नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि कांग्रेस पिछले दो साल से सीमा पर चीन की हरकतों को लेकर सरकार को बार-बार जगाने की कोशिश की, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है.
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देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है। https://t.co/RgzMZLQlJw
">देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 12, 2022
उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है। https://t.co/RgzMZLQlJwदेश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।
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उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है। https://t.co/RgzMZLQlJw
उन्होंने ट्वीट किया, 'भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है. सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है. इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है.' रमेश ने आरोप लगाया, 'देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं.'
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भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है।
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सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
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सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।भारतीय सेना के शौर्य पर हमें गर्व है।
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सीमा पर चीन की हरकतें पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।
पिछले दो साल से हम बार-बार सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार केवल अपनी राजनीतिक छवि को बचाने के लिए इस मामले को दबाने में लगी है। इससे चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में एलएसी की सीमा में 15-18 किलोमीटर अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही. अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है.' उल्लेखनीय है कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट एक स्थान पर नौ दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया.
वहीं कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, 'फिर से हमारे भारतीय सेना के जवानों को चीनियों ने भड़काया है. हमारे जवानों ने डटकर मुकाबला किया और उनमें से कुछ घायल भी हुए हैं. हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे.'
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..about the Chinese transgressions and the construction at all points near the LAC, since April 2020. Govt needs to take the nation into confidence by discussing this issue in Parliament.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 12, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
We are forever indebted to the valour and sacrifice of our soldiers.
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We are forever indebted to the valour and sacrifice of our soldiers.
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— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 12, 2022
We are forever indebted to the valour and sacrifice of our soldiers.
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पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश: तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प, छह जवान घायल
उन्होंने आगे लिखा, 'लेकिन मोदी सरकार अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होनी चाहिए. सरकार को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करके देश को भरोसे में लेने की जरूरत है. हम अपने सैनिकों के शौर्य और बलिदान के सदैव ऋणी रहेंगे.'
(पीटीआई-भाषा)