कांकेर: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने इस योजना की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि "अब तक पुलिस के नाम से कोसों दूर भागने वाले नक्सलगढ़ के बच्चे अब पुलिस की इस स्कीम से जुड़ रहे हैं. नक्सल इलाके के छात्र या बच्चे अब पुलिस जवानों के इंतजार में कोचिंग सेंटरों में बैठते हैं. क्योंकि उन्हें यहां उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षा के साथ साथ करियर गाइडेंस भी मिलता है. पूना वेश योजना की सफलता से यह भ्रम भी टूट गया है कि, पुलिस से संवेदनशील नक्सल इलाकों के बच्चे दूर भागते हैं."
निशुल्क कोचिंग सेंटर से बच्चे हो रहे शिक्षित: आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि" कांकेर जिला पुलिस ने 'पूना वेश नवा अंजोर योजना' के तहत जून 2022 में ताड़ोकी और अगस्त 2022 में कोयलीबेड़ा में निशुल्क कोचिंग सेंटर शुरू किया था. बच्चों को पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों को उपलब्ध कराने के साथ ही पुस्तकालय की भी शुरूआत की गई है. जिसका लाभ आसपास के क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिल रहा है."
आगे बढ़ने की ललक ने नक्सल आतंक को दिखाया ठेंगा: बस्तर आईजी ने कहा कि "शुरुआत में आशंका थी कि, इस योजना से अंदरूनी इलाके क वजह से बच्चे नहीं जुड़ेंगे. लेकिन पढ़ाई और आगे बढ़ने की लालसा ने नक्सलियों के आतंक को ठेंगा दिखाया है. छात्र-छात्राएं कोचिंग सेंटर पहुंचने लगे हैं. यहां देखते देखते छात्रों की संख्या बढ़ने लगी.
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अधिकारियों से लेकर डॉक्टर तक देते हैं मार्गदर्शन: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि" कोचिंग सेंटर में एसपी, एएसपी, डीएसपी, टीआई तथा अन्य अफसर के अलावा इलाके में पदस्थ डॉक्टर और अन्य सरकारी अफसर समय समय पर पहुंचते हैं. बच्चों को पढ़ाने के साथ ही अधिकारी उनका मार्गदर्शन भी कर रहे हैं. आने वाले एसआई की प्रतियोगी परीक्षा के लिए, छात्रों को कोचिंग और कई टिप्स दिए जा रहे हैं. यहां उन्हें 12वीं की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी देकर तैयारी भी कराई जा रही है. इसके पहले इन इलाकों के बच्चे किसी तरह 12वीं तक की पढ़ाई ही कर पाते थे."