महासमुंद : 8 मई को सिंघोड़ा थाना क्षेत्र के पुटका गांव में शिक्षक दंपती और उनकी मां के लापता होने की सूचना मिली. सूचना देने वाला शिक्षक का बड़ा बेटा था. पुलिस ने केस दर्ज कर सभी की तलाश शुरु की. लेकिन लापता होने के कई दिन बाद भी किसी का कोई सुराग नहीं मिला. दरअसल पुलिस जिन लोगों को जिंदा समझकर ढूंढ रही थी, वो इस दुनिया में थे ही नहीं. जिस बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, वही अपने पिता, मां और दादी का हत्यारा था. इस हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने करने के बाद आरोपी को जेल के पीछे पहुंचाया है.
कैसे पकड़ाया उदित : पुटका गांव के प्रभात भोई उनकी पत्नी झरना भोई और प्रभात की मां सुलोचना लापता थी. प्रभात के बड़े बेटे उदित ने ही थाने में ये सूचना दी थी. उदित ने पुलिस को बताया था कि माता पिता और दादी इलाज के लिए रायपुर गए हैं. लेकिन वापस नहीं लौटे. पुलिस गुमशुदा इंसानों की तलाश कर ही रही थी कि उदित का छोटा भाई अमित अपने घर आया. उसे जानकारी लगी कि माता पिता और दादी लापता हैं. लेकिन जब वो घर पहुंचा तो घर की हालत देखकर चौंक गया.क्योंकि घर के आंगन में खून के धब्बे थे.साथ ही साथ पीछे की ओर लकड़ियों का ढेर जलाया गया था.जिसमें कुछ हड्डियां थी. उसे जरा भी समझने में देर ना लगी कि क्या हुआ होगा.इस बात की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने मौके का मुआयना करने के बाद उदित को हिरासत में ले लिया.
क्यों की हत्या : उदित ने पुलिस को बताया कि वो ऐशो आराम की जिंदगी जीना चाहता था.लेकिन निठल्ला होने के कारण उसे घर में कोई भी पैसा नहीं देता था. पिता प्रभात भोई उसकी नशे की आदत से अक्सर नाराज रहते थे. चोरी, मारपीट जैसे मामले उदित के खिलाफ पहले ही दर्ज थे.जिसकी वजह से अक्सर घर का माहौल बिगड़ा रहता था.7 और 8 मई की शाम घर में झगड़ा हुआ था. जिसके बाद रात दो बजे उदित ने अपने पिता और मां के सिर पर ताबड़तोड़ हमला करके उनकी जान ले ली.
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कैसे छिपाया शव : हत्या के बाद आरोपी ने तीनों के शव को घर के पीछे ले जाकर इकट्टा किया. इस दौरान घर पर जो खून फैला हुआ था उसे आरोपी ने सैनिटाइजर की मदद से साफ किया.इसके बाद घर के पीछे रखी लकड़ियों को इकट्ठा करके तीनों के शवों को आरोपी ने जला दिया. इसके बाद आरोपी ने घर में फैले खून को साफ किया. साथ ही साथ छोटे भाई को शक ना हो इसलिए पिता के फोन का चालू रखकर ऑनलाइन खरीदारी करता रहा.ताकि उसे ये लगे कि पिता कहीं बाहर ही हैं.लेकिन उदित की कहानी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी और अब वो सलाखों के पीछे है.