नई दिल्ली : 15 साल से कम उम्र के बच्चों को 16 मार्च से कोरोना टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार बुधवार यानी की आज से शुरू होने वाले कोविड-19 टीकाकरण के लिए 13 वर्ष की आयु के 12,143 लड़के और 11,327 लड़कियों की पहचान की गई है. इसी तरह 13 वर्ष की आयु वाले 12,250 लड़के और 11,423 लड़कियों को 28 दिनों के अंतराल पर कॉर्बेवैक्स की दो खुराक दी जाएगी. इसमें सबसे ज्यादा बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं.
यूपी में 12-13 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या 8465 है, इसके बाद बिहार में 5626 और महाराष्ट्र में 3919 बच्चे हैं. इसी तरह केंद्र ने एहतियाती खुराक के लिए 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के 13,75,70,000 आबादी की भी पहचान की है. बच्चों के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने से एक दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मुख्य सचिव और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को पत्र भेजकर ऐसी टीकाकरण प्रक्रिया पर अलर्ट रहने को कहा है.
राज्यों को लिखा पत्र, अलर्ट रहने के निर्देश
लव अग्रवाल ने राज्यों के मुख्य सचिव और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक को लिखे अपने पत्र में कहा, चूंकि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए स्वीकृत है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि केवल 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को ही टीका लगाया जाए. मतलब जो 15 मार्च, 2010 को या उससे पहले पैदा हुए हैं उनको टीका दिया जाना चाहिए. टीका लगाने वाले और सत्यापनकर्ता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीकाकरण की तारीख पर 12 वर्ष से कम उम्र के लाभार्थियों का टीकाकरण नहीं किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को बूस्टर खुराक उपलब्ध कराई जा सकती है. भूषण ने कहा, 'इस एहतियाती खुराक में उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें दूसरी खुराक लिए 9 माह से ज्यादा का समय हो चुका है. एहतियाती टीका उसी कंपनी का दिया जाएगा, जिसका टीका पूर्व में दिया गया है.'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत 15 साल से अधिक की पात्र 95.5 प्रतिशत आबादी को कवर किया गया है, जिन्हें कम से कम पहली खुराक दी जा चुकी है. 80 प्रतिशत से अधिक को कोरोना टीके के दोनों डोज दिए जा चुके हैं.
उन्होंने कहा, 'कोविड-19 वैक्सीन की 180 करोड़ से अधिक वैक्सीन दी जा चुकी हैं. यह बड़ा काम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सक्रिय सहयोग से ही संभव हुआ है. गौरतलब है कि 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी एहतियाती खुराक दी जा रही है.
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