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तीन साल में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ के दो हजार से अधिक मामले सामने आए : सरकार

भारत सरकार ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ (cross-border infiltration from neighboring countries) के दो हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. इन्हें रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए निगरानी सहित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं.

Minister of State for Home Nishith Pramanik
गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक
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Published : Dec 7, 2021, 9:16 PM IST

नई दिल्ली : भारत सरकार ने बताया कि तीन साल में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ (cross-border infiltration from neighboring countries) के दो हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. लोकसभा में चिराग पासवान के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक (Minister of State for Home Nishith Pramanik) ने यह जानकारी दी.

चिराग ने पूछा था कि क्या सरकार का सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में भारी वृद्धि (Huge increase in the proportion of population in border areas) को देखते हुए घुसपैठ की निगरानी एवं जांच करने के लिये विशेष निगरानी दल गठित करने का विचार है तथा तीन वर्षों में घुसपैठ के कितने मामले सामने आए.

इस पर गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक तीन वर्षों में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ के 2073 से अधिक मामले सामने आए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के 128 मामले, भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के 1787 मामले, भारत-नेपाल सीमा पर घुसपैठ के 25 मामले तथा भारत-म्यामांर सीमा पर घुसपैठ के 133 मामले दर्ज किए गए.

यह भी पढ़ें- VL-SRSAM : Surface to Air Missle का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री ने DRDO को दी बधाई

निचले सदन में पेश आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में भारत-भूटान सीमा पर घुसपैठ के शून्य मामले तथा भारत-चीन सीमा पर भी घुसपैठ के शून्य मामले दर्ज किए गए. प्रमाणिक ने बताया कि सीमा रक्षक बलों सहित सरकार की एजेंसियों द्वारा घुसपैठ को रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए निगरानी सहित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत सरकार ने बताया कि तीन साल में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ (cross-border infiltration from neighboring countries) के दो हजार से अधिक मामले सामने आए हैं. लोकसभा में चिराग पासवान के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक (Minister of State for Home Nishith Pramanik) ने यह जानकारी दी.

चिराग ने पूछा था कि क्या सरकार का सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में भारी वृद्धि (Huge increase in the proportion of population in border areas) को देखते हुए घुसपैठ की निगरानी एवं जांच करने के लिये विशेष निगरानी दल गठित करने का विचार है तथा तीन वर्षों में घुसपैठ के कितने मामले सामने आए.

इस पर गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक तीन वर्षों में पड़ोसी देशों से सीमापार घुसपैठ के 2073 से अधिक मामले सामने आए हैं. इन आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ के 128 मामले, भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के 1787 मामले, भारत-नेपाल सीमा पर घुसपैठ के 25 मामले तथा भारत-म्यामांर सीमा पर घुसपैठ के 133 मामले दर्ज किए गए.

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निचले सदन में पेश आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में भारत-भूटान सीमा पर घुसपैठ के शून्य मामले तथा भारत-चीन सीमा पर भी घुसपैठ के शून्य मामले दर्ज किए गए. प्रमाणिक ने बताया कि सीमा रक्षक बलों सहित सरकार की एजेंसियों द्वारा घुसपैठ को रोकने एवं नियंत्रित करने के लिए निगरानी सहित अन्य कदम उठाए जा रहे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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