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Mokshada Ekadashi : मोक्ष प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. इस साल मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 14 दिसंबर (Gita Jayanti 2021) को मनाई जाएगी. एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.

Mokshada Ekadashi December 2021 etv bharat
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Published : Dec 13, 2021, 11:16 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 4:00 AM IST

कुरुक्षेत्र : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत और पूजा आदि करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस जन्म में सभी पापों का नाश होता है. मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने कुरूक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. बता दें कि इस साल मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 14 दिसंबर (Gita Jayanti 2021) को मनाई जाएगी. एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.

Mokshada Ekadashi December 2021 etv bharat
मोक्ष प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा

मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

जयराम विद्यापीठ, कुरुक्षेत्र के प्राध्यापक राजेश आचार्य ने बताया कि इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन सोमवार को रात 9:32 से हो रहा है. एकादशी तिथि अगले दिन 14 दिसंबर को रात 11:35 तक है. व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है. इसलिए मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा.

जानें व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

एकादशी पूजा विधि

राजेश आचार्य ने बताया कि सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें. भगवान की आरती करें. भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें. इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूजा के लिए जरूरी चीजें

श्री विष्णु जी का चित्र या मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लॉन्ग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान.

व्रत रखने की विधि

दशमी के दिन ही शाम के समय इसका व्रत शुरू हो जाता है. एकादशी के दिन सिर्फ फल का ही सेवन किया जाता है और उससे अगले दिन यानी द्वादशी के दिन भंडारा करके इसका व्रत खोला जाता है.

पढ़ेंः Papankusha Ekadashi 2021 : पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

पढ़ेंः इंदिरा एकादशी के व्रत से पितरों को मिलता है मोक्ष

कुरुक्षेत्र : हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत और पूजा आदि करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस जन्म में सभी पापों का नाश होता है. मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने कुरूक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है. बता दें कि इस साल मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 14 दिसंबर (Gita Jayanti 2021) को मनाई जाएगी. एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है.

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मोक्ष प्राप्ति के लिए करें भगवान विष्णु की पूजा

मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

जयराम विद्यापीठ, कुरुक्षेत्र के प्राध्यापक राजेश आचार्य ने बताया कि इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 13 दिसंबर दिन सोमवार को रात 9:32 से हो रहा है. एकादशी तिथि अगले दिन 14 दिसंबर को रात 11:35 तक है. व्रत के लिए उदयातिथि ही मान्य होती है. इसलिए मोक्षदा एकादशी का व्रत 14 दिसंबर दिन मंगलवार को रखा जाएगा.

जानें व्रत की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

एकादशी पूजा विधि

राजेश आचार्य ने बताया कि सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें. भगवान की आरती करें. भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते. इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें. इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

पूजा के लिए जरूरी चीजें

श्री विष्णु जी का चित्र या मूर्ति, पुष्प, नारियल, सुपारी, फल, लॉन्ग, धूप, दीप, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी दल, चंदन, मिष्ठान.

व्रत रखने की विधि

दशमी के दिन ही शाम के समय इसका व्रत शुरू हो जाता है. एकादशी के दिन सिर्फ फल का ही सेवन किया जाता है और उससे अगले दिन यानी द्वादशी के दिन भंडारा करके इसका व्रत खोला जाता है.

पढ़ेंः Papankusha Ekadashi 2021 : पापांकुशा एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व

पढ़ेंः इंदिरा एकादशी के व्रत से पितरों को मिलता है मोक्ष

Last Updated : Dec 14, 2021, 4:00 AM IST
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