बालोद: यह मामला गुंडरदेही थाना क्षेत्र के ग्राम कचांदुर (Gunderdehi Thana area) का है. 70 वर्षीय बुजुर्ग बिसाहू राम टंडन का आरोप है कि ''युवराज मारकंडे मेरा पड़ोसी है. वह मेरे घर की दीवार से लगी जगह पर धान की बोरियां रखता है. धान की बोरी की वजह से बड़ी संख्या में चूहे हैं. यह चूहे अब मेरे घर की दीवार कमजोर कर रहे हैं. चूहे मेरे घर को बर्बाद कर रहे हैं.'' बुजुर्ग बिसाहू राम टंडन ने इसे मकान हथियाने की साजिश भी (Dispute between two neighbors due to rat in Balod) बताया है. Balod News
थाने तक पहुंचा मामला: चूहों से परेशान बुजुर्ग शिकायतकर्ता बिसाहू राम टंडन ने पहले कलेक्ट्रेट में शिकायत दर्ज कराई. कलेक्ट्रेट से मामला गुंडरदेही थाना भेजा गया है. थाने में जांच शुरू कर दी गई है. इस मामले को लेकर दोनों पक्ष सोमवार को थाने भी पहुंचे. बुजुर्ग बिसाहू राम टंडन ने बताया कि "शासन से जो भी पेंशन मिलता है, उसी से गुजारा चलता है. हम नि:संतान दंपत्ति हैं. हमारी तबीयत अक्सर खराब रहती है. हमारे पास आय का कोई साधन भी नहीं है. चूहे हों या फिर और कोई वजह, हमारा पड़ोसी हमारी जमीन को हड़पना चाहता है." (Dispute between neighbors due to rat in Balod)
जर्जर हो चुका है बुजुर्ग का मकान: शिकायतकर्ता ने कहा कि " मेरा मकान पूरी तरह जर्जर हो चुका है. वह कभी भी गिर सकता है. यदि किसी तरह की कोई दुर्घटना घटती है तो उसका जिम्मेदार केवल शासन प्रशासन रहेगा. गांव में भी कई बार इस समस्या को रखा है. गांव के माध्यम से पड़ोसी युवराज मारकंडे को हिदायत भी दी जा चुकी है, परंतु किसी तरह का कोई निराकरण नहीं हो पाया है. लकड़ी की बल्लियां लगाकर घर को सहारा दिया गया है. बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा तकलीफ होती है."
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व्यापारी ने आरोपों पर उठाए सवाल: 70 वर्षीय बुजुर्ग के आरोप पर उनके पड़ोसी युवराज मारकंडे का कहना है कि "मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं ,वह सरासर गलत है. मैं एक छोटा सा व्यापारी हूं. कभी 10 कट्ठा, कभी 15 कट्ठा धान अपने घर में रखता हूं. जिस तरह का आरोप उन्होंने लगाया है, यदि उनके घर में चूहे जाते हैं, तो इसमें मेरी क्या गलती. क्या वह पहचान सकते हैं कि यह चूहा किसका है. मेरे चूहे का रंग क्या है? पहचान सकते हैं मेरा चूहा सफेद है कि मेरा चूहा काला है. यह सरासर गलत आरोप है और इसमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."
"मैं नहीं करता चूहे का पालन": शिकायतकर्ता के पड़ोसी युवराज मारकंडे ने कहा कि "ग्राम पंचायत में कहा था कि मेरा चूहा उन्हें परेशान करता है, क्या इस बात को कोई साबित कर सकता है कि मेरा चूहा कौन सा है? और ना तो मैं चूहे का पालन करता हूं और ना ही चूहे को मैं रोक सकता हूं. अगर चूहे मेरी बात मानते, तो मैं जरूर बोलता कि चूहे मेरे पड़ोसियों को परेशान मत करो, उनके घर को जर्जर मत करो."
मामले में उलझी पुलिस: शिकायतकर्ता बुजुर्ग के मामले ने पुलिस के माथे पर शिकन ला दी है. यदि किसी का मकान जर्जर होता है, तो इसमें पड़ोसी की क्या गलती. क्या इस बात को भी जस्टिफाई किया जा सकता है कि पड़ोसी के चूहे की वजह से ही उसका घर जर्जर हुआ है? बहरहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. देखना होगा आगे पुलिस इसे किस तरह सुलझाती है और किसके पक्ष में फैसला होता है.