कोरबा : कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. जिसमें दूसरे राज्य से लौटे लोगों को क्वॉरेंटाइन में रखना भी शामिल है. वहीं कई बार इन क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्थाओं की खबरें लगातार मिलती रहती हैं, लेकिन मौजूदा मामला इनसे अलग है, जिसमें 2 मजदूर रिपोर्ट का इंतजार करते हुए इतने उकता गए कि वह मौका देख क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग निकले.
जिले में ऐसे कई आश्रम, छात्रावास और स्कूल भवन हैं, जिसे क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. ऐसा ही एक सेंटर जिले के वनांचल क्षेत्र लेमरु पंचायत में आने वाले आदिवासी कन्या आश्रम देवपहरी को भी बनाया गया है. जहां अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है.
एक महीने बाद भी नहीं आई रिपोर्ट
इसी सेंटर में 1 महीने पहले 11 जुलाई को दूसरे राज्य से लौटे 5 प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया था, जो अरेतरा गांव के निवासी हैं. प्रवासियों का सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण लगभग 1 महीना बीत जाने के बाद भी मजदूरों की कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं आई, जिसके कारण सेंटर में ठहरे मजदूर अपनी रिपोर्ट का इंतजार करते हुए परेशान हो गए और घर जाने की मांग कर रहे थे.
पढ़ें:- EXCLUSIVE : पेचीदा है कोविड 19 की जांच का सिस्टम, इसलिए कोरना रिपोर्ट आने में लगता है वक्त
प्रवासी मजदूरों पर केस दर्ज
इसके बाद इन्हीं प्रवासी मजदूरों में शामिल पहाड़ी कोरवा रामनारायण(23) और केंदा राम (18) मौका देखकर बीते रविवार की रात क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग निकले. अगली सुबह इसकी जानकारी सेंटर प्रभारी आश्रम अधिक्षिका तुलेश्वरी जांगड़े को मिली. उन्होंने क्वॉरेंटाइन सेंटर से लेकर मजदूरों के गृह ग्राम तक जानकारी जुटाई, लेकिन मजदूरों का कहीं पता नहीं चला. इसके बाद जांगड़े ने प्रवासी मजदूरों के क्वॉरेंटाइन सेंटर से भाग जाने की शिकायत लेमरू थाना में की है. जिस पर पुलिस ने क्वॉरेंटाइन सेंटर से भागने वाले दोनों मजदूरों पर केस दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश कर रही है.