जबलपुर। दुनिया में हर इंसान कई समस्याओं से परेशान है और वो उनसे छुटकारा पाना चाहता है, जिसके लिए वह कारगर तरीका अपनाता है, लेकिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने अपनी परेशान से मुक्ति पाने कोई सार्थक नहीं बल्कि अपने ही सिर पर मुसीबत लाने की बात कही है. जी हां जबलपुर के इस शख्स ने ऐसा कदम उठाने की मध्यप्रदेश शासन को चेतावनी दी है, जिसे शायद ही किसी ने सुना होगा या फिर शायद ही सरकारी नुमाइंदों ने सोचा होगा. विगत 18 सालों से अनुकंपा नियुक्ति ( jabalpur men upset for compassionate appointment) की लड़ाई लड़ रहे युवक ने सरकारी सिस्टम से परेशान होकर आने वाले एक दिसंबर यानी कि 'विश्व एड्स दिवस' के दिन खुद को पॉजिटिव करने की चेतावनी दी है (man warns himself of HIV positive) और इसका जिम्मेदार प्रशासन को ठहराया है.
अनुकंपा नियुक्ति के लिए परेशान शख्स :1 दिसंबर 'विश्व एड्स दिवस' (1stdecember world aids day)पर जब पूरे विश्व सहित भारत एचआईवी (HIV) मुक्त होने का प्रयास कर रहा होगा. तब जबलपुर में एक युवक खुद को पॉजिटिव करने की तैयारी कर रहा होगा. युवक के घर पर उसकी मां, पत्नी, बेटी, छोटा भाई और बेटी है. मां एचआईवी पॉजिटिव हैं, ऐसे में कहीं परिवार के अन्य सदस्य भी पॉजिटिव ना हों जाए, यह बात अब लोगों के जहन में आ रही है. दरअसल जबलपुर जिले में रहने वाले एक शख्स के पिता मेडिकल कालेज में चौकीदार के पद पर पदस्थ थे. जहां डयूटी के दौरान उनकी 2004 मौत हो गई. जिसके बाद मेडिकल जांच में खुलासा हुआ कि मृतक चौकीदार एचआईवी पॉजिटिव था. युवक ने बताया कि पिता की मौत के बाद घर संभालने का पूरा भार उस पर ही आ गया. मानवीय आधार पर पिता की मौत के बाद युवक ने मेडिकल कॉलेज में विशेष अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा, पर उसे निरस्त कर दिया गया. युवक का कहना है कि आज अगर उसकी जान पहचान होती तो उसको यह दिन देखना नहीं पड़ता.
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शासन-प्रशासन सुनने को तैयार नहीं: पीड़ित युवक ने बताया कि अपने उसके पिता की मौत के बाद उसको पता चला कि उसकी मां भी एचआईवी से पीड़ित हैं. जिसके बाद से लगातार युवक मां का इलाज जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में करा रहा है. युवक के घर पर मां के अलावा पत्नी एक बेटी, छोटा भाई है. अभी युवक और उसका छोटा भाई प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं. युवक ने विशेष अनुकम्पा नियुक्ति के लिए तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन से भी मुलाकात की पर बात नहीं बनी. पूर्व वित् मंत्री तरूण भनोत ने भी मंत्री विश्वास सारंग को पत्र लिखा पर उससे भी कुछ नहीं हुआ. वर्तमान में डीएमई ऑफिस भोपाल से प्रकरण अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया है, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई. जिसके कारण युवक को यह जहमत उठानी पड़ रही है.
खुद को एचआईवी पॉजिटिव करने की दी चेतावनी: पीड़ित युवक का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में नौकरी करते 1995 में पिता एचआईवी पॉजिटिव हो गए और 2004 में उनकी मौत हो गई. पिता कि मौत के बाद मां और परिवार के भरण पोषण के लिए अनुकम्पा नियुक्ति जरूरी है, पर लगता है कि मेडिकल प्रबंधन नौकरी नहीं देना चाहता. इसलिए आगामी 1 दिसंबर 2022 को 'विश्व एड्स दिवस' के दिन मैं खुद को एचआईवी पॉजिटिव करूंगा. जिसकी जवाबदारी मध्यप्रदेश शासन और चिकित्सा शिक्षा विभाग की होगी. फिलहाल युवक ने आईसीएमआर से अपनी एचआईवी टेस्ट रिपोर्ट बनवाई हैं जो कि अभी निगेटिव है. युवक का कहना हैं कि मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि एचआईवी पॉजिटिव कैसे हुआ जाता है. युवक ने 1 दिसंबर 'विश्व एड्स दिवस' के दिन खुद को पॉजिटिव करने का ऐलान कर हड़कंप मचा दिया है (man warns himself of HIV positive). युवक ने यह सूचना जबलपुर कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेज और संबंधित थाने में भी दी है.