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बालोद में चंदा हाथी दल, 10 गांवों में अलर्ट - बालोद में हाथियों को लेकर कई गांवों में अलर्ट

Chanda elephant team in Balod: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में चंदा हाथी दल रिहायशी इलाकों के पास पहुंच गए हैं. जिसे लेकर वन विभाग के पसीने छूटने लगे हैं. विभाग ने कई गांवों में हाथियों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है.

Chanda elephant team in Balod
बालोद में चंदा हाथी दल
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Published : Jul 10, 2022, 12:58 PM IST

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद शहर से लगे वन क्षेत्रों में चंदा हाथियों का दल सक्रिय है. जिसको लेकर वन विभाग ने 10 गांवों में अलर्ट जारी किया है. इस दल में एक दंतैल हाथी भी शामिल है. जिसे देखते हुए ग्रामीणों को हाथियों के दल से दूर रहने सतर्क किया जा रहा है. प्रशासन के लिए हाथियों को रहवासी क्षेत्रों से खदेड़ना एक चुनौती बन गई है. वन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि "नर्रा, धरमपुरा तालगांव, रानीमाई मंदिर, नहरडेरा, साल्हेटोला, मटिया, सेमरकोना, अँधियाटोला, देवारभाट गांवों में हाथी की उपस्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है."

(Alert in many villages regarding elephants in Balod)

पल पल की अपडेट ले रहा विभाग: हाथियों की उपस्थिति को देखते हुए वन विभाग पल पल का अपडेट ले रहा है. ताकि रहवासी क्षेत्रों से दूर रखा जा सके. ग्रामीणों को भी हाथियों से छेड़छाड़ नहीं करने की समझाइश दी जा रही है.

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एक दंतैल हाथी भी: चंदा हाथियों के दल में 20 से 22 हाथी है. साथ ही एक दंतैल हाथी भी हैं. जिसको लेकर विशेष चिंता वन विभाग ने दिखाई हैं. विभाग का कहना है कि दंतैल हाथी इंसानों को बुरी तरह घायल करने में सक्षम है. ऐसे हाथी ज्यादा गुस्सैल होते हैं.

कृषि कार्यों में देरी: हाथियों की मौजूदगी के कारण इस क्षेत्र में कृषि कार्य काफी प्रभावित हुए हैं. किसानों के लिए धान बोवाई का समय है. लेकिन हाथियों के डर से ग्रामीण खेतों में जाने से कतरा रहे हैं. इसके कारण कृषि कार्य काफी पिछड़ गया है. हाथियों का दल जिले में 3 लोगों की जान ले चुका है.

जलाशय किनारे देखा जा रहा दल: हाथियों के लिए बालोद का जंगल काफी अनुकूल माना जा रहा है. उन्हे विचरण के लिए पर्याप्त स्थल और जलाशय से पेयजल भी मिल पा रहा है. जिसके कारण यह दल जलाशय के तटीय क्षेत्रों में विचरण कर रहा है.

बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद शहर से लगे वन क्षेत्रों में चंदा हाथियों का दल सक्रिय है. जिसको लेकर वन विभाग ने 10 गांवों में अलर्ट जारी किया है. इस दल में एक दंतैल हाथी भी शामिल है. जिसे देखते हुए ग्रामीणों को हाथियों के दल से दूर रहने सतर्क किया जा रहा है. प्रशासन के लिए हाथियों को रहवासी क्षेत्रों से खदेड़ना एक चुनौती बन गई है. वन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि "नर्रा, धरमपुरा तालगांव, रानीमाई मंदिर, नहरडेरा, साल्हेटोला, मटिया, सेमरकोना, अँधियाटोला, देवारभाट गांवों में हाथी की उपस्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है."

(Alert in many villages regarding elephants in Balod)

पल पल की अपडेट ले रहा विभाग: हाथियों की उपस्थिति को देखते हुए वन विभाग पल पल का अपडेट ले रहा है. ताकि रहवासी क्षेत्रों से दूर रखा जा सके. ग्रामीणों को भी हाथियों से छेड़छाड़ नहीं करने की समझाइश दी जा रही है.

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एक दंतैल हाथी भी: चंदा हाथियों के दल में 20 से 22 हाथी है. साथ ही एक दंतैल हाथी भी हैं. जिसको लेकर विशेष चिंता वन विभाग ने दिखाई हैं. विभाग का कहना है कि दंतैल हाथी इंसानों को बुरी तरह घायल करने में सक्षम है. ऐसे हाथी ज्यादा गुस्सैल होते हैं.

कृषि कार्यों में देरी: हाथियों की मौजूदगी के कारण इस क्षेत्र में कृषि कार्य काफी प्रभावित हुए हैं. किसानों के लिए धान बोवाई का समय है. लेकिन हाथियों के डर से ग्रामीण खेतों में जाने से कतरा रहे हैं. इसके कारण कृषि कार्य काफी पिछड़ गया है. हाथियों का दल जिले में 3 लोगों की जान ले चुका है.

जलाशय किनारे देखा जा रहा दल: हाथियों के लिए बालोद का जंगल काफी अनुकूल माना जा रहा है. उन्हे विचरण के लिए पर्याप्त स्थल और जलाशय से पेयजल भी मिल पा रहा है. जिसके कारण यह दल जलाशय के तटीय क्षेत्रों में विचरण कर रहा है.

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