दुर्ग: शालीमार एक्सप्रेस से बिहार के 13 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. ये बच्चे बिहार से महाराष्ट्र ले जाए जा रहे थे. RPF, GRP और स्टेशन प्रबंधन के संयुक्त टीम ने रेस्क्यू कर दुर्ग रेलवे स्टेशन में उतारा है. बच्चों को दुर्ग रेलवे स्टेशन के रिटायरिंग रूम में रखकर महिला बाल विकास और चाइल्ड लाइन की टीम पूछताछ कर रही है. मानव तस्करी की आशंका जताई जा रही है.
सभी बच्चे बिहार के पूर्णिया जिले और कटियार जिले के रहने वाले हैं. जिन्हें जिन्हें पूर्णिया के ही रहने वाले मोहम्मद तजम्मुल हुसैन के द्वारा महाराष्ट्र के धामनगांव के मदरसे में पढ़ाने के नाम से ले जाना बताया जा रहा है. लेकिन मदरसे ले जाने के कोई दस्तावेज युवक के पास नहीं हैं और न ही बच्चों के मां-बाप के अनुमति संबंधित दस्तावेज भी युवक के पास मिले हैं.
- हालांकि महिला बाल विकास की टीम के प्रारंभिक पूछताछ में भी बच्चों ने मदरसे जाने की बात कही है.
- इससे पहले भी राजनांदगांव में 34 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था. जिसकी जांच चल रही है.
- बच्चों के रेस्क्यू किए जाने की जानकारी पर मुस्लिम समाज के लोगों ने स्टेशन पहुचकर बच्चों से पूछताछ की है.
- मुस्लिम समाज के जानकारों के मुताबिक बिहार के मदरसों में ही उर्दू की बेहतर तालीम दी जाती है, उसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में मासूम बच्चों को महारष्ट्र ले जाने पर मानव तस्करी की शंका जताते हुए जांच की मांग करते हुए दोषी होने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
- वहीं बच्चों को ले जा रहे युवक ने पूर्णिया जिले के मदरसों में पढ़ाई महंगी होने पर धामनगांव ले जाने की बात कबूली है.
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रेलवे स्टाफ ने दी जानकारी
आज की इस रेस्क्यू में रेलवे के चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर जब शालीमार एक्सप्रेस में अपने स्टाफ के साथ टिकट जांच कर रहे थे, तब उन्हें भिलाई पावर हाउस स्टेशन आने पर जांच के दौरान एक बोगी में छोटे बच्चे नजर आए. जिनके टिकट जांच पर सभी शालीमार स्टेशन से बैठना बताया गया टिकट भी दुरुस्त थी. बच्चों के साथ चल रहे युवक पर शंका होने पर टी. नाग ने रायपुर रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी. जिसके बाद दुर्ग RPF, जीआरपी और स्टेशन प्रबंधक की संयुक्त टीम ने बच्चों को सुरक्षित उतार लिया है. फिलहाल अब भी जांच जारी है.
CWC कर रही है जांच
बिहार से महारास्ट्र ले जाए जा रहे 13 बच्चो को GRP, RPF ने महिला बाल विकास के चाइल्ड वेलफेयर कमिटी को सौंप दिया है अब आगे की जांच CWC में होनी है. सामाजिक व्यक्ति ने बताया कि रमजान के बाद बिहार से अधिकतर बच्चों को पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यो के मदरसों में ले जाया जाता है लेकिन मानव तस्करी जैसी कोई बात नहीं है.