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जम्मू-कश्मीर पर भारत-पाक के बीच बातचीत जरूरी : UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस - Guterres rules out UN involvement in Kashmir

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है. साथ ही उन्होंने इस मामले पर अपनी सीधी भागीदारी से भी इनकार किया. जानें और क्या कुछ बोले एंटोनियो गुटेरेस...

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस
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Published : Sep 19, 2019, 11:15 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 4:22 AM IST

वॉशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर बयान दिया है. गुटेरेस ने मुद्दे को हल करने में किसी भी प्रकार की सीधी भागीदारी को खारिज किया है जब तक कि इसमें भारत और पाक की सहमति न हो. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इस मामले पर बातचीत होनी चाहिए.

गुटेरस ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हालातों को सामान्य करने के लिए अच्छे संबंधों की जरूरत होती है और अच्छे संबंध तभी बनते हैं, जब दोनों पक्षों की सहमति होती है.

गौरतलब है कि गुटेरस का ये बयान 1972 के शिमला समझौते के संबंध में कहा गया है. अपने बयान से उन्होंने संकेत दिया कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को निपटाने के लिए वकालत करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि मेरी स्पष्ट राय है कि क्षेत्र में मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए और समस्या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सबसे जरूरी है.

बता दें, भारत का हमेशा से मानना है कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है.

पढ़ेंः भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से बेहद चिंतित हैं: अमेरिकी सांसद

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या का समाधान केवल बातचीत से ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये दोनों देशों के लिए बेहद अहम है.

वॉशिंगटनः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर बयान दिया है. गुटेरेस ने मुद्दे को हल करने में किसी भी प्रकार की सीधी भागीदारी को खारिज किया है जब तक कि इसमें भारत और पाक की सहमति न हो. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच इस मामले पर बातचीत होनी चाहिए.

गुटेरस ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हालातों को सामान्य करने के लिए अच्छे संबंधों की जरूरत होती है और अच्छे संबंध तभी बनते हैं, जब दोनों पक्षों की सहमति होती है.

गौरतलब है कि गुटेरस का ये बयान 1972 के शिमला समझौते के संबंध में कहा गया है. अपने बयान से उन्होंने संकेत दिया कि कश्मीर द्विपक्षीय मामला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को निपटाने के लिए वकालत करते रहेंगे.

उन्होंने कहा कि मेरी स्पष्ट राय है कि क्षेत्र में मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान होना चाहिए और समस्या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत सबसे जरूरी है.

बता दें, भारत का हमेशा से मानना है कि कश्मीर एक आंतरिक मामला है और मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की कोई जरूरत नहीं है.

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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या का समाधान केवल बातचीत से ही हो सकता है. उन्होंने कहा कि ये दोनों देशों के लिए बेहद अहम है.

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Last Updated : Oct 1, 2019, 4:22 AM IST
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