कांकेर: वन्यप्राणियों के शिकार को रोकने के लिए कई तरह के कानून बनाए गए हैं, लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसे है जो इन बातों को नजर अंदाज कर वन्य प्राणियों का शिकार कर रहे है. जिले के सरोना वन परिक्षेत्र से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां एक भालू के बच्चे का शिकार धमतरी जिले के दो लोगो ने मिलकर किया, जिन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है. अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया है.
8 महीने का था भालू का बच्चा: सरोना वन परिक्षेत्र के रेंजर धनलाल साहू ने बताया कि "रविवार रात को कुछ लोग, सरोना क्षेत्र के जंगल में शिकार की नीयत से पहुंचे थे. उन्होंने भालू के करीब 8 माह के बच्चे का शिकार किया. शिकार के लिए किसी बंदूक का इस्तेमाल नहीं बल्कि तीर कमान का इस्तेमाल किया गया. जब शिकारी जंगल से भालू का शिकार करने के बाद उसे लेकर जा रहे थे. तब ड्यूटी में तैनात वन रक्षकों की नजर उन पड़ी. जब तक वन रक्षक पहुंच पाते, आरोपी मौके से भाग निकले."
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शिकार करने को बताया परंपरा: जानकारी वन विभाग तक पहुंचते ही जांच शुरू हुई, तो जानकारी मिली कि धमतरी जिले के ग्राम कोरमुड़ निवासी तिजु और तिहारु भालू का शिकार कर, भालू के बच्चे को अपने साथ घर लेकर पहुंचे हैं. टीम कोरमुड़ पहुंची और दोनों आरोपियों को पकड़ कर भालू के शव को बरामद किया. विभागीय पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि "वह कमार जनजाति के लोग हैं और शिकार करना उनकी परंपरा है." विभाग ने भालू के शव का पीएम कराने के बाद अंतिम संस्कार किया.