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रायपुर नगर निगम की बैठक में शामिल हुईं राज्यपाल, शेयर किए अनुभव

रायपुर नगर निगम के इतिहास में पहली बार सामान्य सभा (Raipur Municipal Corporation General Assembly) की बैठक में मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके शामिल हुईं.

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अनुसुइया उइके
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Published : Mar 15, 2022, 8:09 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा में राज्यपाल अनुसुइया उइके (Anusuiya Uikey in general body meeting Raipur Corporation) शामिल हुईं. यह ऐतिहासिक क्षण रायपुर नगर निगम मुख्यालय में 15 मार्च को आया. करीब 12:30 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके रायपुर नगर निगम पहुंचीं. महापौर एजाज ढेबर ने उनका स्वागत किया. वरिष्ठ विधायक सत्य नारायण शर्मा ने भी राज्‍यपाल का स्‍वागत किया.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, 'महापौर सभापति सहित सभी को मेरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं. मैंने व्हाइट हाउस (रायपुर नगर निगम ऑफिस) का बहुत नाम सुना था. मैंने व्हाइट हाउस देखने की इच्छा व्यक्त की थी और आज ये देखने का मौका मिला. छात्र राजनीति का मुझे अनुभव है. पार्षद बनने का कभी सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ. मुझे एक जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी पार्षदों से भी कहना चाहूंगी कि जनप्रतिनिधि से जनता की बहुत अपेक्षा रहती है. उस अपेक्षा के अनुरूप सभी काम करें.'

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, 'लोगों से जुड़ाव बहुत आवश्यक है. रायपुर नगर निगम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से शुरुआत कर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है. कोरोना काल में निगम के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि ने बहुत ही बेहतर काम किया है. लोगों की हर संभव मदद की गई. निगम के सभी अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं. रायपुर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए निगम की अहम भूमिका रही है.'

राज्यपाल ने साझा किए अनुभव
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, 'मुझे ग्राम पंचायत और नगर निगम का अनुभव नहीं है, लेकिन मुझे छात्र राजनीति का अनुभव रहा है. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने तीन साल कॉलेज में पढ़ाया. फिर 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनी. मैं जिस क्षेत्र से आती थी, वहां ट्राइबल बहुत पिछड़े थे. बजट में प्रावधान होता है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. मैं रूलिंग पार्टी की विधायक थी. जनता के मुद्दे उठाने के लिए मैं सत्ता पक्ष-विपक्ष का भी ध्यान नहीं देती थी. यही कारण है कि विपक्ष के लोग मुझे कहते थे कि तुम विपक्ष में आ जाओ. इसी का नतीजा रहा कि मुझे जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हूं कि वह भी इस तरह से कार्य करें और जनता मुद्दों को लेकर हमेशा कार्य करें.'

नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला है. यहां निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र व संसदीय कार्यप्रणाली से पहली बार परिचय होता है. रायपुर नगर निगम से कई ऐसे लोग हुए, जो प्राथमिक शाला से निकलकर आज देश के उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के लोगों की तारीफ की
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के अनेक राज्यों का मैंने भ्रमण किया. लेकिन छत्तीसगढ़ में मेरे कार्यकाल के ढाई साल कैसे बीत गए, इसका मुझे पता ही नहीं चला. महिला आयोग में रहते मैंने 25 राज्यों का दौरा किया. मैंने यह देखा है कि छत्तीसगढ़ में जितने सहज और सरल व्यक्ति हैं, वैसे शायद किसी अन्य राज्य में हों. इस तरह का वातावरण मुझे और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता बड़ी ही सरल, सहज और मृदुभाषी है, जो 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' की सार्थकता को सिद्ध करती है.

रायपुर नगरनिगम का बजट पेश
राज्‍यपाल अनुसुइया उइके के अभिभाषण के बाद महापौर एजाज ढेबर ने बजट पर अभिभाषण शुरू किया. महापौर ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,475 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. खास बात यह रही कि महापौर एजाज ढेबर भी गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लेकर पहुंचे. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल भी गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे थे.

मच्छरदानी पहनकर सामान्य सभा पहुंचे पार्षद भी चर्चा में रहे
सामान्य सभा में शामिल होने स्वामी आत्मानंद वार्ड के पार्षद अमर बंसल मच्छरदानी पहनकर पहुंचे. उन्होंने बताया कि रायपुरवासी मच्छरों की समस्या से बेहद परेशान हैं. इसके अलावा सूअर, कुत्ते, और सांड की समस्या से भी शहर की जनता त्रस्त है. अमर ने कहा कि मच्छरों के कारण लोग परेशान हैं. बीमार हो रहे हैं, लेकिन मच्छरों की रोकथाम के लिए निगम में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोग मच्छरों से निजात के लिए लगातार शिकायत कर रहे हैं. लेकिन निगम के अधिकारी इससे बेखबर हैं. अमर ने आरोप लगाया कि नगर निगम की ओर से दवा के नाम पर महज पानी का छिड़काव किया जा रहा है. मच्छर उन्मूलन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किये जाते हैं. लेकिन अब तक शहर को मच्छरों से निजात नहीं मिल पाई है.

यह भी पढ़ें- लोक सभा की स्क्रीन पर नहीं दिखे शिवसेना सांसद, पीठासीन सभापति ने कहा- 'डिबेट में कैमरे का अहम रोल'

रायपुर : छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा में राज्यपाल अनुसुइया उइके (Anusuiya Uikey in general body meeting Raipur Corporation) शामिल हुईं. यह ऐतिहासिक क्षण रायपुर नगर निगम मुख्यालय में 15 मार्च को आया. करीब 12:30 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके रायपुर नगर निगम पहुंचीं. महापौर एजाज ढेबर ने उनका स्वागत किया. वरिष्ठ विधायक सत्य नारायण शर्मा ने भी राज्‍यपाल का स्‍वागत किया.

राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, 'महापौर सभापति सहित सभी को मेरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं. मैंने व्हाइट हाउस (रायपुर नगर निगम ऑफिस) का बहुत नाम सुना था. मैंने व्हाइट हाउस देखने की इच्छा व्यक्त की थी और आज ये देखने का मौका मिला. छात्र राजनीति का मुझे अनुभव है. पार्षद बनने का कभी सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ. मुझे एक जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी पार्षदों से भी कहना चाहूंगी कि जनप्रतिनिधि से जनता की बहुत अपेक्षा रहती है. उस अपेक्षा के अनुरूप सभी काम करें.'

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा, 'लोगों से जुड़ाव बहुत आवश्यक है. रायपुर नगर निगम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से शुरुआत कर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है. कोरोना काल में निगम के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि ने बहुत ही बेहतर काम किया है. लोगों की हर संभव मदद की गई. निगम के सभी अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं. रायपुर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए निगम की अहम भूमिका रही है.'

राज्यपाल ने साझा किए अनुभव
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, 'मुझे ग्राम पंचायत और नगर निगम का अनुभव नहीं है, लेकिन मुझे छात्र राजनीति का अनुभव रहा है. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने तीन साल कॉलेज में पढ़ाया. फिर 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनी. मैं जिस क्षेत्र से आती थी, वहां ट्राइबल बहुत पिछड़े थे. बजट में प्रावधान होता है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. मैं रूलिंग पार्टी की विधायक थी. जनता के मुद्दे उठाने के लिए मैं सत्ता पक्ष-विपक्ष का भी ध्यान नहीं देती थी. यही कारण है कि विपक्ष के लोग मुझे कहते थे कि तुम विपक्ष में आ जाओ. इसी का नतीजा रहा कि मुझे जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हूं कि वह भी इस तरह से कार्य करें और जनता मुद्दों को लेकर हमेशा कार्य करें.'

नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला
राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला है. यहां निर्वाचित होकर जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र व संसदीय कार्यप्रणाली से पहली बार परिचय होता है. रायपुर नगर निगम से कई ऐसे लोग हुए, जो प्राथमिक शाला से निकलकर आज देश के उच्च पदों पर कार्य कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के लोगों की तारीफ की
राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के अनेक राज्यों का मैंने भ्रमण किया. लेकिन छत्तीसगढ़ में मेरे कार्यकाल के ढाई साल कैसे बीत गए, इसका मुझे पता ही नहीं चला. महिला आयोग में रहते मैंने 25 राज्यों का दौरा किया. मैंने यह देखा है कि छत्तीसगढ़ में जितने सहज और सरल व्यक्ति हैं, वैसे शायद किसी अन्य राज्य में हों. इस तरह का वातावरण मुझे और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता बड़ी ही सरल, सहज और मृदुभाषी है, जो 'छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया' की सार्थकता को सिद्ध करती है.

रायपुर नगरनिगम का बजट पेश
राज्‍यपाल अनुसुइया उइके के अभिभाषण के बाद महापौर एजाज ढेबर ने बजट पर अभिभाषण शुरू किया. महापौर ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1,475 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. खास बात यह रही कि महापौर एजाज ढेबर भी गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लेकर पहुंचे. इससे पहले सीएम भूपेश बघेल भी गोबर से बने ब्रीफकेस में बजट लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे थे.

मच्छरदानी पहनकर सामान्य सभा पहुंचे पार्षद भी चर्चा में रहे
सामान्य सभा में शामिल होने स्वामी आत्मानंद वार्ड के पार्षद अमर बंसल मच्छरदानी पहनकर पहुंचे. उन्होंने बताया कि रायपुरवासी मच्छरों की समस्या से बेहद परेशान हैं. इसके अलावा सूअर, कुत्ते, और सांड की समस्या से भी शहर की जनता त्रस्त है. अमर ने कहा कि मच्छरों के कारण लोग परेशान हैं. बीमार हो रहे हैं, लेकिन मच्छरों की रोकथाम के लिए निगम में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. लोग मच्छरों से निजात के लिए लगातार शिकायत कर रहे हैं. लेकिन निगम के अधिकारी इससे बेखबर हैं. अमर ने आरोप लगाया कि नगर निगम की ओर से दवा के नाम पर महज पानी का छिड़काव किया जा रहा है. मच्छर उन्मूलन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किये जाते हैं. लेकिन अब तक शहर को मच्छरों से निजात नहीं मिल पाई है.

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