लुधियाना : केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए बिल को लेकर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. लुधियाना के मुल्लांपुर दाखा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों ने एक समूह ने बिल के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए यह रैली की. किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा जारी यह अध्यादेश पूरी तरीके से किसान विरोधी है.
इस रैली को यूथ कांग्रेस को दिल्ली लेकर जाना है, जिसको पानीपत में पुलिस ने रोक दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बेरिकेडिंग की, लेकिन यहां पर यूथ कांग्रेस ने धक्का मुक्की शुरू कर दी. इस भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को सख्ती से पेश आना पड़ा.
पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन चला दी. इस दौरान पुलिस ने कई यूथ कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में भी लिया. जिसके बाद से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा रोष है.
पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए सिद्धू
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि बिल पारित किया है. ऐसे में पारित होने के बाद से ही बिल के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कहीं विपक्षी पार्टियां, तो कहीं किसान इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसान और विपक्षी दल प्रदर्शन कर रहे हैं.
कृषि सुधार बिल के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी रहा. दिल्ली में संसद परिसर में राज्यसभा से निलंबित विपक्ष के आठ सांसद भी धरने पर बैठे रहे. उन्होंने किसान बिल के अलावा अपने निलंबन का भी विरोध किया.
किसान विरोधी है बिल'
इससे पहले ग्रेटर नोएडा के जिला मुख्यालय पर सोमवार को किसानों ने प्रदर्शन किया. किसान नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा तीन अध्यादेश जो पारित किए गए हैं, वह पूरी तरीके से किसान विरोधी हैं और ठेकेदारी प्रथा और बिचौलियों को बढ़ावा देने वाला यह नियम है. अगर किसान मंडी के बाहर अपना सामान बेचता है तो उसको अपने दम पर नहीं, बल्कि बिचौलियों के दामों पर उसे बेचना पड़ेगा.
आपको बता दें कि कृषि विधेयकों के मुद्दे पर विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई है.
क्या है कानून ?
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 एक ऐसा कानून है, जिसके तहत किसानों और व्यापारियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी होगी. इस बिल का पुरजोर विरोध हो रहा है. विरोधियों का कहना है कि यह विधेयक पूंजीपतियों को ही लाभ पहुंचाएगा.