड़बड़ियों का पता चल गया. शिकायत किए जाने पर कमिश्नर ने मामले की जांच भी कराई पर रिपोर्ट दबा दी गई.

Last Updated : Sep 17, 2020, 5:45 PM IST
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