रायगढ़: अंतर्राज्यीय रामायण प्रतियोगिता के तीसरे दिन केरल से आए दल ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी. रामकथा से जुड़े प्रसंगों की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. केरल की रामायण मंडली ने संगीतमय प्रस्तुति देते हुए सूर्पणखा प्रसंग से लेकर रावण वध तक के प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति दी. कलाकारों ने भक्ति और भाव के मिश्रण का जीवंत प्रदर्शन किया. अंतिम दिन केरल के साथ ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने प्रस्तुति दी.
जगमग दीप के साथ केलो मैय्या की महाआरती: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाम को केलो मैय्या की महाआरती कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की. उन्होंने गौ माता को चारा खिलाकर गोधन समृद्धि की भी कामना की. इस मौके पर सीएम ने गोबर से बने रंग-बिरंगे दिए से दीपदान किया. जगमग दीप के साथ केलो मैय्या की महाआरती की भव्यता ने बनारस के गंगा आरती की याद दिला दी. ऐसा लग रहा था मानो गंगा मैय्या साक्षात रायगढ़ की धरती पर उतर कर लोगों को भक्ति रस से सराबोर कर रही हैं. महाआरती में केलो उद्धार समिति और सर्व समाज के लोगों के साथ ही संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, विधायक चक्रधर सिंह, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत डॉ. रामसुन्दर दास भी शामिल रहे.
संवाद खुल बोल रही थी उत्तर प्रदेश की मंडली: इससे पहले शाम तक चली प्रतियोगिता के क्रम में उत्तर प्रदेश की रामायण मंडली ने भी अरण्य कांड पर भावपूर्ण प्रस्तुति दी. इसमें खास बात ये रही कि सभी पात्र अपने अपने संवाद खुद बोल रहे थे. म्यूजिक बैकग्राउंड में सुनाई देता रहा. बंगाल के रामायण की प्रस्तुति कृतिवास की रामायण पर आधारित थी. कृतिवास ने श्रीराम के कोमल पक्षों को उभारा है. वे बहुत भावुक हैं और चूंकि अरण्य कांड में सीता हरण जैसे कारुणिक प्रसंग हैं इसलिए यह भावुकता इस कथा में स्पष्ट उभरती है. दंतेवाड़ा के सुदूर वनांचल क्षेत्र बचेली से आए रामायण मंडली ने भी रोचक अंदाज में प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया.
बालासोर के मृतकों को दी श्रद्धांजलि: अंतर्राज्यीय रामायण प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर बालासोर रेल दुर्घटना के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पहली बार किसी सरकार की ओर से ऐसा आयोजन: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "पहली बार किसी सरकार की ओर से ऐसा आयोजन हुआ. इसमें कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे देशों ने हिस्सा लिया. हम सब सुंदर कांड सुनते हैं, बाल कांड सुनते हैं. अरण्य कांड प्रकृति को लेकर है. जूरी के सदस्यों ने इस सोच की प्रशंसा की. हम नदियों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. आज केलो में आरती हुई. हम नरवा कार्यक्रम चला रहे हैं. अब नदियों को लेकर यह कार्य करेंगे, ताकि यह बारहमासी हों. भगवान राम ने हमें सिखाया है कि कोई काम कठिन नहीं है. हम प्रकृति के संरक्षण के लिए काम करते रहेंगे."
सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ: समापन समारोह में भजन सम्राट दिलीप षड़ंगी की ओर से हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित जनप्रतिनिधियों और श्रद्धालुओं ने भी शिरकत की और सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया.
रामायण महोत्सव का पहला दिन: कंबोडिया के कलाकारों की प्रस्तुति के बाद अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के बीच अरण्यकांड पर आधारित प्रतियोगिता में उत्तराखंड, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ की टीमों ने प्रस्तुति दी.
रामायण महोत्सव का दूसरा दिन: भजन गायक लखबीर सिंह लख्खा और बाबा हंसराज रघुवंशी ने भक्तिमय प्रस्तुति दी. महाराष्ट्र के वर्धा से आए कलाकार दल ने राम वनवास कथा से जुड़े प्रसंग का शानदार मंचन किया. मध्य प्रदेश से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर जीवंत प्रस्तुति दी. असम के परफोर्मिंग आर्ट्स कॉलेज डिब्रूगढ़ और झारखण्ड के कलाकारों ने भी सीताहरण प्रसंग, जटायु प्रसंग और राम के वन वन भटकने के प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति दी. ओडिशा के कलाकारों की मारीच प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के कलाकारों की अरण्य कांड की प्रस्तुति ने भी दर्शकों को भावविभोर किया.