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मिजोरम-असम सीमा पर हिंसक झड़प, सोनोवाल ने पीएमओ को दी जानकारी - जानें क्या है पूरा विवाद

असम और मिजोरम के बीच गतिरोध तीन महीने पहले शुरू हुआ था. अगस्त में एक रिपोर्ट में पाया गया कि फुलडुंगसेई गांव में रहने वाले कई ग्रामीणों का राशन कार्ड और मतदाता सूची में नाम त्रिपुरा और मिजोरम दोनों जगह हैं. जिसके बाद रविवार को मिजोरम ने त्रिपुरा सीमा के पास स्थित फुलडुंगसेई जम्पुई और जोमुआंतलांग गांव में लागू निषेधाज्ञा आदेश निरस्त कर दिया.

Tripura border
सीमावर्ती गांव
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Published : Oct 19, 2020, 7:41 AM IST

Updated : Oct 19, 2020, 10:18 AM IST

गुवाहाटी/आईजोल : असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

मिजोरम और असम की सीमा पर हिंसक झड़प, वहीं त्रिपुरा सीमा पर लगी धारा 144 हटा ली गई

वहीं मिजोरम ने त्रिपुरा सीमा के पास स्थित फुलडुंगसेई जम्पुई और जोमुआंतलांग गांव में लागू निषेधाज्ञा आदेश को रविवार को निरस्त कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्य के एक संगठन द्वारा इलाके में मंदिर का प्रस्तावित निर्माण रोके जाने का निर्णय लिए जाने के बाद निषेधाज्ञा आदेश निरस्त किया गया.

असम सरकार के एक बयान के मुताबिक सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.

विवादित क्षेत्र उत्तर त्रिपुरा जिला
दोनों राज्यों के अधिकारियों ने बताया कि त्रिपुरा सरकार ने भी मिजोरम को इस आदेश को निरस्त करने को कहा था. त्रिपुरा सरकार ने दावा किया कि विवादित क्षेत्र उत्तर त्रिपुरा जिले में आते हैं.

सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. असम सरकार के एक बयान के मुताबिक सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.

मिजोरम के मुख्यमंत्री के साथ अपनी बातचीत के दौरान सोनोवाल ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिये सार्थक उपाय और संयुक्त कोशिशें करने पर जोर दिया. उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल करने और अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति, कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये सहयोग के साथ काम करने की भी हिमायत की.

सीमा पर शांति कायम रखने का भरोसा दिलाया
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपस में मतभेद हों, लेकिन उन्हें अवश्य ही वार्ता के जरिये दूर किया जाना चाहिए. जोरमथंगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों और सहयोग का भरोसा दिलाया. मिजोरम सरकार ने भी असम के कछार जिले और राज्य के कोलासीब जिले के बीच सीमा पर तनाव दूर करने के लिये केंद्र से संपर्क किया है.

शिव मंदिर के प्रस्तावित निर्माण पर रोक
मिजोरम सरकार ने कहा कि 16 अक्टूबर को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया क्योंकि त्रिपुरा के एक संगठन द्वारा थाईदार त्लांग में शिव मंदिर के प्रस्तावित निर्माण को रोक दिया गया है.

दोनों राज्यों के मुख्य सचिव बैठक में होंगे शामिल
मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक होगी, जिसमें हालात का जायजा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.

यह भी पढ़ें- असम-मिजोरम सीमा पर तनाव, हिंसक झड़प में कई घायल

असम-मिजोरम सीमा पर तनाव-हिंसक झड़प
कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच लल्थलंगलियाना ने बताया कि शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया, जिसके बाद वैरेंगते गांव के निवासी भारी संख्या में एकत्र हो गए.

20 झोपड़ियों, दुकानों को किया आग के हवाले
उन्होंने कहा कि इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जो कि लैलापुर गांव के लोगों की थी.

चार लोगों समेत कई अन्य लोग घायल
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि घंटों तक चली इस हिंसक झड़प में मिजोरम के चार लोगों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए. कछार के पुलिस अधीक्षक भंवर लाल मीणा ने कहा कि हमें कुछ अस्थायी घरों और दुकानों को जलाए जाने की रिपेार्ट मिली थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू किया. भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों, इसे लेकर हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं.

गुवाहाटी/आईजोल : असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

मिजोरम और असम की सीमा पर हिंसक झड़प, वहीं त्रिपुरा सीमा पर लगी धारा 144 हटा ली गई

वहीं मिजोरम ने त्रिपुरा सीमा के पास स्थित फुलडुंगसेई जम्पुई और जोमुआंतलांग गांव में लागू निषेधाज्ञा आदेश को रविवार को निरस्त कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्य के एक संगठन द्वारा इलाके में मंदिर का प्रस्तावित निर्माण रोके जाने का निर्णय लिए जाने के बाद निषेधाज्ञा आदेश निरस्त किया गया.

असम सरकार के एक बयान के मुताबिक सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.

विवादित क्षेत्र उत्तर त्रिपुरा जिला
दोनों राज्यों के अधिकारियों ने बताया कि त्रिपुरा सरकार ने भी मिजोरम को इस आदेश को निरस्त करने को कहा था. त्रिपुरा सरकार ने दावा किया कि विवादित क्षेत्र उत्तर त्रिपुरा जिले में आते हैं.

सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई एक हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. असम सरकार के एक बयान के मुताबिक सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.

मिजोरम के मुख्यमंत्री के साथ अपनी बातचीत के दौरान सोनोवाल ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिये सार्थक उपाय और संयुक्त कोशिशें करने पर जोर दिया. उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल करने और अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति, कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये सहयोग के साथ काम करने की भी हिमायत की.

सीमा पर शांति कायम रखने का भरोसा दिलाया
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपस में मतभेद हों, लेकिन उन्हें अवश्य ही वार्ता के जरिये दूर किया जाना चाहिए. जोरमथंगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों और सहयोग का भरोसा दिलाया. मिजोरम सरकार ने भी असम के कछार जिले और राज्य के कोलासीब जिले के बीच सीमा पर तनाव दूर करने के लिये केंद्र से संपर्क किया है.

शिव मंदिर के प्रस्तावित निर्माण पर रोक
मिजोरम सरकार ने कहा कि 16 अक्टूबर को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत जारी निषेधाज्ञा आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया क्योंकि त्रिपुरा के एक संगठन द्वारा थाईदार त्लांग में शिव मंदिर के प्रस्तावित निर्माण को रोक दिया गया है.

दोनों राज्यों के मुख्य सचिव बैठक में होंगे शामिल
मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक होगी, जिसमें हालात का जायजा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.

यह भी पढ़ें- असम-मिजोरम सीमा पर तनाव, हिंसक झड़प में कई घायल

असम-मिजोरम सीमा पर तनाव-हिंसक झड़प
कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच लल्थलंगलियाना ने बताया कि शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया, जिसके बाद वैरेंगते गांव के निवासी भारी संख्या में एकत्र हो गए.

20 झोपड़ियों, दुकानों को किया आग के हवाले
उन्होंने कहा कि इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जो कि लैलापुर गांव के लोगों की थी.

चार लोगों समेत कई अन्य लोग घायल
पुलिस उपायुक्त ने कहा कि घंटों तक चली इस हिंसक झड़प में मिजोरम के चार लोगों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए. कछार के पुलिस अधीक्षक भंवर लाल मीणा ने कहा कि हमें कुछ अस्थायी घरों और दुकानों को जलाए जाने की रिपेार्ट मिली थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू किया. भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों, इसे लेकर हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं.

Last Updated : Oct 19, 2020, 10:18 AM IST
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