बलौदाबाजार: जिले में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. जिनके मुख्य कारणों में से एक सामान्य व्यक्तियों की ओर से मेडिकल दुकानों से बिना पर्ची के दवाई खरीदना भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक जिले में कोई भी व्यक्ति सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण दिखने पर सेल्फ मेडिसिन के तहत पैरासिटामोल, सिट्रीजिन,हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और अन्य एंटीबायोटिक दवाइयां बिना किसी डॉक्टर के सलाह से खरीदी जा रही हैं. जिससे कोरोना के संभावित मरीज कोविड 19 का टेस्ट नहीं करा रहे हैं. जिसके फलस्वरूप गंभीर लक्षण होने के बाद ही वे कोविड हॉस्पिटल पहुंचते हैं, जिनका इलाज करना और कठिन हो जाता है.
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने विषय की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. मीटिंग के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि कोई भी मेडिकल संचालक कुछ भी दवाइयों को चिकित्सक के सलाह पर पर्ची देखकर ही बेचना सुनिश्चित करें. साथ ही ऐसे मरीजों को कोविड टेस्ट के लिए प्रोत्साहित भी करें. कलेक्टर ने मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिया है कि वे सभी मरीजों का नाम और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से रजिस्टर में दर्ज करें. शनिवार से ऐसा नहीं करने वाले मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ अनिवार्य रूप से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं कलेक्टर ने ड्रग इंस्पेक्टर को भी निर्देश दिया है कि वे जिले के सभी मेडिकल स्टोर के रजिस्टरों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण सुनिश्चित करें.
कलेक्टर ने अधिकारियों को दिए थे ये निर्देश
बता दें कि गुरुवार को ही बलौदाबाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने कोरोना महामारी के दौरान अधिकारी और कर्मचारियों को अपना मुख्यालय छोड़कर कहीं और नहीं जाने के निर्देश दिए थे. कलेक्टर ने कहा था कि अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी को मुख्यालय से बाहर जाना आवश्यक हो तो वे पहले अनुमति लेकर ही मुख्यालय छोड़ें. ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन अवकाश पर भेजने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी.
मरीजों से घर से नहीं निकलने की अपील
कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से अपील की है कि वे अपने घर से बाहर न निकलें, बल्कि घर में ही रहकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए स्वास्थ्य लाभ लें. कलेक्टर ने कहा है कि किसी भी संक्रमित मरीज के घर से बाहर निकलने पर दूसरे लोगों में भी संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहता है, जो और भी घातक है.