जयपुर : निम्स के चेयरमैन डॉक्टर बीएस तोमर ने आरोप लगाया है कि आयुष मंत्रालय ने झूठ बोला है. पतंजलि को कोरोनिल दवा के क्लिनिकल ट्रायल की लिए अनुमति मिली थी.
बता दें कि योग गुरु रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार को बाजार में एक औषधि उतारी थी. वहीं, इसके कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने उसे इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी -बूटियों की मात्रा और यह औषधि पेश करने से पहले किये गये अनुसंधान का ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने को कहा था.
⦁ पतंजलि की कोरोनिल किट की दवा के ट्रायल से जुड़ा मामला
⦁ निम्स यूनिवर्सिटी चेयरमैन का बयान, कहा- ट्रायल के लिए मिली थी अनुमति
⦁ सरकार ने गजट निकाल कर कहा था कि दवाइयों का प्रयोग शुरू करें, रास्ता निकलने पर बताएं
⦁ ICMR की बॉडी CTRI से ली थी अनुमति
⦁ डॉ. बीएस तोमर ने बताया CTRI नंबर CTRI/2020/05/025273
मंत्रालय ने विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करने का आदेश दिया.
पतंजलि आयुर्वेद ने 'कोरोनिल' गोली और स्वासरी वटी दवाइयां पेश करते हुए दावा किया है कि उसने कोविड-19 का इलाज ढूंढ लिया है. उसने यह दावा भी किया कि इन आयुर्वेदिक दवाइयों का क्लीनिकल परीक्षण के दौरान शत-प्रतिशत अनुकूल परिणाम दिखा,सिवाय जीवन रक्षक प्रणाली पर रखे गये संक्रमित मरीजों के.
हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि इस दावे के तथ्य और बताये जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है.
पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया है, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया. साथ ही,संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है.