सरगुजा: जिले के बतौली क्षेत्र में अजीब दिखने वाले बच्चे में जन्म लिया. तस्वीरे देखकर हर कोई हैरान रह गया कि एक साधारण इंसान का बच्चा इस तरह कैसे दिख सकता है. डॉक्टरों ने बताया कि कोलोडियन से ग्रसित बच्चे का जन्म हुआ. जन्म के बाद बच्चे को देखकर डाॅक्टर भी हैरान रह गए.
गर्भाशय में फ्ल्यूड की कमी बनती है वजह: शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेके रेलवानी कहते है कि "बच्चे का मां के गर्भ में विकास होता है. बच्चे को मां के गर्भ में विकसित होने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत होती है. गर्भाशय में मौजूद फ्ल्यूड कम हो जाता है या कभी कभी फ्ल्यूड कम बनता है, जिससे बच्चे पर दबाव पड़ता है और उसका सही ढंग से विकास नहीं हो पाता है. नवजात के अंग ठीक से नहीं बन पाते है और बच्चे के पूर्ण रूप से विकसित नहीं होने से ऐसे बच्चों का सर्वाइवल दर बहुत ही कम होता है."
112 वाहन में नवजात का जन्म, पूरी टीम की मदद ने जच्चा-बच्चा सुरक्षित
महज एक किलो था बच्चे का वजन: सरगुजा जिले के बतौली भटको निवासी 32 वर्षीय फुलेश्वरी पति जगरनाथ को प्रसव पीड़ा होने पर 8 फरवरी को सीएचसी बतौली में भर्ती कराया गया. यहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. नवजात को देखकर चिकित्सक और नर्स हैरान रह गए. नवजात पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाया था और उसके अंग भी ठीक से नहीं बन पाए थे. नवजात का वजन महज 1.1 किलो ग्राम था. ऐसे में बच्चे को उपचार के लिए चिकित्सकों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चे की मौत हो गई.
क्रोमोसोम संक्रमित होने पर बच्चा हो सकता है कोलोडियन: क्रोमोसोम (शुक्राणुओं) में गड़बड़ी की वजह से कोलोडियन बेबी का जन्म होता है. सामान्यत महिला और पुरुष में 23-23 जोड़े क्रोमोसोम पाए जाते हैं. यदि दोनों के क्रोमोसोम संक्रमित हों तो पैदा होने वाला बच्चा कोलोडियन हो सकता है. इस तरह के रोग में नवजात के पूरे शरीर पर प्लास्टिक की तरह एक परत सी चढ़ जाती है. प्रसव के बाद धीरे-धीरे यह परत फटने लगती है और असहनीय दर्द होता है. संक्रमण ज्यादा होने पर जीवन बचा पाना मुश्किल होता है.