नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कल्याण संगठनों के सदस्यों के साथ बातचीत की. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण में लगे संगठन कोरोना वायरस से जुड़े अंधविश्वासों और गलत सूचनाओं को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि पूरा देश कोविड-19 का सामना करने में धैर्य दिखा रहा है. महात्मा गांधी कहते थे कि गरीबों की सेवा करना ही राष्ट्र की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका है, उन्होंने मानवता की सेवा करने के लिए सहभागी संगठनों के समर्पण की प्रशंसा की थी.
प्रधानमंत्री के साथ कॉन्फ्रेंसिंग में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के नेता भैय्या जी जोशी, दाउदी बोहरा समिति के सदस्य, योगगुरु रामदेव, रामकृष्ण मिशन एवं श्री श्री रविशंकर जैसे लोग शामिल रहे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर लोग सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर विभिन्न जगहों पर इकट्ठा हो रहे हैं. इसलिए उन्हें सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है ताकि घातक वायरस के प्रसार को रोका जा सके.
मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए मूलभूत जरूरतों की व्यवस्था करने में सामाजिक संगठन बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और रोगियों तथा जरूरतमंदों की सेवा में अपनी चिकित्सा सुविधाओं और स्वयंसेवियों को लगा सकते हैं.
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प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में मोदी के हवाले से बताया गया कि देश अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है और उसे इन संगठनों और उनके संसाधनों की अभी बहुत जरूरत है.
मोदी ने कहा कि 'वायरस के संक्रमण से उत्पन्न चुनौती से निबटने के लिए देश को अल्प अवधि वाले उपाय और दीर्घ अवधि वाले दृष्टिकोण दोनों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, इन संगठनों की तीन विशिष्टताएं हैं. मानवीय दृष्टिकोण, व्यापक पहुंच और लोगों से जुड़ाव तथा सेवा करने की मानसिकता. इसलिए उन पर इतना विश्वास किया जाता है.'