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Muharram 2021: सूरजपुर के 'ताजिया' में दिखती है 'तिरंगे' की झलक

सूरजपुर में हिंदू- मुसलमान एक साथ मिलकर मोहर्रम (Muharram 2021) मनाते हैं. यह जिला देश के चंद उन इलाकों में शामिल है जहां आज तक कभी भी हिंदू- मुसलमान संप्रदाय में काेई मनमुटाव नहीं हुआ.

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Published : Aug 20, 2021, 9:19 AM IST

सूरजपुर: मोहर्रम (Muharram 2021) का महीना इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar) का पहला महीना होता है. यह महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय (Shia and Sunni Muslim communities) के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस माह के 10वें दिन आशुरा मनाया जाता है. यह इस्लाम (Islam) मजहब का प्रमुख त्योहार है.

शुक्रवार को हसन हुसैन की शहादत (martyrdom of hasan hussain) का दिन है. इसे मुस्लिम समुदाय (Muslim community) मुहर्रम के रूप में मनाता है. सूरजपुर का ताजिया, समाज और देश के लिए एक मिसाल है.

सूरजपुर के 'ताजिया' में दिखती है 'तिरंगे' की झलक

सूरजपुर की मस्जिद पारा मोहल्ला, जहां मुहर्रम के लिए ताजिया बनाया जा रहा है. इस ताजिया को लगभग एक सप्ताह से मोहल्ले के युवाओं द्वारा बनाया जा रहा है. इस ताजिया की खासियत यह है कि इसे दिन रात मेहनत कर हिंदू और मुसलमान युवा मिलकर बना रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है. इस मोहल्ले में पिछले कई दशकों से यही परंपरा चली आ रही है. अब युवा इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

वहीं स्थानीय लोग भी युवाओं की यह एकता देखकर उनकी प्रशंसा कर रहे हैं. सूरजपुर हमेशा हिंदू- मुस्लिम एकता के लिए एक मिसाल रहा है.

इस ताजिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें तिरंगा बना हुआ रहता है. सूरजपुर देश के चंद उन इलाकों में शामिल है जहां आज तक कभी भी हिंदू- मुसलमान संप्रदाय में तनाव नहीं हुआ. यहां सभी वर्ग और सभी धर्म के लोग आपसी भाईचारे से अपना जीवन बिताने में विश्वास रखते हैं.

इसे भी पढ़ें : मुहर्रम पर आयोजित मजलिस में स्कूली छात्राओं ने पढ़ा मरसिया

सूरजपुर: मोहर्रम (Muharram 2021) का महीना इस्लामिक कैलेंडर (islamic calendar) का पहला महीना होता है. यह महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय (Shia and Sunni Muslim communities) के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस माह के 10वें दिन आशुरा मनाया जाता है. यह इस्लाम (Islam) मजहब का प्रमुख त्योहार है.

शुक्रवार को हसन हुसैन की शहादत (martyrdom of hasan hussain) का दिन है. इसे मुस्लिम समुदाय (Muslim community) मुहर्रम के रूप में मनाता है. सूरजपुर का ताजिया, समाज और देश के लिए एक मिसाल है.

सूरजपुर के 'ताजिया' में दिखती है 'तिरंगे' की झलक

सूरजपुर की मस्जिद पारा मोहल्ला, जहां मुहर्रम के लिए ताजिया बनाया जा रहा है. इस ताजिया को लगभग एक सप्ताह से मोहल्ले के युवाओं द्वारा बनाया जा रहा है. इस ताजिया की खासियत यह है कि इसे दिन रात मेहनत कर हिंदू और मुसलमान युवा मिलकर बना रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है. इस मोहल्ले में पिछले कई दशकों से यही परंपरा चली आ रही है. अब युवा इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

वहीं स्थानीय लोग भी युवाओं की यह एकता देखकर उनकी प्रशंसा कर रहे हैं. सूरजपुर हमेशा हिंदू- मुस्लिम एकता के लिए एक मिसाल रहा है.

इस ताजिया की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें तिरंगा बना हुआ रहता है. सूरजपुर देश के चंद उन इलाकों में शामिल है जहां आज तक कभी भी हिंदू- मुसलमान संप्रदाय में तनाव नहीं हुआ. यहां सभी वर्ग और सभी धर्म के लोग आपसी भाईचारे से अपना जीवन बिताने में विश्वास रखते हैं.

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