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Wetland Site Pong Dam: पौंग झील पहुंचे 108 प्रजातियों के 1.17 लाख परिंदे, हिमाचल में पहली बार दिखी ‘लांग टेल्ड डक’

विश्व प्रसिद्ध वेटलैंड साइट पौंग बांध से प्रवासी पक्षियों के लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है. पौंग बांध जलाशय में इस बार देश व विदेश के 108 प्रजातियों के परिंदे पाए गए हैं. बात करें परिंदों की संख्या की तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष पक्षियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक नई प्रजाति देखने को मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

wetland site Pong Dam of Himachal
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Published : Feb 5, 2023, 9:08 AM IST

PCCF वाइल्ड लाइफ राजीव कुमार.

शिमला: मध्य एशिया, साइबेरिया, चीन और मंगोलिया में कड़ाके की ठंड पड़ने से वहां के परिंदे हिमाचल का रूख करते हैं. हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर ये पक्षी पौंग झील को सर्दियों में अपना आशियाना बना लेते हैं. दुनिया की श्रेष्ठ वेटलैंड में शुमार पौंग झील में इस बार भी बड़ी संख्या में विदेशी परिंदे पहुंचे हैं. यही वजह है कि इस बार पक्षी गणना यानी सर्वे में यहां पक्षियों की तादाद भी काफी ज्यादा पाई गई है.

हिमाचल में पहली बार दिखी ‘लांग टेल्ड डक’: इस साल की गणना में पौंग झील में 108 प्रजातियों के 1,17022 पक्षी मिले हैं. बड़ी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक नई प्रजाति, लंबी पूंछ वाली बत्तख यानी लांग टेल्ड डक देखी गई है, जिसको बोटिंग पॉइंट के पास सुगनारा क्षेत्र में रिपोर्ट किया गया है. यह सिर्फ रशिया में ही पाई जाती है. पौंग झील में हर साल की तरह इस बार भी जल पक्षी सर्वेक्षण किया गया. यह सर्वे 30 और 31 जनवरी को हुआ था, जिसमें वन्यजीव विंग, हिमाचल प्रदेश वन विभाग, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), राज्य जैव विविधता बोर्ड, वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया.

हर साल की तरह इस साल भी पौंग झील में हुआ पक्षियों का सर्वेक्षण.
हर साल की तरह इस साल भी पौंग झील में हुआ पक्षियों का सर्वेक्षण.

इसके तहत 30 जनवरी को सभी प्रतिभागियों की प्री-सेंसस ब्रीफिंग की गई. इसके बाद 31 जनवरी 2023 को पौंग डैम वन्यजीव अभयारण्य के पूरे क्षेत्र को 25 भागों में विभाजित किया गया और इसके लिए टीमों का गठन किया गया, जिसमें पक्षियों की गिनती के लिए 68 प्रतिभागियों ने भाग लिया. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान रिकॉर्ड किए गए पक्षियों की कुल संख्या 1,17,022 पाई गई, जिसमें 108 प्रजातियां शामिल हैं.

इस बार पौंग झील पहुंचे 108 प्रजातियों के 1.17 लाख पक्षी.
इस बार पौंग झील पहुंचे 108 प्रजातियों के 1.17 लाख पक्षी.

पौंग झील पहुंचे 1.17 लाख परिंदे: इस बार 1,17,022 पक्षी यहां पाए गए हैं, जो पिछले साल 1,10,309 लाख के मुकाबले ज्यादा हैं. इस बार यहां पक्षियों की 108 प्रजातियां मिली हैं. इनमें प्रवासी पानी में रहने वाले पक्षियों की 59 प्रजातियां, निवासी पानी में रहने वाले पक्षियों की 29 और अन्यों की 20 प्रजातियां शामिल हैं. इन 108 प्रजातियों में पानी पर निर्भर प्रवासी पक्षीयों की 59 प्रजातियों की संख्या 1,05,497 पाई गई है. वहीं, पानी पर निर्भर निवासी पक्षीयों की 29 प्रजातियों की संख्या 10,393 पाई गई है. जबकि अन्य पक्षीयों की 20 प्रजातियों की संख्यां 1,132 है.

पिछले साल के मुकाबले 6,700 पक्षी ज्यादा पहुंचे.
पिछले साल के मुकाबले 6,700 पक्षी ज्यादा पहुंचे.

पौंग में बार-हेडेड गीज प्रजाति के अकेले 50,263 परिंदे: पौंग झील में पाए गए पक्षियों की प्रजातियों में आधी संख्या बार-हेडेड गीज की है. यहां पर इस प्रजाति के कुल 50,263 परिंदे पाए गए हैं. वहीं, अन्य प्रमुख प्रजातियां यूरेशियन कूट (13,035), उत्तरी पिंटेल (15,783), कॉमन टील (6,478), कॉमन पोचार्ड (8,096), यूरेशियन विजन (1,674), लिटिल कॉर्मोरेंट (6,565), नॉर्दर्न शोवलर (1,518) और ग्रेट कॉर्मोरेंट (2768) भी यहां पाई गई हैं. झील में रिपोर्ट की गई अन्य प्रजातियों में लैसर व्हाईट फ्रंटेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुजिनस पोचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, कॉमन केस्ट्रेल आदि भी शामिल हैं. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान एक रिंग्ड बार-हेडेड गूज भी को भी देखा गया. पक्षियों की कुल संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि देखी गई है.

पहली बार हिमाचल पहुंची ‘लांग टेल्ड डक’.
पहली बार हिमाचल पहुंची ‘लांग टेल्ड डक’.

इन पक्षियों की सबसे ज्यादा संख्या बढ़ी: पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) वाइल्ड लाइफ राजीव कुमार बताया कि पक्षियों की संख्या में सबसे अधिक ध्यान देने योग्य वृद्धि उत्तरी पिंटेल की थी, जो पिछले वर्ष 4,665 से बढ़कर इस वर्ष 15,784 हो गई है. बार-हेडेड गीज की आबादी में भी वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की गणना से 2,665 अधिक है.

उन्होंने कहा कि पक्षियों की संख्या और प्रजातियों की संख्या आने वाले दिनों में उनके प्रजनन स्थलों की वापसी यात्रा के दौरान बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत से पक्षी पौंग झील में आने लगेंगे. इनमें से अधिकांश पक्षी तिब्बत, मध्य एशिया, रूस और साइबेरिया में ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में अपने प्रजनन स्थलों से पलायन करते हैं. पिछले कुछ सालों में पौंग झील प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए सर्दियों में रहने के लिए एक आदर्श स्थान बन गया है.

ये भी पढ़ें: बस स्टैंड हमीरपुर का सपना होगा पूरा, करोड़ों की लागत से बनेगा इंडोर स्टेडियम: CM सुक्खू

PCCF वाइल्ड लाइफ राजीव कुमार.

शिमला: मध्य एशिया, साइबेरिया, चीन और मंगोलिया में कड़ाके की ठंड पड़ने से वहां के परिंदे हिमाचल का रूख करते हैं. हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर ये पक्षी पौंग झील को सर्दियों में अपना आशियाना बना लेते हैं. दुनिया की श्रेष्ठ वेटलैंड में शुमार पौंग झील में इस बार भी बड़ी संख्या में विदेशी परिंदे पहुंचे हैं. यही वजह है कि इस बार पक्षी गणना यानी सर्वे में यहां पक्षियों की तादाद भी काफी ज्यादा पाई गई है.

हिमाचल में पहली बार दिखी ‘लांग टेल्ड डक’: इस साल की गणना में पौंग झील में 108 प्रजातियों के 1,17022 पक्षी मिले हैं. बड़ी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक नई प्रजाति, लंबी पूंछ वाली बत्तख यानी लांग टेल्ड डक देखी गई है, जिसको बोटिंग पॉइंट के पास सुगनारा क्षेत्र में रिपोर्ट किया गया है. यह सिर्फ रशिया में ही पाई जाती है. पौंग झील में हर साल की तरह इस बार भी जल पक्षी सर्वेक्षण किया गया. यह सर्वे 30 और 31 जनवरी को हुआ था, जिसमें वन्यजीव विंग, हिमाचल प्रदेश वन विभाग, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), राज्य जैव विविधता बोर्ड, वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया.

हर साल की तरह इस साल भी पौंग झील में हुआ पक्षियों का सर्वेक्षण.
हर साल की तरह इस साल भी पौंग झील में हुआ पक्षियों का सर्वेक्षण.

इसके तहत 30 जनवरी को सभी प्रतिभागियों की प्री-सेंसस ब्रीफिंग की गई. इसके बाद 31 जनवरी 2023 को पौंग डैम वन्यजीव अभयारण्य के पूरे क्षेत्र को 25 भागों में विभाजित किया गया और इसके लिए टीमों का गठन किया गया, जिसमें पक्षियों की गिनती के लिए 68 प्रतिभागियों ने भाग लिया. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान रिकॉर्ड किए गए पक्षियों की कुल संख्या 1,17,022 पाई गई, जिसमें 108 प्रजातियां शामिल हैं.

इस बार पौंग झील पहुंचे 108 प्रजातियों के 1.17 लाख पक्षी.
इस बार पौंग झील पहुंचे 108 प्रजातियों के 1.17 लाख पक्षी.

पौंग झील पहुंचे 1.17 लाख परिंदे: इस बार 1,17,022 पक्षी यहां पाए गए हैं, जो पिछले साल 1,10,309 लाख के मुकाबले ज्यादा हैं. इस बार यहां पक्षियों की 108 प्रजातियां मिली हैं. इनमें प्रवासी पानी में रहने वाले पक्षियों की 59 प्रजातियां, निवासी पानी में रहने वाले पक्षियों की 29 और अन्यों की 20 प्रजातियां शामिल हैं. इन 108 प्रजातियों में पानी पर निर्भर प्रवासी पक्षीयों की 59 प्रजातियों की संख्या 1,05,497 पाई गई है. वहीं, पानी पर निर्भर निवासी पक्षीयों की 29 प्रजातियों की संख्या 10,393 पाई गई है. जबकि अन्य पक्षीयों की 20 प्रजातियों की संख्यां 1,132 है.

पिछले साल के मुकाबले 6,700 पक्षी ज्यादा पहुंचे.
पिछले साल के मुकाबले 6,700 पक्षी ज्यादा पहुंचे.

पौंग में बार-हेडेड गीज प्रजाति के अकेले 50,263 परिंदे: पौंग झील में पाए गए पक्षियों की प्रजातियों में आधी संख्या बार-हेडेड गीज की है. यहां पर इस प्रजाति के कुल 50,263 परिंदे पाए गए हैं. वहीं, अन्य प्रमुख प्रजातियां यूरेशियन कूट (13,035), उत्तरी पिंटेल (15,783), कॉमन टील (6,478), कॉमन पोचार्ड (8,096), यूरेशियन विजन (1,674), लिटिल कॉर्मोरेंट (6,565), नॉर्दर्न शोवलर (1,518) और ग्रेट कॉर्मोरेंट (2768) भी यहां पाई गई हैं. झील में रिपोर्ट की गई अन्य प्रजातियों में लैसर व्हाईट फ्रंटेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुजिनस पोचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, कॉमन केस्ट्रेल आदि भी शामिल हैं. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान एक रिंग्ड बार-हेडेड गूज भी को भी देखा गया. पक्षियों की कुल संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि देखी गई है.

पहली बार हिमाचल पहुंची ‘लांग टेल्ड डक’.
पहली बार हिमाचल पहुंची ‘लांग टेल्ड डक’.

इन पक्षियों की सबसे ज्यादा संख्या बढ़ी: पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) वाइल्ड लाइफ राजीव कुमार बताया कि पक्षियों की संख्या में सबसे अधिक ध्यान देने योग्य वृद्धि उत्तरी पिंटेल की थी, जो पिछले वर्ष 4,665 से बढ़कर इस वर्ष 15,784 हो गई है. बार-हेडेड गीज की आबादी में भी वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष की गणना से 2,665 अधिक है.

उन्होंने कहा कि पक्षियों की संख्या और प्रजातियों की संख्या आने वाले दिनों में उनके प्रजनन स्थलों की वापसी यात्रा के दौरान बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि उत्तर-पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत से पक्षी पौंग झील में आने लगेंगे. इनमें से अधिकांश पक्षी तिब्बत, मध्य एशिया, रूस और साइबेरिया में ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में अपने प्रजनन स्थलों से पलायन करते हैं. पिछले कुछ सालों में पौंग झील प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियों के लिए सर्दियों में रहने के लिए एक आदर्श स्थान बन गया है.

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