चिकमगलुरु : कर्नाटक में एक बस चालक की लापरवाही के कारण युवती ब्रेन डेड हो गई थी. मुसीबत के समय में भी परिवार ने बड़ा फैसला कर कई लोगों को जिंदगी दी है. युवती के परिवार ने बेटी के अंगदान का फैसला किया, जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को ले जाने की प्रक्रिया की गई.
दरअसल कदुर तालुक के सोमनहल्ली की रक्षिता बसवनहल्ली (Rakshita) सरकारी पीयू कॉलेज में पढ़ रही थी. बस से नीचे गिरने से रक्षिता गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसका मस्तिष्क निष्क्रिय हो गया था. अब रक्षिता के माता-पिता ने अपनी बेटी के नौ अंग दान किए हैं.
हेलीकॉप्टर से हार्ट बेंगलुरु भेजा गया : चिकमगलूर जिला अस्पताल में युवती के अंग निकालने की प्रक्रिया हुई. कुशल डॉक्टरों की एक टीम ने दिल, फेफड़े, किडनी, लीवर और आंखों निकालीं. हार्ट निकालने वाले डॉक्टरों की टीम हेलीकॉप्टर से उसे बेंगलुरु के मणिपाल अस्पताल ले गई.
हार्ट को हेलीकॉप्टर से बेंगलुरु पहुंचाया गया और एम्बुलेंस से किडनी को मंगलुरु ले जाने की तैयारी की गई. एम्बुलेंस से रक्षिता के अंगों को मेंगलुरु ले जाया गया. यह चिकमगलूर से यह मुदिगेरे, कोट्टीगेहारा, चारमाड़ी घाट, उजीरे, बेलथांगडी होते हुए मंगलोर पहुंचे. इसके लिए चिकमगलूर जिला प्रशासन ने जनता से सहयोग करने की अपील की.
ऐसे हुआ था हादसा : चार दिन पहले रक्षिता कॉलेज से बस से अपने गृहनगर आ रही थी. वह अपने गांव पहुंचते ही बस से उतरने ही वाली थी. जिस दौरान वह बस से उतर रही थी, चालक ने रफ्तार अचानक बढ़ा दी. युवती सड़क पर गिरी, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई. जिस दौरान हादसा हुआ युवती फोन पर भी बात कर रही थी. कंडक्टर की भी लापरवाही सामने आई है कि उसने ड्राइवर को रुकने का निर्देश नहीं दिया. घायल युवती को तुरंत शिमोगा ले जाया गया और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उसके माता-पिता को बताया कि रक्षिता ब्रेन डेड है. बाद में दुख में भी माता-पिता ने अपनी बेटी के अंगदान करने का फैसला किया.
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