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Amit Shah visit Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में अमित शाह के दौरे के राजनीतिक मायने - Amit Shah Bastar visit

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की सीटों और कोरबा लोकसभा सीट पर भाजपा की पैनी नजर है. बस्तर की 12 विधानसभा सीटों में से भाजपा के पास एक भी सीट नहीं है. भाजपा दोनों किलों को मजबूत करना चाहती है. यही वजह है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 3 महीने में यह छत्तीसगढ़ का दूसरा दौरा है. जनवरी में शाह ने कोरबा का दौरा किया. अब वह बस्तर दौरे पर हैं. Amit Shah Bastar visit

Amit Shah visit Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में अमित शाह
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Published : Mar 24, 2023, 12:48 PM IST

अमित शाह के बस्तर दौरे के राजनीतिक मायने

रायपुर: भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव हैं. साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं. छत्तीसगढ़ पर भाजपा का खास फोकस है, क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है. साल 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी थी. मध्यप्रदेश में सत्ता बदल गई लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है.

साल 2019 लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 9 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2 महत्वपूर्ण सीटें कोरबा और बस्तर पर भारतीय जनता पार्टी की हार हुई थी. लिहाजा सियासी गलियारों में शाह के दौरे को लेकर हलचल है. वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक "कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित छत्तीसगढ़ नजर आ रहा है, इसलिए भाजपा नेता छत्तीसगढ़ में बहुत ज्यादा होमवर्क कर रहे हैं. अमित शाह का दौरा लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिहाज से है. शाह पहले कोरबा आए थे. अब वे बस्तर आ रहे हैं.

Amit Shah Bastar Visit: अमित शाह के बस्तर दौरे का मिनट टू मिनट शड्यूल

कोरबा पर नजर क्यों: कोरबा और बस्तर लोकसभा सीटों पर आदिवासियों की आबादी ज्यादा है. कोरबा लोकसभा में 21 लाख से ज्यादा जनसंख्या है. यहां 45 फीसदी आबादी आदिवासियों की और 9% अनुसूचित जाति वर्ग की है. कोरबा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा शामिल हैं. इनमें 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. एक विधानसभा सीट रामपुर से भाजपा के ननकीराम कंवर विधायक हैं. भाजपा कोरबा लोकसभा सीट पर फोकस कर विधानसभा सीटों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.

बस्तर की सीटें इसलिए अहम: बस्तर लोकसभा सीट में 70% वोटर आदिवासी वर्ग के हैं. बस्तर लोकसभा क्षेत्र की आबादी 20 लाख से ज्यादा है. बस्तर लोकसभा से वर्तमान में कांग्रेस दीपक बैज सांसद हैं. बस्तर लोक सभा क्षेत्र में 8 विधानसभा हैं. इनमें कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा बीजापुर और कोंटा है. इन सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

Amit Shah Bastar Visit अमित शाह का बस्तर दौरा आज, नक्सलवाद पर कितनी लगेगी लगाम ?

वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे मानते हैं कि ''सरगुजा की तुलना में बस्तर भाजपा को ज्यादा चुनौतीपूर्ण लग रहा है. दीपक बैज एक मजबूत आदिवासी नेता हैं. मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. आबकारी मंत्री कवासी लखमा अनुभवी नेता है, हालांकि उनकी छवि हास परिहास वाली है,लेकिन उनकी मजबूती को नकारा नहीं जा सकता. बस्तर में कांग्रेस ज्यादा मजबूत है. इसका तोड़ निकालने के लिए ही अमित शाह बस्तर का दौरा कर रहे हैं.''

भाजपा ने झोंकी ताकत: अमित शाह लगातार छत्तीसगढ़ के सियासी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. वे लगातार छत्तीसगढ़ दौरे पर आते रहे हैं. पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी किताब का विमोचन रायपुर में हुआ तो अमित शाह आए थे. अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक ''कोरबा में अमित शाह का आना और अब बस्तर दौरा दोनों ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ छत्तीसगढ़ में जुट गई है.''

अमित शाह के बस्तर दौरे के राजनीतिक मायने

रायपुर: भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है. छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव हैं. साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी हैं. छत्तीसगढ़ पर भाजपा का खास फोकस है, क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है. साल 2018 विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी थी. मध्यप्रदेश में सत्ता बदल गई लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बेहद मजबूत स्थिति में है.

साल 2019 लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 9 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन 2 महत्वपूर्ण सीटें कोरबा और बस्तर पर भारतीय जनता पार्टी की हार हुई थी. लिहाजा सियासी गलियारों में शाह के दौरे को लेकर हलचल है. वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक "कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित छत्तीसगढ़ नजर आ रहा है, इसलिए भाजपा नेता छत्तीसगढ़ में बहुत ज्यादा होमवर्क कर रहे हैं. अमित शाह का दौरा लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिहाज से है. शाह पहले कोरबा आए थे. अब वे बस्तर आ रहे हैं.

Amit Shah Bastar Visit: अमित शाह के बस्तर दौरे का मिनट टू मिनट शड्यूल

कोरबा पर नजर क्यों: कोरबा और बस्तर लोकसभा सीटों पर आदिवासियों की आबादी ज्यादा है. कोरबा लोकसभा में 21 लाख से ज्यादा जनसंख्या है. यहां 45 फीसदी आबादी आदिवासियों की और 9% अनुसूचित जाति वर्ग की है. कोरबा लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा शामिल हैं. इनमें 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. एक विधानसभा सीट रामपुर से भाजपा के ननकीराम कंवर विधायक हैं. भाजपा कोरबा लोकसभा सीट पर फोकस कर विधानसभा सीटों पर भी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.

बस्तर की सीटें इसलिए अहम: बस्तर लोकसभा सीट में 70% वोटर आदिवासी वर्ग के हैं. बस्तर लोकसभा क्षेत्र की आबादी 20 लाख से ज्यादा है. बस्तर लोकसभा से वर्तमान में कांग्रेस दीपक बैज सांसद हैं. बस्तर लोक सभा क्षेत्र में 8 विधानसभा हैं. इनमें कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा बीजापुर और कोंटा है. इन सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.

Amit Shah Bastar Visit अमित शाह का बस्तर दौरा आज, नक्सलवाद पर कितनी लगेगी लगाम ?

वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे मानते हैं कि ''सरगुजा की तुलना में बस्तर भाजपा को ज्यादा चुनौतीपूर्ण लग रहा है. दीपक बैज एक मजबूत आदिवासी नेता हैं. मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. आबकारी मंत्री कवासी लखमा अनुभवी नेता है, हालांकि उनकी छवि हास परिहास वाली है,लेकिन उनकी मजबूती को नकारा नहीं जा सकता. बस्तर में कांग्रेस ज्यादा मजबूत है. इसका तोड़ निकालने के लिए ही अमित शाह बस्तर का दौरा कर रहे हैं.''

भाजपा ने झोंकी ताकत: अमित शाह लगातार छत्तीसगढ़ के सियासी हालात पर नजर बनाए हुए हैं. वे लगातार छत्तीसगढ़ दौरे पर आते रहे हैं. पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी किताब का विमोचन रायपुर में हुआ तो अमित शाह आए थे. अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक ''कोरबा में अमित शाह का आना और अब बस्तर दौरा दोनों ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ छत्तीसगढ़ में जुट गई है.''

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