यूक्रेन संकट पर फारूक- भारत कुछ ऐसा करे कि लोग कहें, गांधी के देश ने दुनिया को बचाया - इंडिया फर्स्ट क्यों नहीं हो सकता
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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने यूक्रेन और रूस के युद्ध से उपजे मानवीय संकट को संयुक्त राष्ट्र की नाकामी करार दिया है. उन्होंने कहा कि वियतनाम, कोरिया और मीडिल ईस्ट में भी संयुक्त राष्ट्र कि विफलता उजागर हो चुकी है. युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की वापसी पर उन्होंने पीएम मोदी और भारत सरकार के मंत्रियों को धन्यवाद दिया. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मध्यस्थता की भूमिका निभाने की बात कहना आसान है, लेकिन यूक्रेन और रूस में वर्तमान हालात पेचीदा हैं. अमेरिकी प्रशासन के फैसलों का जिक्र कर अपने वक्तव्य के अंत में फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हम कैसे आगे बढ़ेंगे इस पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है. श्रीलंका में उपजे संकट से आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी कीमत पर खत्म होना चाहिए. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' के आह्वान का जिक्र कर उन्होंने सवाल किया, 'इंडिया फर्स्ट क्यों नहीं हो सकता.' उन्होंने महात्मा गांधी के दर्शन का जिक्र कर कहा, हमें युद्ध समाप्त करने के लिए बड़े फैसले लेने होंगे. ऐसा नहीं करने पर हम लोगों को नहीं बता सकेंगे कि भारत ने अपनी भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की नीति का जिक्र कर कहा, भारत का न्यूट्रल होना आज सबसे बड़ी उपलब्धि है. फारूक अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री से अपील की, कृपया तेजी से आगे बढ़ें जिससे लोग कहें, गांधी के देश ने इस दुनिया को बचाया. गॉड ब्लेस.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:22 PM IST