रायपुर: सीएम के नाम का ऐलान होने के बाद अब दो डिप्टी सीएम बनाए जाने के कयास तेज हो गए हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि बीजेपी एक तीर से तीन निशाने लगाने की तैयारी में है. विष्णुदेव साय को सीएम बनाकर आदिवासी वोटों को अपने पाले में करने की तैयारी कर ली है. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान अब एक ओबीसी को डिप्टी सीएम बना सकती है. छत्तीसगढ़ में ओबीसी वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटर निर्णायक साबित होंगे. पार्टी आलाकमान चाहती है कि आदिवासी प्लस ओबीसी वोटर अगर बीजेपी के साथ आ जाएं तो वो सभी 11 लोकसभा की सीटें आसानी से जीत सकती है. Raman Singh on new Deputy CM of Chhattisgarh
डिप्टी सीएम की रेस में अरुण साव !: डिप्टी सीएम बनने की रेस में अरुण साव शामिल हैं. पहले ये माना जा रहा था कि अरुण साव को पार्टी आलाकमान सीएम बना सकता है लेकिन सरगुजा और बस्तर में भारी जीत के बाद पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया. अब डिप्टी सीएम की रेस में ओबीसी समाज से आने वाले अरुण साव सबसे आगे चल रहे हैं. अरुण साव कुर्मी और साहू समाज का जाना माना चेहरा है. अरुण साव को अगर डिप्टी सीएम बनाया जाता है तो पार्टी को ओबीसी वोट मिलने में आसानी होगी.
अरुण साव की खासियत
- AVBP से की सियासत की शुरुआत
- 1990 से 95 तक AVBP के इकाई अध्यक्ष रहे
- संघ की पृष्ठभूमि से जुड़े रहे हैं साव
- संघ की गुड बुक में है साव का नाम
- 2019 में बिलासपुर से सांसद बने
- 1996 में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने
- वकालत के पेश में साव ने कमाया नाम
कवर्धा से विजय शर्मा को मिल सकता है मौका: 2024 के रण जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी का आलाकमान इस बार छत्तीसगढ़ में जातियों के बीच बैलेंस बनाने की रणीति के तहत काम कर रही है. इसी कड़ी में कवर्धा से भूपेश बघेल से खासमखास रहे मोहम्मद अकबर को हराने वाले विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. विजय शर्मा एक तो अगड़ी जाति से आते हैं, दूसरा मोहम्मद अकबर को हराने के बाद पार्टी में उनका कद ऊंचा हुआ है. हिंदू वोटरों को भी साधने की कोशिश विजय शर्मा के जरिए बीजेपी करना चाहती है.
विजय शर्मा पर भरोसा क्यों
- अगड़ी जाति का बड़ा चेहरा हैं
- अपराजेय मोहम्मद अकबर को हराया
- कांग्रेस के किले में सेंध लगाई
- संघ की पसंद भी हैं विजय शर्मा
- हिंदू चेहरे के रुप में जाने जाते हैं विजय शर्मा
रमन सिंह को बनाया जा सकता है विधानसभा अध्यक्ष: बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है. रमन सिंह तीन बार सीएम रहे हैं. वे विधायक, सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. उन्हें विधानसभा का लंबा अनुभव है. ऐसे में रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष के खांचे में फिट बैठते हैं.
रमन सिंह का सियासी सफर
- 1976 में रमन सिंह सियासत में आए
- 1977 से लेकर 1983 तक कवर्धा की राजनीति में सक्रिय रहे
- 1983-84 में पार्षद का चुनाव जीता
- 1990 और 1993 में एमपी विधानसभा के विधायक रहे
- 1999 में राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव जीता
- 1999 से 2003 तक अटल सरकार में मंत्री रहे
- साल 2003 में छत्तीसगढ़ के सीएम बने
- साल 2008 में दोबारा छत्तीसगढ़ के सीएम बने
- साल 2013 में तीसरी बार छत्तीसगढ़ के सीएम बने
- छत्तीसगढ़ में चाउर वाले बाबा के नाम से मशहूर
- साल 2018 में राजनांदगांव विधानसभा सीट से चुनाव जीते
- 2018 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हार के बाद सीएम की कुर्सी गई
- 2023 में राजनांदगांव सीट से चुनाव जीते