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छत्तीसगढ़ : शिक्षा अधिकारी ने लगाई मास्टरजी की क्लास, नहीं लिख पाए 'अंत्येष्टि'

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खुलने के बाद कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय स्कूलों और मोहल्ला कक्षाओं का जायजा ले रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बच्चों की क्लास लेने के साथ-साथ शिक्षकों की भी क्लास ली. उन्होंने एक हिन्दी में एमए (MA) पास शिक्षक से अंत्येष्टि लिखने कहा, लेकिन कई बार प्रयास के बाद भी शिक्षक अंत्येष्टि नहीं लिख पाया.

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Published : Aug 7, 2021, 10:00 AM IST

कवर्धा जिले के शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय
कवर्धा जिले के शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (Corona virus) का स्कूली बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है. राज्य में करीब डेढ़ साल तक स्कूल बंद रहे थे. हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बीच बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए कई प्रयास किए हैं. विभाग ने राज्य में 'मोहल्ला क्लास' लगाई, ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं संचालित की गई. इसके अलावा बिना परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट भी कर दिया दिया. जिसका असर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है.

ये है राज्य में बच्चों का हाल

संक्रमण के दौर में छत्तीसगढ़ के अधिकांश इलाकों से 'मोहल्ला क्लास' के ठीक से संचालित न होने की कई शिकायतें सामने आई थी. ऑनलाइन कक्षाएं भी अच्छे तरीके से संचालित नहीं हो पाई थी. लिहाजा अब राज्य के बच्चों का यह हाल है कि चौथी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को ठीक से हिन्दी पढ़नी तक नहीं आ रही है.

कवर्धा जिले के शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय

जिला शिक्षा अधिकारी ने ली क्लास

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खुलने के बाद कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय स्कूलों और मोहल्ला कक्षाओं का जायजा ले रहे हैं. जिससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. शिक्षा अधिकारी के दौरे के दौरान पता लगा है कि बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक कितने पानी में हैं. गणित, अंग्रेजी तो दूर की बात बहुत से शिक्षक हिन्दी की सामान्य जानकारी तक नहीं दे पा रहे हैं.

जिले के निरीक्षण के दौरान DEO राकेश पांडेय जब मोहल्ला क्लास में पहुंचे तो उन्होंने कक्षा चार में पढ़ने वाली बच्ची को हिंदी किताब देकर पढ़ने को कहा, लेकिन बच्ची नहीं पढ़ पाई. इसके बाद अधिकारी ने बच्ची को पहली कक्षा की पुस्तक दी, लेकिन वह उसे भी नहीं पढ़ पाई.

अंत्येष्टि नहीं लिख पाए मास्टर जी

इसके बाद शिक्षा अधिकारी ने अन्य कक्षाओं से बच्चों के स्तर को भी जांचा. उस दौरान उन्होंने पाया कि मिडिल क्लास के बच्चों को दूसरी-तीसरी कक्षा की किताबें तक पढ़नी नहीं आ रही हैं. बच्चों की क्लास लेने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की क्लास ली. डीईओ ने हिन्दी में एमए (MA) पास शिक्षक से 'अंत्येष्टि' लिखने कहा, लेकिन कई बार प्रयास के बाद भी शिक्षक अंत्येष्टि नहीं लिख पाया. जिसके बाद DEO ने शिक्षक को जमकर फटकार लगाई.

पढ़ें : पंजाब में दो अगस्त से खुलेंगे स्कूल, सभी कक्षाओं की होगी पढ़ाई

स्कूल बंद होने के बाद बच्चों और शिक्षकों की इस हालत से सरकारी स्कूलों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही अभिभावकों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है. कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी की फटकार का एक विडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है, जिसकी लोग खूब सराहना कर रहे हैं.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण (Corona virus) का स्कूली बच्चों की शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ा है. राज्य में करीब डेढ़ साल तक स्कूल बंद रहे थे. हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग ने इस बीच बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए कई प्रयास किए हैं. विभाग ने राज्य में 'मोहल्ला क्लास' लगाई, ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं संचालित की गई. इसके अलावा बिना परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट भी कर दिया दिया. जिसका असर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है.

ये है राज्य में बच्चों का हाल

संक्रमण के दौर में छत्तीसगढ़ के अधिकांश इलाकों से 'मोहल्ला क्लास' के ठीक से संचालित न होने की कई शिकायतें सामने आई थी. ऑनलाइन कक्षाएं भी अच्छे तरीके से संचालित नहीं हो पाई थी. लिहाजा अब राज्य के बच्चों का यह हाल है कि चौथी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को ठीक से हिन्दी पढ़नी तक नहीं आ रही है.

कवर्धा जिले के शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय

जिला शिक्षा अधिकारी ने ली क्लास

छत्तीसगढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खुलने के बाद कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय स्कूलों और मोहल्ला कक्षाओं का जायजा ले रहे हैं. जिससे शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. शिक्षा अधिकारी के दौरे के दौरान पता लगा है कि बच्चों का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षक कितने पानी में हैं. गणित, अंग्रेजी तो दूर की बात बहुत से शिक्षक हिन्दी की सामान्य जानकारी तक नहीं दे पा रहे हैं.

जिले के निरीक्षण के दौरान DEO राकेश पांडेय जब मोहल्ला क्लास में पहुंचे तो उन्होंने कक्षा चार में पढ़ने वाली बच्ची को हिंदी किताब देकर पढ़ने को कहा, लेकिन बच्ची नहीं पढ़ पाई. इसके बाद अधिकारी ने बच्ची को पहली कक्षा की पुस्तक दी, लेकिन वह उसे भी नहीं पढ़ पाई.

अंत्येष्टि नहीं लिख पाए मास्टर जी

इसके बाद शिक्षा अधिकारी ने अन्य कक्षाओं से बच्चों के स्तर को भी जांचा. उस दौरान उन्होंने पाया कि मिडिल क्लास के बच्चों को दूसरी-तीसरी कक्षा की किताबें तक पढ़नी नहीं आ रही हैं. बच्चों की क्लास लेने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों की क्लास ली. डीईओ ने हिन्दी में एमए (MA) पास शिक्षक से 'अंत्येष्टि' लिखने कहा, लेकिन कई बार प्रयास के बाद भी शिक्षक अंत्येष्टि नहीं लिख पाया. जिसके बाद DEO ने शिक्षक को जमकर फटकार लगाई.

पढ़ें : पंजाब में दो अगस्त से खुलेंगे स्कूल, सभी कक्षाओं की होगी पढ़ाई

स्कूल बंद होने के बाद बच्चों और शिक्षकों की इस हालत से सरकारी स्कूलों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही अभिभावकों को भी अपने बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है. कवर्धा जिले के जिला शिक्षा अधिकारी की फटकार का एक विडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है, जिसकी लोग खूब सराहना कर रहे हैं.

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