नई दिल्ली : 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21वीं बार जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक यात्रा करने वाले हैं. इसके साथ ही वह 1980 के बाद से राज्य का सर्वाधिक दौरा करने वाले प्रधानमंत्री बन जाएंगे. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले उग्रवाद के दौर में भी कश्मीर जा चुके हैं.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि उग्रवाद के दौर में 1993 में नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के 6 जिलों की यात्रा की थी. तब वह दौर था, जब मुख्यधारा के अधिकांश राजनेताओं ने आतंकियों के फरमान के बाद कश्मीर छोड़ दिया था. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला लंदन भाग गए थे. आगा सैयद महमूद, मोहम्मद शफी भट और मोहम्मद सईद अखून जैसे अपवादों को छोड़कर उनके कई पूर्व मंत्री और विधायक जम्मू में बस गए थे. 1989-90 में 11 महीने केंद्रीय गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद दिल्ली में रहते थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद भी अपने बहनोई के अपहरण के बाद कम ही नजर आते थे. फारूक अब्दुल्ला अपने करीबी रिश्तेदार शेख सादिक के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सके, जिसे मुश्ताक लताराम के अल-उमर मुजाहिदीन ने मार डाला था.
भाजपा नेताओं का दावा है कि तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और अन्य सहयोगियों के साथ लालचौक में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के एक साल बाद मोदी ने उग्रवाद से प्रभावित घाटी का दौरा किया था. प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई 2014 को जम्मू-कश्मीर की पहली यात्रा की थी. उसके बाद से अब तक वह 20 बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा कर चुके हैं. 2014 में ही उन्होंने नौ बार इस प्रदेश की यात्रा की थी. 2015 में, मोदी ने तीन बार जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था, जिनमें उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया था. 19 अक्टूबर 2018 को उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल का निरीक्षण किया था. 2019 में पुलवामा हमले के 11 दिन पहले भी पीएम मोदी ने श्रीनगर, लेह और जम्मू का दौरा किया था. इससे पहले आखिरी बार 14 अप्रैल 2019 को जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक यात्रा की थी, तब कठुआ और उधमपुर में लोकसभा चुनाव रैलियों को संबोधित किया था.
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित राज्य बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी दो बार दिवाली के मौके पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे मगर दोनों बार जम्मू के रजौरी में सैनिकों के साथ वक्त बिताया. अभी 24 अप्रैल को पीएम के कश्मीर यात्रा कार्यक्रम पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है मगर जम्मू के सांबा जिले में पल्ली पंचायत को एक विशाल जनसभा के लिए सजाया जा रहा है. भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में पीएम मोदी की पहली जनसभा होगी, जिसमें एक लाख लोग शामिल होंगे. इस दौरान वह चिनाब नदी पर तीन प्रमुख हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे. इसके अलावा केंद्रशासित प्रदेश के लिए नई औद्योगिक विकास नीति के तहत 70,000 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय और विदेशी निवेश वाली परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में प्रधानमंत्री की दूसरी जनसभा होगी, जिसमें भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के सदस्यों को आमंत्रित किया गया है.
इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर में पहले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच दौरा कर रहे हैं. राज्य में विधानसभा गठन के लिए परिसीमन की प्रक्रिया मार्च 2020 में शुरू हुई थी. माना जा रहा है कि इस वर्ष 6 मई तक परिसीमन का काम पूरा हो जाएगा. पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही आश्वासन दे चुके हैं कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद चुनाव होंगे. हालांकि, विधानसभा चुनाव काफी हद तक सुरक्षा व्यवस्था पर भी निर्भर करेगा. पुलिस और सुरक्षा बलों ने पिछले तीन वर्षों में 600 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है, मगर 19 मार्च 2022 के बाद से आतंकवादी हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी से सरकार की चिंता बढ़ गई है.
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