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Green Sea Turtle Body Found: गुजरात के द्वारका तट पर मिला दुर्लभ ग्रीन समुद्री कछुए का शव

गुजरात के सोमनाथ जिले में द्वारका समुद्र तट पर एक ग्रीन समुद्री कछुए (green sea turtle) का शव बरामद हुआ है. एक पशु प्रेमी द्वारा इस घटना की सूचना वन विभाग को दी गई. वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर कछुए के शव को कब्जे में ले लिया और मौत का कारण जानने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

rare green sea turtle
दुर्लभ ग्रीन समुद्री कछुआ
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 13, 2023, 9:32 PM IST

सोमनाथ: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तहसील के द्वारका समुद्र तट पर एक ग्रीन समुद्री कछुआ मृत पाया गया. प्रकृति प्रेमियों द्वारा इस घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, जिसके बाद वन विभाग ने मृत कछुए को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. दुनिया में पाए जाने वाले समुद्री कछुओं की सात प्रजातियों में से ग्रीन समुद्री कछुआ दूसरा सबसे बड़ा कछुआ है और यह विलुप्त होने के कगार पर है. इसे अनुसूची-01 के तहत लुप्तप्राय प्रजाति के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है.

वन विभाग ने कछुए के मृत शरीर को कब्जे में ले लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए जामवाला पशु देखभाल केंद्र में स्थानांतरित कर दिया. एक प्रकृति प्रेमी ने विश्व के दूसरे सबसे बड़े कछुए के मृत पड़े होने की सूचना पर वन विभाग से संपर्क किया था. वन विभाग ने उसकी मौत का सही कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टरों की मदद से आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

ग्रीन समुद्री कछुए की विशेषताएं: द्वारका बंदरगाह में मृत पाए गए ग्रीन समुद्री कछुए को एक लुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया गया है. इन कछुओं का वजन 150 से 200 किलोग्राम तक होता है और ये चार से पांच फीट लंबे हो सकते हैं. इन कछुओं के बारे में सबसे दुखद बात यह है कि जन्म लेने वाले एक हजार कछुओं में से केवल एक कछुआ ही पूर्ण रूप से वयस्क हो पाता है. जिसके कारण इसे लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में अनुसूची-01 में शामिल किया गया है.

सोमनाथ: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तहसील के द्वारका समुद्र तट पर एक ग्रीन समुद्री कछुआ मृत पाया गया. प्रकृति प्रेमियों द्वारा इस घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, जिसके बाद वन विभाग ने मृत कछुए को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. दुनिया में पाए जाने वाले समुद्री कछुओं की सात प्रजातियों में से ग्रीन समुद्री कछुआ दूसरा सबसे बड़ा कछुआ है और यह विलुप्त होने के कगार पर है. इसे अनुसूची-01 के तहत लुप्तप्राय प्रजाति के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है.

वन विभाग ने कछुए के मृत शरीर को कब्जे में ले लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए जामवाला पशु देखभाल केंद्र में स्थानांतरित कर दिया. एक प्रकृति प्रेमी ने विश्व के दूसरे सबसे बड़े कछुए के मृत पड़े होने की सूचना पर वन विभाग से संपर्क किया था. वन विभाग ने उसकी मौत का सही कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टरों की मदद से आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

ग्रीन समुद्री कछुए की विशेषताएं: द्वारका बंदरगाह में मृत पाए गए ग्रीन समुद्री कछुए को एक लुप्तप्राय प्रजाति घोषित किया गया है. इन कछुओं का वजन 150 से 200 किलोग्राम तक होता है और ये चार से पांच फीट लंबे हो सकते हैं. इन कछुओं के बारे में सबसे दुखद बात यह है कि जन्म लेने वाले एक हजार कछुओं में से केवल एक कछुआ ही पूर्ण रूप से वयस्क हो पाता है. जिसके कारण इसे लुप्तप्राय प्रजाति के रूप में अनुसूची-01 में शामिल किया गया है.

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