बेमेतरा: छत्तीसगढ़ का बेमेतरा जिला बीते 8 अप्रैल से पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गया है. 8 अप्रैल को मामूली विवाद ने दो पक्षों के बीच संघर्ष का रूप ले लिया. इस बवाल में एक युवक की जान चली गई. विश्व हिंदू परिषद ने 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद बुलाया. विपक्ष भी इस बंद में कूद पड़ा और 10 अप्रैल को एक बार फिर बिरनपुर में हंगामा खड़ा हो गया. आगजनी हुई. सिलेंडर ब्लास्ट हुआ.कई लोग फिर इस हिंसा की चपेट में आने से बचे. 11 अप्रैल को दो लोगों के शव बिरनपुर के खेत से मिले. करीब चार दिनों तक बेमेतरा के इस गांव में बवाल और हंगामा होता रहा. प्रशासन की मशक्कत के बाद अब बेमेतरा शहर और बिरनपुर गांव में हालात सामान्य हो रहे हैं. जीवन शांति की राह पर लौट रही है. प्रशासन सतर्कता के साथ पूरे हालात को हैंडल कर चुका है. 15 अप्रैल को बेमेतरा और बिरनपुर के हालात नियंत्रण में है.
8 अप्रैल को विवाद से शुरू हुआ हंगामा: जिले के बिरनपुर में बवाल दो गुटों के बीच झड़प से शुरू हुई. वह दिन था शनिवार आठ अप्रैल, यहां इस दिन साजा के बिरनपुर गांव में दो पक्षों के बीच बच्चों के विवाद ने झगड़े का रूप ले लिया. बच्चों में दो साइकिल में टक्कर और कट मारने को लेकर यह झगड़ा हुआ था. जिसमें दो गुटों के बड़े लोग शामिल हो गए. प्रशासन के मुताबिक देखते देखते इस झगड़े ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया. जिसमें एक युवक की मौत हो गई. उसके बाद कुछ शरारती युवकों ने पैरा में आगजनी कर दी. एक गाड़ी को आगे के हवाले कर दिया. इस तरह यह हिंसा भड़क गई. उसके बाद पुलिस ने 9 लोगों को तत्काल हिरासत में लिया.
विश्व हिंदू परिषद ने खोला मोर्चा: इस घटना के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत भी तेज हो गई. विश्व हिंदू परिषद ने 9 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया और 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद का ऐलान कर दिया. पूरे प्रदेश में बीजेपी ने भी इस बंद का समर्थन किया. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव 10 अप्रैल को बिरनपुर गांव जाने के लिए अड़ गए. लेकिन प्रशासन ने उन्हें बेमेतरा के साजा में रोक दिया. इस बंद में बिरनपुर में आगजनी की घटना हुई. जिसमें एक घर जल गया और सिलेंडर ब्लास्ट हुआ. इस घटना में कई लोगों की जान जा सकती थी. लेकिन गनीमत रही की ऐसा नहीं हुआ.
11 अप्रैल को बिरनपुर में मिले दो लोगों के शव: 11 अप्रैल को बिरनपुर गांव में एक खेत से दो लोगों के शव मिले. यह दोनों लोग रिश्ते में पिता पुत्र थे. शव की पहचान की गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों की हत्या हुई थी. पुलिस ने आरोपियों की पहचान बताने वालों को इनाम देने की भी घोषणा की है. कुल 40 हजार का इनाम रखा गया है. पांच दिनों बाद भी पुलिस हत्यारों का पता नहीं लगा पाई.
सरकार ने बिरनपुर हिंसा में किया मुआवजे का ऐलान: 11 अप्रैल को ही इस केस में मुआवजे का ऐलान किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतक भुनेश्वर साहू के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा राशि देने एवं सरकारी नौकरी देने की घोषणा की.
14 अप्रैल को पांच लोगों की हुई गिरफ्तारी: 10 अप्रैल को छत्तीसगढ़ बंद के दौरान बिरनपुर हिंसा पर पुलिस ने 14 अप्रैल को कड़ा एक्शन लिया. इस केस में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिसमें अधिकांश आरोपी खैरागढ़ और कवर्धा के रहने वाले बताए जा रहे हैं. बेमेतरा पुलिस ने सोशल मीडिया में भडकाऊ पोस्ट डालने को लेकर एक युवक के खिलाफ आई एक्ट के तहत कार्रवाई भी की है.
इन आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
- अजय रजक, गंडई, खैरागढ़
- प्रवीण कुमार सिंह, पेंडरवानी, खैरागढ़
- संदीप साहू, सहसपुर लोहारा, कवर्धा
- प्रदीप रजक, पेंडरवानी, खैरागढ़
- दिनेश रजक, गंडई, खैरागढ़
14 अप्रैल को पुलिस प्रशासन ने की शांति समिति की बैठक: 14 अप्रैल को पुलिस प्रशासन की टीम ने गांव में शांति समिति की बैठक बुलाई. इसके तहत बिरनपुर में शांति स्थापित करने को लेकर चर्चा हुई. जिसके बाद से बेमेतरा के बिरनपुर में शांति है.
भुनेश्वर साहू का हुआ दशगात्र: बेमेतरा हिंसा में मारे गए युवक भुनेश्वर साहू का 15 अप्रैल को दशगात्र कार्यक्रम हुआ. इस दौरान पूरे गांव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे. एसपी और कलेक्टर मौके पर मौजूद रहे. पुलिस प्रशासन की वजह से जिले में हर ओर शांति रही. अब बेमेतरा के हालात सामान्य दिख रहे हैं. यहां किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं. फिलहाल क्षेत्र में धारा 144 लागू है. सभी जरूरी सेवाएं बिरनपुर में बहाल कर दी गई है.