नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी ने भले ही नुपूर शर्मा को निलंबित कर दिया हो, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे मामले पर भारत ने जिस तरह से प्रतिक्रिया दी है, नीदरलैंड के सांसद ने हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि भारत को अरब और इस्लामिक देशों के आगे नहीं झुकना चाहिए. इसी तरह से पाकिस्तानी लेखक तारेक फतेह ने भी नुपूर के समर्थन में बयान दिया है.
डच सांसद गिर्ट विल्डर्स पार्टी ऑफ फ्रीडम के नेता हैं. उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही हास्यास्पद है कि अरब और इस्लामिक देश नुपूर शर्मा ने जो सच बताया है, उसे गलत ठहराने पर तुले हुए हैं. इस मामले पर भारत क्यों माफी मांगे.' गिर्ट यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे लिखा है कि तुष्टीकरण कभी भी काम नहीं आता है. इससे समस्याएं और भी जटिल हो जाती हैं.
गिर्ट ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भारत के मेरे मित्रों आप मुस्लिम देशों के दबाव में न आएं. आप आजादी के लिए खड़े रहिए और नुपूर शर्मा पर गर्व कीजिए.
आपको बता दें कि गिर्ट के इस ट्वीट के बाद उन्हें भी धमकी दी गई है. इन धमकियों का जवाब देते हुए गिर्ट ने कहा कि उन्हें किसी की परवाह नहीं है. यह सच है कि मुझे पाकिस्तान से लेकर तुर्की से धमकियां मिल रहीं हैं. लेकिन वे सभी जान लें, मैं सच बोलने से पीछे नहीं हटूंगा.
नुपूर के समर्थन में पाकिस्तानी लेखक तारेक फतेह भी आए हैं. फतेह ने कहा, 'जो लोग हिंदू देवी देवताओं पर मजाक करते हैं, उन्हें मजाक का विषय बनाते हैं, उन पर कोई नहीं बोलता है. अगर नुपूर ने कुछ बोला तो इसे इतना बड़ा विषय बनाने की जरूरत नहीं थी. नाइजीरिया में एक मुसलमान ने चर्च में लोगों को मार डाला, किसी की हिम्मत क्यों नहीं हुई कि इस मुद्दे को उठाएं.'
गुजरात के पूर्व पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा ने भी नुपूर शर्मा का समर्थन किया है. वंजारा ने कहा है कि नुपूर का बयान ऐतिहासिक रूप से सच है. इस पर कोई भी कानूनी या राजनीतिक कार्रवाई नहीं हो सकती है. जो जिहादी उन्हें बलात्कार और मौत की धमकी दे रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. हमें भारत के सम्मान के लिए नुपूर का साथ देना चाहिए.
किन-किन देशों ने किया विरोध
कतर, सउदी अरब, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, कुवैत समेत ओआईसी संगठन ने.
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