नई दिल्ली : देश के पांच राज्यों में बुरी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर विचार विमर्श शुरू हो गया है. कांग्रेस के 23 नेताओं का समूह यानी जी 23 की बैठक शुरू हो गई. कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद के घर यह बैठक हो रही है. बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी, कपिल सिब्बल, अखिलेश प्रसाद सिंह और आनंद शर्मा पहुंच चुके थे. पार्टी सूत्रों ने बताया कि कुछ नेता वर्चुअल रूप से भी हिस्सा लेंगे क्योंकि वे अभी दिल्ली में नहीं हैं.
मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेहद ही खराब प्रदर्शन किया है. कांग्रेस पार्टी दो राज्यों में सरकार बनाने को लेकर निश्चिंत थी, लेकिन सभी राज्यों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
पिछले वर्ष जी 23 के नेता कांग्रेस आलाकमान के नेतृत्व पर सवाल खड़े कर चुकें हैं ऐसे में चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के अंदर हलचल शुरू होने लगी है. इस बैठक के बाद जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी बुलाई जा सकती है.
गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस वार्ता कर यह कहा था कि, पांच राज्यों के नतीजे कांग्रेस पार्टी की उम्मीदों के खिलाफ आए हैं, लेकिन हम स्वीकार करते हैं कि हम लोगों का आशीर्वाद पाने में नाकाम रहे. सोनिया गांधी ने परिणामों का आत्मनिरीक्षण करने के लिए जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला किया है.
वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर कहा था कि अब समय आ गया है कि 'आइडिया ऑफ इंडिया' (भारत के विचार) पर फिर से जोर दिया जाए और पार्टी के संगठनात्मक नेतृत्व में इस तरह से सुधार किया जाए, जो लोगों को प्रेरित कर सके.
लोकसभा सदस्य थरूर ने ट्वीट किया, 'जो लोग कांग्रेस में विश्वास करते हैं वो इन विधानसभा चुनावों के नतीजों से आहत हैं. अब समय आ गया है कि भारत के विचार पर फिर से जोर दिया जाए, जिसको लेकर कांग्रेस खड़ी रही है. संगठनात्मक नेतृत्व में इस तरह से बदलाव किया जाए, जो इन विचारों की लौ फिर से जला सके और लोगों को प्रेरित कर सके.' उन्होंने यह भी कहा, 'एक चीज स्पष्ट है कि अगर हमें सफल होना है तो बदलाव अपरिहार्य है.'
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गौरतलब है कि मई 2019, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 52 सीटों तक सिमट गई थी जिसके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ दी. इसी बीच अगस्त 2020 में कांग्रेस के शीर्ष 23 नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी और नेतृत्व परिवर्तन से लेकर संगठनात्मक बदलावों की मांग कर दी. इन्हीं 23 कांग्रेस नेताओं के समूह को जी-23 कहा गया. इस चिट्ठी को पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर देखा गया.
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