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भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर, वृद्धि की गति अच्छी: मुख्य आर्थिक सलाहकार - Indian Chamber of Commerce

भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है और इसकी वृद्धि की अच्छी रफ्तार बनी हुई है. ऐसा सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran) का कहना है.

V Anantha Nageswaran
मुख्य आर्थिक सलाहकार
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Published : Nov 7, 2022, 10:07 PM IST

कोलकाता : सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran) ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर एक साथ कई संकट पैदा होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है और इसकी वृद्धि की अच्छी रफ्तार बनी हुई है.

नागेश्वर ने उद्योग मंडल 'इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स' (आईसीसी) के वार्षिक अधिवेशन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया इस समय बहु-संकट के दौर से गुजर रही है जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक कदम, ऊंची ब्याज दर, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में सुस्ती जैसे पहलू शामिल हैं.

उन्होंने कहा, 'इस समय देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अप्रत्याशित हैं. लेकिन भारत मजबूत स्थिति में है और इसकी वृद्धि रफ्तार भी अच्छी है. भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत तक रहेगी जो 7.4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति को देखते हुए अच्छी दर है.'

सीईए ने कहा कि भारत को इस समय वृहद-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और उसके न्यायसंगत उपयोग के अलावा व्यापार घाटे पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'कच्चे तेल के अधिक आयात बिल से पैदा हुए व्यापार घाटे का वित्तपोषण करना देश के लिए एक चुनौती है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवक स्थिर है जबकि डॉलर के आकर्षक होने से पोर्टफोलियो निवेश में उतार-चढ़ाव बना हुआ है.'

पढ़ें- भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर: मॉर्गन स्टेनली

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (Chief Economic Advisor V Anantha Nageswaran) ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर एक साथ कई संकट पैदा होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है और इसकी वृद्धि की अच्छी रफ्तार बनी हुई है.

नागेश्वर ने उद्योग मंडल 'इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स' (आईसीसी) के वार्षिक अधिवेशन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया इस समय बहु-संकट के दौर से गुजर रही है जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक कदम, ऊंची ब्याज दर, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में सुस्ती जैसे पहलू शामिल हैं.

उन्होंने कहा, 'इस समय देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अप्रत्याशित हैं. लेकिन भारत मजबूत स्थिति में है और इसकी वृद्धि रफ्तार भी अच्छी है. भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत से सात प्रतिशत तक रहेगी जो 7.4 प्रतिशत की मुद्रास्फीति को देखते हुए अच्छी दर है.'

सीईए ने कहा कि भारत को इस समय वृहद-आर्थिक स्थिरता बनाए रखने, विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने और उसके न्यायसंगत उपयोग के अलावा व्यापार घाटे पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'कच्चे तेल के अधिक आयात बिल से पैदा हुए व्यापार घाटे का वित्तपोषण करना देश के लिए एक चुनौती है. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवक स्थिर है जबकि डॉलर के आकर्षक होने से पोर्टफोलियो निवेश में उतार-चढ़ाव बना हुआ है.'

पढ़ें- भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर: मॉर्गन स्टेनली

(पीटीआई-भाषा)

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