ETV Bharat / briefs

बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर को नोटिस देने के साथ ही श्रम विभाग के टेंडर पर HC ने लगाई रोक

author img

By

Published : Aug 12, 2020, 3:58 PM IST

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ भवन निर्माण समिति के टेंडर पर रोक लगा दी है. जबकि एक दूसरे मामले में अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों से जवाब तलब किया है.

Chhattisgarh highcourt
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर : विज्ञापन जारी किए बिना चुपके से निर्माण कार्य के लिए मजदूरों को बुलाने के छत्तीसगढ़ भवन निर्माण समिति के टेंडर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. केस की अगली शुक्रवार को होगी.

दूसरे केस में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर लगाई गई अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों से जवाब तलब किया है.

बिना विज्ञापन जारी किए टेंडर

बता दें कि श्रम विभाग के तहत आने वाले छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्नीमार कर्मकार मंडल के लिए 370 मजदूरों की जरूरत थी, जिसके लिए समिति को नियमानुसार अखबारों में विज्ञापन जारी कर टेंडर आमंत्रित करना था, लेकिन समिति ने विज्ञापन जारी किए बिना ही अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए चुपके से टेंडर आमंत्रित कर दिया. समिति के इस कार्रवाई के खिलाफ नेचर क्लीन, पैरामाउंट सिक्योरिटी और हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन नाम की कंपनियों ने याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक टेंडर पर रोक लगा दी है.

पढ़ें:- अभिभावकों का आरोप, ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल वसूल रहे मोटी रकम

अवैध कब्जा नहीं हटाने के लिए याचिका

बता दें की मामले में बिलासपुर जिले के उर्तुम गांव के निवासी सावित्री पटेल ने पूर्व में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके खेत के सामने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कुछ लोगों की ओर से किया गया. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने तब बिलासपुर जिले के तत्कालीन कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों को तय अवधि के भीतर सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने का आदेश जारी किया था. निश्चित समय सीमा में सरकारी जमीन से बेजा कब्जा नहीं हटाए जाने पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने बिलासपुर जिले के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

बिलासपुर : विज्ञापन जारी किए बिना चुपके से निर्माण कार्य के लिए मजदूरों को बुलाने के छत्तीसगढ़ भवन निर्माण समिति के टेंडर पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. केस की अगली शुक्रवार को होगी.

दूसरे केस में हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने पर लगाई गई अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने बिलासपुर के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों से जवाब तलब किया है.

बिना विज्ञापन जारी किए टेंडर

बता दें कि श्रम विभाग के तहत आने वाले छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्नीमार कर्मकार मंडल के लिए 370 मजदूरों की जरूरत थी, जिसके लिए समिति को नियमानुसार अखबारों में विज्ञापन जारी कर टेंडर आमंत्रित करना था, लेकिन समिति ने विज्ञापन जारी किए बिना ही अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए चुपके से टेंडर आमंत्रित कर दिया. समिति के इस कार्रवाई के खिलाफ नेचर क्लीन, पैरामाउंट सिक्योरिटी और हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन नाम की कंपनियों ने याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आगामी आदेश तक टेंडर पर रोक लगा दी है.

पढ़ें:- अभिभावकों का आरोप, ट्यूशन फीस के नाम पर प्राइवेट स्कूल वसूल रहे मोटी रकम

अवैध कब्जा नहीं हटाने के लिए याचिका

बता दें की मामले में बिलासपुर जिले के उर्तुम गांव के निवासी सावित्री पटेल ने पूर्व में याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था कि उनके खेत के सामने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कुछ लोगों की ओर से किया गया. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने तब बिलासपुर जिले के तत्कालीन कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों को तय अवधि के भीतर सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराने का आदेश जारी किया था. निश्चित समय सीमा में सरकारी जमीन से बेजा कब्जा नहीं हटाए जाने पर याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने बिलासपुर जिले के पूर्व कलेक्टर संजय अलंग समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.