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मसूरी में दिखा अद्भुत नजारा..ऐसा स्विट्जरलैंड और केपटाउन में भी दिखता है

एक तरफ उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों की रानी मसूरी में विंटर लाइन का खूबसूरत नजारा देखने को मिला. मसूरी में शाम के समय आसमान में एक सीधी लाल रेखा दिखती है, जिसका नजारा शानदार होता है.

Mussoorie Winter Line
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Published : Oct 18, 2021, 8:08 PM IST

देहरादून : पहाड़ों की रानी मसूरी की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है. इस पहाड़ी शहर को प्रकृति ने कई खूबसूरत और भी नजारे दिए हैं. मसूरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी के बीच कभी-कभी सूर्यास्त के बाद एक अनोखा नजारा पश्चिम दिशा में आसमान की ओर दिखता है.

एक रंग उभरता है. मानों कुदरत ने ये तस्वीर सिर्फ मसूरी के लिए ही खींची हो. इसी रेखा को विंटर लाइन कहते हैं. जो भी इस रंगीन रेखा को देखता है, बस देखता ही रह जाता है. दुनिया में व‍िंटर लाइन का नजारा स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन और भारत में सिर्फ मसूरी में दिखाई देता है. हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक मसूरी में व‍िंटर लाइन देखने को पहुंचते हैं. लेकिन, उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर जारी अलर्ट के बीच सैलानियों को मायूसी का सामना करना पड़ा. कुछ सौभाग्यशाली पर्यटक ही इसे देख पाए.

सूर्यास्त के बाद दिखती है विंटर लाइन

आमतौर पर मसूरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी के बीच सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में आसमान में एक अनोखा नजारा दिखाई देता है. आसमान में एक रंग उभरता है, मानो कुदरत अपना जादू बिखेर रही हो.

कुछ जगहों पर ही दिखता है अद्भुत नजारा

प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक गणेश सैली का कहना है कि यह एक अद्भुत घटना है, जो दुनिया में कुछ जगहों पर ही दिखाई देती है. इसमें मसूरी, दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन और स्विटजरलैंड शामिल हैं. ये दुनिया की सबसे बड़ी रेखा है, जो आसमान में दिखाई देती है.

विंटर लाइन क्या है?

विंटर लाइन के बारे में बताया जाता है कि यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन उतनी ही अधिक गहरी बनती है. यह रेखा अक्टूबर माह से फरवरी तक मसूरी से दून घाटी के ऊपर दिखाई देती है.

Mussoorie Winter Line
धूप खिली तो इंद्रधनुष का खूबसूरत नजारा देखने को मिला.

इंद्रधनुष भी दिखा

पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश के बाद जब धूप खिली तो इंद्रधनुष का खूबसूरत नजारा देखने को मिला. जिसे देख सैलानी खुशी से झूम उठे. साथ ही अपने मोबाइल में तस्वीर लेते नजर आए. वहीं, देश-विदेश से पहुंचे सैलानी खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं.

दरअसल, मसूरी में सोमवार सुबह से ही बारिश होने के साथ आसमान में काले बादल छाए हुए थे. जिससे तापमान में भारी गिरावट आ गई. देशभर से पहुंचे सैलानियों ने ठंडी और सुहावने मौसम का जमकर लुत्फ उठाया, लेकिन शाम करीब छह बजे आसमान साफ हुआ तो इंद्रधनुष भी देखने को मिला. जिसे देख सैलानियों के चेहर में अलग ही खुशी देखने को मिली. इस अदभुत पल को लोगों ने मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर शेयर करते नजर आए.

पढ़ेंः ये हसीन वादियां... बर्फ की सफेद चादर से ढके उत्तराखंड के पहाड़

देहरादून : पहाड़ों की रानी मसूरी की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई जवाब नहीं है. इस पहाड़ी शहर को प्रकृति ने कई खूबसूरत और भी नजारे दिए हैं. मसूरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी के बीच कभी-कभी सूर्यास्त के बाद एक अनोखा नजारा पश्चिम दिशा में आसमान की ओर दिखता है.

एक रंग उभरता है. मानों कुदरत ने ये तस्वीर सिर्फ मसूरी के लिए ही खींची हो. इसी रेखा को विंटर लाइन कहते हैं. जो भी इस रंगीन रेखा को देखता है, बस देखता ही रह जाता है. दुनिया में व‍िंटर लाइन का नजारा स्विट्जरलैंड, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन और भारत में सिर्फ मसूरी में दिखाई देता है. हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक मसूरी में व‍िंटर लाइन देखने को पहुंचते हैं. लेकिन, उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर जारी अलर्ट के बीच सैलानियों को मायूसी का सामना करना पड़ा. कुछ सौभाग्यशाली पर्यटक ही इसे देख पाए.

सूर्यास्त के बाद दिखती है विंटर लाइन

आमतौर पर मसूरी में अक्टूबर से लेकर फरवरी के बीच सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में आसमान में एक अनोखा नजारा दिखाई देता है. आसमान में एक रंग उभरता है, मानो कुदरत अपना जादू बिखेर रही हो.

कुछ जगहों पर ही दिखता है अद्भुत नजारा

प्रसिद्ध अंग्रेजी लेखक गणेश सैली का कहना है कि यह एक अद्भुत घटना है, जो दुनिया में कुछ जगहों पर ही दिखाई देती है. इसमें मसूरी, दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन और स्विटजरलैंड शामिल हैं. ये दुनिया की सबसे बड़ी रेखा है, जो आसमान में दिखाई देती है.

विंटर लाइन क्या है?

विंटर लाइन के बारे में बताया जाता है कि यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है. धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटर लाइन उतनी ही अधिक गहरी बनती है. यह रेखा अक्टूबर माह से फरवरी तक मसूरी से दून घाटी के ऊपर दिखाई देती है.

Mussoorie Winter Line
धूप खिली तो इंद्रधनुष का खूबसूरत नजारा देखने को मिला.

इंद्रधनुष भी दिखा

पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश के बाद जब धूप खिली तो इंद्रधनुष का खूबसूरत नजारा देखने को मिला. जिसे देख सैलानी खुशी से झूम उठे. साथ ही अपने मोबाइल में तस्वीर लेते नजर आए. वहीं, देश-विदेश से पहुंचे सैलानी खुशनुमा मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं.

दरअसल, मसूरी में सोमवार सुबह से ही बारिश होने के साथ आसमान में काले बादल छाए हुए थे. जिससे तापमान में भारी गिरावट आ गई. देशभर से पहुंचे सैलानियों ने ठंडी और सुहावने मौसम का जमकर लुत्फ उठाया, लेकिन शाम करीब छह बजे आसमान साफ हुआ तो इंद्रधनुष भी देखने को मिला. जिसे देख सैलानियों के चेहर में अलग ही खुशी देखने को मिली. इस अदभुत पल को लोगों ने मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर शेयर करते नजर आए.

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