बेतिया: जिले के बाल्मीकि नगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में अंधविश्वास के चक्कर में एक युवती की जान चली गई. बताया जा रहा है कि गांव के ही कुछ लोग काफी दिनों से इलाज के लिए युवती की झाड़-फूंक कर रहे थे. वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि आरोपी उसे इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाने दे रहे थे. इस मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है.
'9 महीने से कर रहे थे झाड़-फूंक'
जानकारी के अनुसार लक्ष्मीपुर निवासी कृष्णा चौतरिया की 20 साल की बेटी कल्पना कुमारी कई सालों से बीमार चल रही थी. जिसको इलाज करवाने के जगह गांव के ही कुछ लोगों ने अपने घर पर बुलाकर झाड़-फूंक करना शुरू किया. वह युवती को जल्द ठीक करने की दिलासा देते रहे. उन्होंने परिजनों को बताया कि उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है. वह झाड़-फूंक से ही ठीक हो जाएगी. इस पर परिजनों ने भरोसा कर लिया और झाड़-फूंक करवाने लगे. लगभग 9 महीने से उसका झाड़-फूंक किया जा रहा था. लेकिन रविवार को अचानक उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई.
प्रशासन को दी थी सूचना
युवती की मौत के बाद ग्रामीण दिलीप महतो ने बताया कि कई बार मना करने के बाद भी आरोपी गांव में झाड़-फूंक का कारोबार नहीं बंद कर रहे थे. जिला प्रशासन को पहले ही इसकी सूचना दी गई थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं किया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं गांव में घट चुकी हैं. लेकिन ये लोग झाड़-फूंक से इलाज करने से बाज नहीं आते हैं. वहीं, मृतका की चाची ने बताया कि आरोपी लोगों को बुलाकर झाड़-फूंक से बीमारी ठीक करने का दिलासा देते रहता है. वह मरीज को अस्पताल नहीं ले जाने देता है. इस मामले पर झाड़-फूंक करने वाली आरोपी महिला लक्ष्मीना देवी का कहना है कि वो जबरन कभी किसी को नहीं बुलाती थी. लोग खुद ही उसके पास झाड़-फूंक करवाने आते हैं.
घटना से ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित है. ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी परिवार सहित कुछ अन्य लोगों ने कुछ सालों में ईसाई धर्म अपना लिया है. जिसके बाद वह आस-पास के लोगों को झाड़-फूंक कर सही करने का दावा करते हैं. इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाएं घट चुकी हैं. वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है.