पश्चिम चंपारण(बगहा): इंडो-नेपाल सीमा के ऐतिहासिक गण्डक बैराज से 2 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी गण्डक नदी में छोड़ा गया है. जिससे नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. ऐसे में निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी हैं. नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश होने से लगातार जल वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने भी लोगों को अलर्ट किया है.
बढ़ने लगा गण्डक नदी का जलस्तर
वाल्मीकिनगर स्थित गण्डक बराज में पानी का स्तर बढ़ने लगा है. जो कि निचले इलाके के लोगों के लिए टेंशन बढ़ाने वाली खबर है. 18 जुलाई को नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में कम बारिश होने के बाद गण्डक नदी का जलस्तर 1 लाख 54 हजार क्यूसेक न्यूनतम स्तर तक पहुंच गया था. जिसके बाद निचले इलाकों के लोगों को राहत मिलती नजर आ रही थी. खासकर पीपी तटबंध, पिपरासी और गोपालगंज के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पानी कम होने से लोगों को लगा था कि बाढ़ ग्रस्त इलाके से पानी निकल जाएगा.
जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा
गण्डक बराज में जलस्तर बढ़ने से जलसंसाधन विभाग और निचले इलाकों के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. दरअसल गण्डक नदी नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश होने से उफान पर होती है. ऐसे में लगातार बारिश होने से 19 जुलाई से गण्डक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है और 2 लाख 15 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है. जिस वजह से कटाव या बाढ़ का खतरा बढ़ता दिख रहा है.
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प्रशासन ने की सतर्कता बरतने की अपील
गण्डक नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर ग्रामीण और जल संसाधन विभाग सहित प्रशासन की भी नींद उड़ी हुई है. तटबंधों पर अभियंताओं की टीम और गार्ड्स लगातार निगरानी कर रहे हैं. प्रशासन भी हालात पर नजर बनाए हुए है. बगहा एसडीएम विशाल राज का कहना है कि मौसम विभाग ने भी भारी बारिश की चेतावनी दी है. जिसको लेकर निचले इलाके के लोगों से सावधान रहने का अपील की गई है.