कांकेर: कांकेर में भारी बारिश के बीच सभी नदी नाले उफान पर हैं. यहां की कई नदियों में लबालब पानी भरा हुआ है. इस दौरान कोयलीबेड़ा से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है. जो पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है. यहां चार लोग शव को कांधे पर रखकर मेढकी नदी पर बने एनीकट को पार करते हुए दिख रहे हैं. यह तस्वीर देखकर आपको लापरवाही और जिंदगी से खिलवाड़ का अंदाजा लग सकता है. ग्रामीण शव को कंधे पर रखकर नदी पार कर पोस्टमार्टम के लिए शव को ले गए.
नदी पार करने वक्त हो सकता था हादसा: दरअसल कांकेर के संबलपुर इलाके में बैसाखू मांडवी नाम के शख्स की आज मौत हो गई. उसके मौत के बाद गांव वालों ने शव का पोस्टमार्टम कराने का फैसला लिया. उसके बाद वह शव को कांधे पर लेकर उफनती नदी को पार करने लगे. चार लोग शव को अपने कांधे पर उठाकर तेज बहाव वाली मेढकी नदी को पार करने लगे. इस दौरान नदी की धारा तेज थी. इन चार लोगों के पीछे गांव के कई लोग नदी पार करते दिखे. गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ. नहीं तो कई लोगों की मौत हो सकती थी. मेढकी नदी पर पुल नहीं होने की वजह से गांव वालों ने यह कदम उठाया.
घटना पर स्वास्थ्य विभाग ने दिया बयान: इस पूरी घटना पर जब मीडिया ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की तो वह ग्रामीणों को समझाइश देने की बात कह रहे हैं. कांकेर के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी अविनाश खरे ने ब ताया कि इस घटना की जानकारी मेरे संज्ञान में आई है. हमने गांव वालों को समझाइश दी है. नदी में जब एनीकट के ऊपर पानी बह रहा हो तो वह नदी को पार न करें. उन्होंने कहा कि अगर शव को पोस्टमार्टम के लिए लाना था. तो हमसे संपर्क करते. हम मुक्तांजलि वाहन भेजते और शव को अस्पताल लाया जा सकता था.
सिस्टम पर उठे सवाल: इस पूरी घटना पर मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी का बयान ही सवालों के घेरे में हैं. सीएमएचओ साहब को यह नहीं मालूम की जब इलाके में पुल नहीं है तो मुक्तांजलि वाहन कैसे जाएगा. इस घटना ने एक बार फिर सरकार और जिला प्रशासन के विकास के दावों पर सवाल खड़े किए हैं. गांव वालों ने पुल नहीं होने की मजबूरी में यह कदम उठाया. लेकिन यह कदम जानलेवा हो सकता था. इस ओर सरकार को सोचने की जरूरत है.