पटना : बिहार के बक्सर जिले के चर्चित एंबुलेंस मामले (Buxar Ambulance Case) को प्रमुखता से दिखाने पर ईटीवी भारत (ETV Bharat) के संवाददाता उमेश पांडेय पर एफआईआर (FIR on Etv Bharat Reporter) को लेकर राजद और कांग्रेस के अलावा अब सरकार के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी कड़ी निंदा की. हम पार्टी प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पत्रकार पर एफआईआर होना ठीक नहीं है, ये लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार मामले पर संज्ञान लें.
हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा, पत्रकार पर जो एफआईआर हुई है, वो गलत है. बक्सर में जब मंत्री द्वारा एक ही एंबुलेंस का बार-बार उद्घाटन किया जा रहा है, तो यह देखने वाली बात होगी कि वह एंबुलेंस कहां से आ रही है. लेकिन पत्रकार पर एफआईआर होना ठीक नहीं है, ये लोग लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. इसलिए मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहना चाहता हूं कि मामले को संज्ञान में लेते हुए खबरों की सच्चाई को जाने और जो भी दोषी होगा उन पर सरकार कार्रवाई करें.
राजद नेता विजय प्रकाश ने कहा, भारतीय जनता पार्टी हमेशा जुमलेबाजी करती है. जब सच्चाई को मीडिया सामने रखना शुरू कर देती है, तो उनकी आवाज को दबाने के लिए बीजेपी के नेता धमकी देते हैं . उन पर एफआईआर तक दर्ज करवा देते हैं. वो शुरू से ही ऐसा करते आ रहे हैं. जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश और बिहार इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र को मारने का प्रयास शुरू से ही करती आई है. सोशल मीडिया के जरिए सरकार के कारनामों को जब उजागर किया जा रहा था, तो उस पर भी अंकुश लगाने का काम यह सरकार कर रही है. यहां तक कि जो स्वतंत्र मीडिया है, वह निष्पक्ष खबरों को दिखाना चाहता है. उस पर बीजेपी के नेता एफआईआर दर्ज करवा देते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा, जब अश्विनी कुमार चौबे के कारनामे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया, तो उनके इशारे पर पत्रकार पर केस दर्ज करवा दिया गया. जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. यदि खबर गलत थी तो केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए था. लेकिन, वह नहीं बता पाए और पत्रकार की आवाज को दबाने के लिए उन पर एफआईआर दर्ज करवा दिया.
ईटीवी ने प्रमुखता से दिखाई खबर
बता दें कि बिहार में कोरोना संकट के समय जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान होते दिखे, वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में एंबुलेंस दी, ताकि लोगों की सेवा की जा सकें. लेकिन, अश्विनी कुमार चौबे द्वारा दी गई एंबुलेंस का चार बार उद्घाटन करने का मामला सामने आया. जिसे ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया.
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एफआईआर को लेकर घिरी बीजेपी
ईटीवी भारत के संवाददाता उमेश पांडेय ने इसकी तहकीकात की जिसमें बहुत सारे तथ्य सामने आए. खबरों को लगातार दिखाए जाने के बाद बक्सर जिले के पूर्व प्रत्याशी और भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी ने उन पर एफआईआर दर्ज करा दी. अब देखने वाली बात होगी कि पत्रकार उमेश पांडे पर हुई एफआईआर को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के सीएम की तरफ से क्या कुछ प्रतिक्रिया आती है.