रायपुर : छत्तीसगढ़ में भी हिट एंड रन एक्ट का विरोध का बड़ा असर देखा जा रहा है. इस एक्ट को लेकर बस और ट्रक ड्राइवर्स एसोसिएशन ने मोर्चा खोला है.जिसके कारण बसें नहीं चल रही हैं.वहीं ट्रक नहीं चलने के कारण सामानों की आपूर्ति ठप है. इस हड़ताल के कारण पेट्रोल पंप तक ऑयल टैंकर भी नहीं पहुंच रहे हैं.जिसके कारण धीरे-धीरे करके पेट्रोल पंप भी ड्राई हो रहे हैं. हालांकि सरकार ने इसे देखते हुए पेट्रोल पंपों में ऑयल टैंकर्स तक पहुंचाने के सख्त आदेश जारी किए.जिसके बाद कुछ जगहों पर पेट्रोल पंप के टैंकर पहुंचे हैं.बावजूद इसके कई जगहों पर अब भी विरोध के कारण ट्रक और बसें नहीं चल रही हैं.
पेट्रोल पंप में लंबी कतार: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बात करें तो यहां के पेट्रोल पंप में लंबी कतारें लगी हैं. लोग पेट्रोल पंप में तेल के लिए लंबी लाइन लगाए हैं.कई पेट्रोल पंपों में तेल खत्म हो चुका है. ऐसे में स्थिति बिगड़ने लगी है.पेट्रोल पंप संचालकों की माने तो उनके पास सोमवार तक का स्टॉक था.लेकिन अचानक से जब आपूर्ति रूकी तो लोगों की भीड़ पेट्रोल पंपों में लगने लगी.जिसके कारण स्थिति अब गंभीर होने लगी है.यदि वक्त रहते आपूर्ति फिर से शुरु नहीं हुई तो तेल संकट गहरा सकता है.
भाटागांव बस स्टैंड से नहीं रवाना हुईं बसें : रायपुर के अंतराज्यीय बस स्टैंड में भी बसों के पहिए थमे हैं.जिसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बसें नहीं चलने से लोग एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए दूसरे संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.जिसके कारण उन्हें दोगुनी रकम देनी पड़ रही है. बस एसोसिएशन की माने तो केंद्र को काले कानून को वापस लेना होगा.क्योंकि इस कानून के कारण गरीब ड्राइवर के पास काम छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा.
कोरबा में कोल ट्रांसपोर्ट का काम रूका : छत्तीसगढ़ के कोरबा में ज्यादातर कोयला खदानों से कोल का ट्रांसपोर्ट ट्रकों के जरिए होता है. लेकिन हिट एंड रन एक्ट के खिलाफ हो रहे विरोध ने इस पर भी असर डाला है.कुसमुंडा क्षेत्र में कोल परिवहन से जुड़े ट्रांसपोटर्स का कहना है कि सरकार ने जो कानून लाया है वो काला कानून जैसा है.जिसके कारण कई ड्राइवर अब काम छोड़ने का मन बना चुके हैं. एसोसिएशन ने तय किया है कि 3 जनवरी तक वो कुसमुंडा कोल माइंस से कोल ट्रांसपोर्ट का काम नहीं करेंगे.
बस्तर में भी स्थिति हो रही बेकाबू : बस्तर में भी ट्रक और बसें नहीं चलने से यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक यूनियन के सदस्यों, ड्राइवर संघ और निजी बस संचालकों के मुताबिक केंद्र सरकार के काले कानून से वाहन चालकों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. ऐसे में वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले. वहीं बस एसोसिएशन, ट्रक यूनियन के विरोध के कारण बस्तर संभाग के कई पेट्रोल पंप में अब किल्लत होने लगी है. बस्तर के अधिकांश पेट्रोल पंप में पेट्रोल और डीजल खत्म हो चुके हैं.
गौरेला पेंड्रा मरवाही में यात्री परेशान: नए मोटर व्हीकल एक्ट के संसोधन की मांग का असर छोटी जगहों पर भी पड़ा है. ट्रक चालक और ट्रांसपोर्टर संगठन के बाद अब कमर्शियल वाहन चालक इसके समर्थन में उतरे हैं.नए साल में अमरकंटक घूमने आए लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हड़ताल के कारण यात्री बस से लेकर ऑटो- टैक्सी अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए हैं. ड्राइवर्स ने अपनी गाड़ियों को स्टैंड में खड़ा कर दिया है. जिससे आम जनता के पसीने छूट रहे हैं.नए साल पर कई लोग अमरकंटक घूमने पहुंचे. लेकिन कोई भी गाड़ी नहीं चलने के कारण अब सभी भटक रहे हैं.
फल और सब्जियों की सप्लाई रुकी : ट्रांसपोर्ट हड़ताल के कारण बाजार में फल और सब्जियों की आपूर्ति भी ठप हो गई है.जिसके कारण छत्तीसगढ़ की बड़ी सब्जी मंडियों तक माल नहीं आ सका है. लिहाजा जितनी सब्जियां जो मार्केट में मौजूद हैं उनके दाम धीरे-धीरे करके आसमान छूने लगे हैं. ट्रांसपोर्ट नहीं मिलने के कारण सिर्फ लोकल स्तर पर मिलने वाली सब्जियां ही बाजार तक पहुंच रही हैं.वहीं जिन सब्जियों के ताजा रहने की संभावना काफी कम दिनों की है वो रास्ते में फंसे होने के कारण खराब होने लगी हैं.
क्या है नया व्हिकल एक्ट ? : आपको बता दें कि लोकसभा में तीन विधेयक पारित किये गए हैं. जिनमें एक हिट एंड रन विधेयक भी था. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून का रूप ले चुका है. हिट एंड रन कानून के अंतर्गत एक्सीडेंट के मामलों की सजा में बदलाव किया गया हैं. जिसके मुताबिक रोड एक्सीडेंट के बाद यदि ड्राइवर मौके से भागता है, तो ऐसी स्थिति में 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा. जुर्माना के तौर पर ड्राइवर को 7 लाख रुपए देने होंगे.जबकि पहले ऐसे मामलों में ड्राइवर को अधिकतम दो साल तक की सजा होती थी.
पेट्रोल और डीजल के दामों में नहीं आया उछाल :छत्तीसगढ़ में पेट्रोल डीजल के दामों की बात करें तो फिलहाल मंगलवार पेट्रोल डीजल के दाम में कोई उछाल नहीं आया है. प्रदेश में पेट्रोल डीजल के रेट स्थिर है. रायपुर में पेट्रोल का रेट 102.44 रुपये प्रति लीटर है. जबकि डीजल 95.42 प्रति लीटर है.
छत्तीसगढ़ के शहरों में पेट्रोल के दाम: अंबिकापुर में पेट्रोल 103.58 रुपये प्रति लीटर, बीजापुर में 101.70 रुपये लीटर, बिलासपुर में 103.14, दंतेवाड़ा में पेट्रोल का दाम सबसे ज्यादा है. यहां ₹ 106.01 प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है. धमतरी में ₹ 103.00, दुर्ग में ₹ 102.69, जगदलपुर में 105.21, जांजगीर चांपा में ₹ 102.65, जशपुर में 104.34 कांकेर में ₹ 103.61 कवर्धा में 103.36 रुपये कोरबा में ₹ 102.12, महासमुंद में 102.62 नारायणपुर में ₹ 104.80, रायगढ़ में 103.41, राजनांदगांव में 103.16 सूरजपुर में ₹ 103.70 प्रति लीटर पेट्रोल मिल रहा है.
छत्तीसगढ़ के डीजल रेट: ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल का असर फिलहाल डीजल के रेट पर नहीं पड़ा है. अंबिकापुर में डीजल 96.95 रुपये प्रति लीटर है. कोरबा में डीजल के दाम सबसे कम 95.11 रुपये प्रति लीटर है. बिलासपुर 96.12, दंतेवाड़ा में डीजल का रेट सबसे ज्यादा 98.94 रुपये हैं. धमतरी 95.97, दुर्ग में 95.67 रुपये प्रति लीटर है. जगदलपुर में डीजल के दाम 98.15 रुपये लीटर है. जांजगीर 95.63 जशपुर 97.31 कांकेर 96.57 , कवर्धा 96.32, महासमुंद 95.60 नारायणपुर 97.75 रायगढ़, 96.38 राजनांदगांव 96.13 सूरजपुर में 96.67 रुपये प्रति लीटर डीजल रेट है.