ETV Bharat / bharat

CG Assembly Elections: चुनाव से पहले विधायकों के पाला बदलने की सुगबुगाहट, जानिए कौन कौन हैं रेस में

विधानसभा चुनाव 2023 नजदीक आता देख विपक्षी खेमे के कई विधायकों का झुकाव भी सत्ता पक्ष की ओर देखने को मिल रहा है. विपक्ष की बेचैनी ने पार्टी बदलने की सुगबुगाहट का आधार दिया है. कांग्रेसी और भाजपाई नेताओं से बढ़ती दूसरे दल के नेताओं की नजदीकियों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि विपक्षी खेमे के कई खेवनहार ही अब उसकी हार के कारण बनने वाले हैं.Bhupesh Baghel JCCJ leaders closeness

Chhattisgarh assembly elections
चुनावी साल में पाला बदल सकते हैं कई विधायक
author img

By

Published : Mar 30, 2023, 12:48 PM IST

चुनावी साल में पाला बदल सकते हैं कई विधायक

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनावी साल चल रहा है. ऐसे में इस बार का विधानसभा का बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा. विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों का सियासी रुख भी साफ दिखाई दिया. कांग्रेस सरकार के खिलाफ अक्सर आक्रामक रूख अख्तियार करने वाले बसपा विधायक केशव चंद्रा इस सत्र में कई मामलों में सरकार का समर्थन करते नजर आए. इतना ही नहीं सत्र समापन के दिन धान खरीदी की सीमा बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद चंद्रा ने सीएम बघेल से मुलाकात कर बधाई भी दी. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के दो विधायक खुलकर भाजपा के साथ नजर आए. ऐसे में बसपा विधायक चंद्रा के सीएम से बढ़ती नजदीकियां और जकांछ के विधायकों के भाजपा का समर्थन करना आगामी चुनाव के लिए काफी मायने रखती है. आइए राजनीतिक जानकर से पूरे मामले को समझते है.

जेसीसीजे विधायक बीजेपी में हो सकते हैं शामिल: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडेय के मुताबिक "चुनावी समय है. सभी पार्टियां 6 माह के बाद चुनावी मोड़ में उतर जाएंगी. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के कुछ विधायकों को अब इस पार्टी में संभावनाएं नजर नहीं आ रही है. विधानसभा सत्र में जकांछ के विधायक बीजेपी के साथ थे. बीजेपी के मुद्दों को उन्होंने मुखर तरीके से उठाया और गर्भगृह तक गए. उन्होंने एक तरह से बीजेपी के प्रति समर्पण दिखाया है. भाजपा नेता अमित शाह से दो बार मुलाकात का कार्यक्रम भी बना, लेकिन यह कार्यक्रम टल गया. बलौदाबाजार से जेसीसीजे के विधायक प्रमोद शर्मा भी बीजेपी के पाले में दिख रहे हैं. हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि मुझे बलौदा बाजार से टिकट दिया जाए, लेकिन भाजपा ने साफ कह दिया है कि अभी किसी की टिकट फाइनल नहीं है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले जकांछ के दोनों विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं."

केशव का झुकाव कांग्रेस की ओर: मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि "इस बार के सत्र में एक नया घटनाक्रम सामने आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा की तो बसपा के दो बार के विधायक केशव चंद्रा उन्हें बधाई देने पहुंचे. क्योंकि केशव चंद्रा स्थानीय मुद्दों को उठाने के लिए पहचाने जाते हैं. पहले वे अक्सर कांग्रेस की नीतियों पर हमला बोलते थे, लेकिन इस सत्र में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया. उन्होंने तो बीजेपी पर ही हमला बोल दिया और कहा कि क्या भाजपा के 4 विधायक नसदन की कार्रवाई को हाईजैक कर लिए हैं, बाकी 90 विधायकों की बात क्या नहीं सुनी जाएगी. यह चीजें इंडिकेट करती है कि उनका बीजेपी के प्रति रुझान कम है कांग्रेस के प्रति ज्यादा है. केशव चंद्रा अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कांग्रेस के पाले में जा सकते हैं."

छग विधानसभा चुनाव 2023: कार्यकर्ताओं में डी पुरंदेश्वरी ने भरा जोश, कहा-कांग्रेस सरकार में कमीशनखोरी, भू माफियाओं के हौसले बुलंद

धर्मजीत को दी गई अलग सीट: जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह पहले से ही पार्टी से निष्कासित हैं. पार्टी की अध्यक्ष रेणु जोगी और अमित जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत से मिलकर धर्मजीत को पार्टी से अलग करने का पत्र दिया था. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने धर्मजीत को अलग विधायक के रूप में मान्यता दी है. सदन में सीट का बंटवारा किया गया, जिसमें भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बगल में धर्मजीत सिंह बैठने लगे. वहीं विधायक प्रमोद कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के साथ नजर आते हैं. सीएम बघेल ने उन्हें लेकर विधानसभा में चुटकी ली थी. उन्‍होंने कहा था कि प्रमोद शर्मा को पांच साल में अनेक पार्टियोें का अनुभव है. कांग्रेस की सरकार बनने से पहले वह पार्टी की पदयात्रा में शामिल होते थे. उन्होंने जकांछ से चुनाव लड़ा और अब भाजपा के साथ उनकी नजदीकी है.

फैक्ट फाइल
कुल सीटें - 90
कांग्रेस - 71
भाजपा- 14
जेसीसीजे- 2
बसपा- 2
जेसीसीजे से निष्कासित- 1


इन विधायकों को इतने वोटों से मिली जीत:

बसपा विधायक केशव चंद्रा: जैजेपुर विधानसभा सीट से आते हैं. वे यहां से लगातार 3 चुनाव लड़े हैं. पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्यासी महंत रामसुंदर दास से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने दो चुनाव में BSP की टिकट पर जीत दर्ज की. हालांकि यह सीट सामान्य वर्ग की सीट है, लेकिन इस सीट को बसपा की दखल वाली सीट मानी जाती है. उन्हें 2018 के चुनाव में 64774 वोट मिले. वहीं, भाजपा के कैलाश साहू को 43087 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार चंद्रा तीसरे स्थान पर रहे.

धर्मजीत सिंह: लोरमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. उन्होंने जनता कांग्रेस जोगी की टिकट से चुनाव जीता है. कांग्रेस से उन्होंने तीन बार लगातार 1998 से 2008 तक जीत दर्ज की है. वे दो बार भाजपा से भी चुनाव जीते हैं. यहां से धर्मजीत सिंह ने 5 चुनाव लड़ा, जिसमें 2013 में सिर्फ एक बार भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू से हार का सामना करना पड़ा.

प्रमोद शर्मा: बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जनकराम वर्मा को 2129 वोटों से जीत दर्ज की है. उन्हें 65251 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 63122 व भाजपा प्रत्याशी तेसु धुरंधर को 48808 वोट ही मिले. पहले यहां कांग्रेस का कब्जा था.

चुनावी साल में पाला बदल सकते हैं कई विधायक

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनावी साल चल रहा है. ऐसे में इस बार का विधानसभा का बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा. विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों का सियासी रुख भी साफ दिखाई दिया. कांग्रेस सरकार के खिलाफ अक्सर आक्रामक रूख अख्तियार करने वाले बसपा विधायक केशव चंद्रा इस सत्र में कई मामलों में सरकार का समर्थन करते नजर आए. इतना ही नहीं सत्र समापन के दिन धान खरीदी की सीमा बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद चंद्रा ने सीएम बघेल से मुलाकात कर बधाई भी दी. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के दो विधायक खुलकर भाजपा के साथ नजर आए. ऐसे में बसपा विधायक चंद्रा के सीएम से बढ़ती नजदीकियां और जकांछ के विधायकों के भाजपा का समर्थन करना आगामी चुनाव के लिए काफी मायने रखती है. आइए राजनीतिक जानकर से पूरे मामले को समझते है.

जेसीसीजे विधायक बीजेपी में हो सकते हैं शामिल: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक जानकर मृगेंद्र पांडेय के मुताबिक "चुनावी समय है. सभी पार्टियां 6 माह के बाद चुनावी मोड़ में उतर जाएंगी. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के कुछ विधायकों को अब इस पार्टी में संभावनाएं नजर नहीं आ रही है. विधानसभा सत्र में जकांछ के विधायक बीजेपी के साथ थे. बीजेपी के मुद्दों को उन्होंने मुखर तरीके से उठाया और गर्भगृह तक गए. उन्होंने एक तरह से बीजेपी के प्रति समर्पण दिखाया है. भाजपा नेता अमित शाह से दो बार मुलाकात का कार्यक्रम भी बना, लेकिन यह कार्यक्रम टल गया. बलौदाबाजार से जेसीसीजे के विधायक प्रमोद शर्मा भी बीजेपी के पाले में दिख रहे हैं. हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि मुझे बलौदा बाजार से टिकट दिया जाए, लेकिन भाजपा ने साफ कह दिया है कि अभी किसी की टिकट फाइनल नहीं है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले जकांछ के दोनों विधायक भाजपा में शामिल हो सकते हैं."

केशव का झुकाव कांग्रेस की ओर: मृगेंद्र पांडेय कहते हैं कि "इस बार के सत्र में एक नया घटनाक्रम सामने आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जब किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा की तो बसपा के दो बार के विधायक केशव चंद्रा उन्हें बधाई देने पहुंचे. क्योंकि केशव चंद्रा स्थानीय मुद्दों को उठाने के लिए पहचाने जाते हैं. पहले वे अक्सर कांग्रेस की नीतियों पर हमला बोलते थे, लेकिन इस सत्र में ऐसा कुछ दिखाई नहीं दिया. उन्होंने तो बीजेपी पर ही हमला बोल दिया और कहा कि क्या भाजपा के 4 विधायक नसदन की कार्रवाई को हाईजैक कर लिए हैं, बाकी 90 विधायकों की बात क्या नहीं सुनी जाएगी. यह चीजें इंडिकेट करती है कि उनका बीजेपी के प्रति रुझान कम है कांग्रेस के प्रति ज्यादा है. केशव चंद्रा अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि वे कांग्रेस के पाले में जा सकते हैं."

छग विधानसभा चुनाव 2023: कार्यकर्ताओं में डी पुरंदेश्वरी ने भरा जोश, कहा-कांग्रेस सरकार में कमीशनखोरी, भू माफियाओं के हौसले बुलंद

धर्मजीत को दी गई अलग सीट: जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह पहले से ही पार्टी से निष्कासित हैं. पार्टी की अध्यक्ष रेणु जोगी और अमित जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत से मिलकर धर्मजीत को पार्टी से अलग करने का पत्र दिया था. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने धर्मजीत को अलग विधायक के रूप में मान्यता दी है. सदन में सीट का बंटवारा किया गया, जिसमें भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बगल में धर्मजीत सिंह बैठने लगे. वहीं विधायक प्रमोद कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के साथ नजर आते हैं. सीएम बघेल ने उन्हें लेकर विधानसभा में चुटकी ली थी. उन्‍होंने कहा था कि प्रमोद शर्मा को पांच साल में अनेक पार्टियोें का अनुभव है. कांग्रेस की सरकार बनने से पहले वह पार्टी की पदयात्रा में शामिल होते थे. उन्होंने जकांछ से चुनाव लड़ा और अब भाजपा के साथ उनकी नजदीकी है.

फैक्ट फाइल
कुल सीटें - 90
कांग्रेस - 71
भाजपा- 14
जेसीसीजे- 2
बसपा- 2
जेसीसीजे से निष्कासित- 1


इन विधायकों को इतने वोटों से मिली जीत:

बसपा विधायक केशव चंद्रा: जैजेपुर विधानसभा सीट से आते हैं. वे यहां से लगातार 3 चुनाव लड़े हैं. पहले चुनाव में कांग्रेस प्रत्यासी महंत रामसुंदर दास से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने दो चुनाव में BSP की टिकट पर जीत दर्ज की. हालांकि यह सीट सामान्य वर्ग की सीट है, लेकिन इस सीट को बसपा की दखल वाली सीट मानी जाती है. उन्हें 2018 के चुनाव में 64774 वोट मिले. वहीं, भाजपा के कैलाश साहू को 43087 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार चंद्रा तीसरे स्थान पर रहे.

धर्मजीत सिंह: लोरमी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं. उन्होंने जनता कांग्रेस जोगी की टिकट से चुनाव जीता है. कांग्रेस से उन्होंने तीन बार लगातार 1998 से 2008 तक जीत दर्ज की है. वे दो बार भाजपा से भी चुनाव जीते हैं. यहां से धर्मजीत सिंह ने 5 चुनाव लड़ा, जिसमें 2013 में सिर्फ एक बार भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू से हार का सामना करना पड़ा.

प्रमोद शर्मा: बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र से आते हैं. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जनकराम वर्मा को 2129 वोटों से जीत दर्ज की है. उन्हें 65251 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 63122 व भाजपा प्रत्याशी तेसु धुरंधर को 48808 वोट ही मिले. पहले यहां कांग्रेस का कब्जा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.