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फिक्स डिपोजिट से कैसे करें आमदनी, जानिए किस बैंक में पैसा जमा करने पर मिलेगा ज्यादा फायदा - बैंकों में फिक्स डिपोजिट

फिक्स डिपोजिट में आपका पैसा एक निश्चित अवधि के लिए बैंक में बंद रहता है. जमा की गई मूल राशि पर आपको चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. इस तरह फिक्स डिपोजिट निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है, जो निरंतर ब्याज दर, सीनियर सिटिजन के लिए विशेष ब्याज दरों और विभिन्न ब्याज भुगतान की गारंटी देता है.

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Published : May 6, 2022, 3:42 PM IST

हैदराबाद : हाल के दिनों में फिक्स डिपोजिट पर दी जाने वाली ब्याज दर काफी निराशाजनक रही है. हम इस बात से सहमत हैं कि माइक्रो इकॉनॉमी कम ब्याज दरों पर पनपती है और यह पिछले दो वर्षों से हो रहा है. लेकिन अब, मुद्रास्फीति लगभग 6% कम हो रही है, जबकि देश के बड़े बैंक पिछले एक या दो वर्षों से फिक्स डिपोजिट पर लगभग 4.9% और 5.1% के रेट से ब्याज दे रहे हैं, टैक्स रिटर्न के बाद यह ब्याज दर काफी कम है.

ऐसे हालात में फिक्स डिपोजिट से जमा की गई पूंजी में बढ़ोतरी की संभावना कम हो जाती है और पैसे का अवमूल्यन भी हो जाता है. हालांकि अब ब्याज दरें बढ़ रही हैं, लेकिन अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई हैं. जब महंगाई बढ़ती है तो आय में कटौती हो जाती है. ऐसे में ब्याज पर निर्भर सीनियर सिटिजन का जीवन कठिन हो जाता है. जीवन यापन की बढ़ती लागत और ब्याज से होने वाली इनकम में अधिक गिरावट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक पांच साल से अधिक की अवधि के लिए 4.9 और 5.50 फीसदी के बीच ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, केनरा बैंक पांच से दस साल के लिए जमा पर 5.50 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए छह फीसदी ब्याज देता है. अधिकतर बैंकों में तीन साल तक के लिए फिक्स डिपोजिट करने पर 4.9 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत के बीच ब्याज मिल रहा है. हालांकि कुछ बैंक 5.45 फीसदी तक ब्याज देने का ऑफर दे रहे हैं. पोस्ट ऑफिस भी एक, दो और तीन साल के फिक्स डिपोजिट के लिए 5.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है. पोस्ट ऑफिस पांच साल की जमा राशि पर अधिकतम 6.7 प्रतिशत का ब्याज देता है.

कमोबेश यही हाल प्राइवेट बैंकों का है. कुछ बैंक 6.25-6.5 फीसदी तक के ब्याज की पेशकश कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, इंडसइंड बैंक ने दो साल से 61 महीने के लिए किए गए फिक्स डिपोजिट पर 6.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7 प्रतिशत की ब्याज दरों की घोषणा की है. अधिकतर बैंक 5.75 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान कर रहे हैं. अगर आप लॉन्ग टर्म डिपोजिट करते हैं तो उच्च ब्याज दर की उम्मीद करें. आज के दौर में अगर आप थोड़ा ज्यादा ब्याज चाहते हैं तो प्राइवेट बैंकों में निवेश के लिए विचार करें. एक्सपर्ट का मानना है कि चूंकि अब ब्याज दर बढ़ी हैं, इसलिए लॉन्ग टर्म डिपॉजिट न करें। यदि ब्याज दरें कम हैं, तो शॉर्ट टर्म डिपोजिट का चयन किया जाना चाहिए. दरें बढ़ने के बाद उन्हें लंबी अवधि के लिए जमा करें.2022 में ब्याज दर बढ़ने की संभावना है.

छोटे बैंकों में फिक्स डिपोजिट : बड़े बैंकों में पैसा बचाना लगभग जोखिम मुक्त है. एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक ने पांच साल से अधिक की जमा राशि पर 5.45 से 6.3 फीसदी के बीच ब्याज की घोषणा की है. इसी अवधि के लिए एसबीआई की ब्याज दरें 5.5 से 6.3 फीसदी के बीच थीं. छोटे बैंक जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए उच्च ब्याज दरों की पेशकश करते हैं. उदाहरण के लिए, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को तीन साल के लिए 7.5 फीसदी ब्याज दे रहा है. मगर छोटे बैंकों को चुनते समय जमाकर्ताओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. हाई एनपीए वाले ऐसे बैंकों में पैसा जमा न करें, जहां डिपोजिट की गई रकम पर बीमा 5 लाख रुपये से कम में मिलता है.

कंपनी डिपोजिट (Company deposits).: बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि जो लोग इनकम के लिए ब्याज पर निर्भर हैं, वे बैंकों के साथ अन्य वित्तीय संस्थानों में फिक्स डिपोजिट करने पर विचार कर सकते हैं. मगर वित्तीय संस्थान को चुनने में AAA रेटिंग वाली कंपनियों को प्राथमिकता दें. एचडीएफसी लिमिटेड 99 महीने के लिए 6.8 फीसदी ब्याज दे रहा है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 25 बेसिक पॉइंट पर का अतिरिक्त लाभ दे रहा है. AAA रेटेड श्रीराम सिटी 60 महीने के लिए 7.75 फीसदी और सिनियर सिटिजन को 8.05 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहा है. इन वित्तीय संस्थानों में रकम जमा करने में जोखिम भी है, क्योंकि यहां डिपोजिट का कोई इंश्योरेंस नहीं है. जो लोग लंबी अवधि के निवेश की तलाश में हैं, वे इक्विटी, म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड और रियल एस्टेट में विकल्प तलाश सकते हैं.

पढ़ें : मुद्रास्फीति को रोकने के लिए केंद्रीय बैंकों ने की ब्याज दर में बढ़ोतरी

हैदराबाद : हाल के दिनों में फिक्स डिपोजिट पर दी जाने वाली ब्याज दर काफी निराशाजनक रही है. हम इस बात से सहमत हैं कि माइक्रो इकॉनॉमी कम ब्याज दरों पर पनपती है और यह पिछले दो वर्षों से हो रहा है. लेकिन अब, मुद्रास्फीति लगभग 6% कम हो रही है, जबकि देश के बड़े बैंक पिछले एक या दो वर्षों से फिक्स डिपोजिट पर लगभग 4.9% और 5.1% के रेट से ब्याज दे रहे हैं, टैक्स रिटर्न के बाद यह ब्याज दर काफी कम है.

ऐसे हालात में फिक्स डिपोजिट से जमा की गई पूंजी में बढ़ोतरी की संभावना कम हो जाती है और पैसे का अवमूल्यन भी हो जाता है. हालांकि अब ब्याज दरें बढ़ रही हैं, लेकिन अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाई हैं. जब महंगाई बढ़ती है तो आय में कटौती हो जाती है. ऐसे में ब्याज पर निर्भर सीनियर सिटिजन का जीवन कठिन हो जाता है. जीवन यापन की बढ़ती लागत और ब्याज से होने वाली इनकम में अधिक गिरावट के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक पांच साल से अधिक की अवधि के लिए 4.9 और 5.50 फीसदी के बीच ब्याज दर ऑफर कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, केनरा बैंक पांच से दस साल के लिए जमा पर 5.50 फीसदी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए छह फीसदी ब्याज देता है. अधिकतर बैंकों में तीन साल तक के लिए फिक्स डिपोजिट करने पर 4.9 प्रतिशत से 5.3 प्रतिशत के बीच ब्याज मिल रहा है. हालांकि कुछ बैंक 5.45 फीसदी तक ब्याज देने का ऑफर दे रहे हैं. पोस्ट ऑफिस भी एक, दो और तीन साल के फिक्स डिपोजिट के लिए 5.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है. पोस्ट ऑफिस पांच साल की जमा राशि पर अधिकतम 6.7 प्रतिशत का ब्याज देता है.

कमोबेश यही हाल प्राइवेट बैंकों का है. कुछ बैंक 6.25-6.5 फीसदी तक के ब्याज की पेशकश कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, इंडसइंड बैंक ने दो साल से 61 महीने के लिए किए गए फिक्स डिपोजिट पर 6.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7 प्रतिशत की ब्याज दरों की घोषणा की है. अधिकतर बैंक 5.75 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान कर रहे हैं. अगर आप लॉन्ग टर्म डिपोजिट करते हैं तो उच्च ब्याज दर की उम्मीद करें. आज के दौर में अगर आप थोड़ा ज्यादा ब्याज चाहते हैं तो प्राइवेट बैंकों में निवेश के लिए विचार करें. एक्सपर्ट का मानना है कि चूंकि अब ब्याज दर बढ़ी हैं, इसलिए लॉन्ग टर्म डिपॉजिट न करें। यदि ब्याज दरें कम हैं, तो शॉर्ट टर्म डिपोजिट का चयन किया जाना चाहिए. दरें बढ़ने के बाद उन्हें लंबी अवधि के लिए जमा करें.2022 में ब्याज दर बढ़ने की संभावना है.

छोटे बैंकों में फिक्स डिपोजिट : बड़े बैंकों में पैसा बचाना लगभग जोखिम मुक्त है. एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक ने पांच साल से अधिक की जमा राशि पर 5.45 से 6.3 फीसदी के बीच ब्याज की घोषणा की है. इसी अवधि के लिए एसबीआई की ब्याज दरें 5.5 से 6.3 फीसदी के बीच थीं. छोटे बैंक जमाकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए उच्च ब्याज दरों की पेशकश करते हैं. उदाहरण के लिए, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को तीन साल के लिए 7.5 फीसदी ब्याज दे रहा है. मगर छोटे बैंकों को चुनते समय जमाकर्ताओं को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. हाई एनपीए वाले ऐसे बैंकों में पैसा जमा न करें, जहां डिपोजिट की गई रकम पर बीमा 5 लाख रुपये से कम में मिलता है.

कंपनी डिपोजिट (Company deposits).: बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं कि जो लोग इनकम के लिए ब्याज पर निर्भर हैं, वे बैंकों के साथ अन्य वित्तीय संस्थानों में फिक्स डिपोजिट करने पर विचार कर सकते हैं. मगर वित्तीय संस्थान को चुनने में AAA रेटिंग वाली कंपनियों को प्राथमिकता दें. एचडीएफसी लिमिटेड 99 महीने के लिए 6.8 फीसदी ब्याज दे रहा है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 25 बेसिक पॉइंट पर का अतिरिक्त लाभ दे रहा है. AAA रेटेड श्रीराम सिटी 60 महीने के लिए 7.75 फीसदी और सिनियर सिटिजन को 8.05 फीसदी ब्याज ऑफर कर रहा है. इन वित्तीय संस्थानों में रकम जमा करने में जोखिम भी है, क्योंकि यहां डिपोजिट का कोई इंश्योरेंस नहीं है. जो लोग लंबी अवधि के निवेश की तलाश में हैं, वे इक्विटी, म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड और रियल एस्टेट में विकल्प तलाश सकते हैं.

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