बेतिया(वाल्मीकिनगर): गंडक नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही दियारावर्ती क्षेत्रों में दोबारा कटाव बड़े पैमाने पर शुरू हो गया. इससे दियारा के गांव में निवास करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पिछले महीने कटाव के कारण फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी. लेकिन कटाव रोधी कार्य नहीं होने से अब भी खौफ मंडरा रहा है. करीब दो दर्जन लोग बेघर हो गए हैं.
पिछले सप्ताह नेपाल के साथ स्थानीय क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंडक नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था. इसमें दियारावर्ती क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे. वहीं मौसम के परिवर्तन के बाद गंडक नदी में भारी जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई. जिससे दियारा क्षेत्र में कटाव शुरू हो गया है. मधुबनी प्रखंड के सिसही पंचायत के वृता रेता में भीषण कटाव के कारण लोग अब पलायन करना शुरू कर दिया है. ग्रामीणों की मानें तो दो दर्जन घरों के साथ सैकड़ो एकड़ गन्ना और धान की फसल नदी में समाहित हो गई है.
सूचना के बाद भी नहीं पहुचे अधिकारी
कटाव से जूझ रहे पीड़ित ग्रामीण मोहन चौहान, उमेश साहनी, अशोक कुशवाहा, साधु साहनी, नंदलाल साहनी, मनोज राम और अन्य ने बताया कि पिछले ढेड़ माह से कटाव हो रहा है. शुरुआती दौर में ही हमने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना दी थी. लेकिन किसी भी स्तर से कोई सार्थक पहल नहीं की गई. जिस कारण नदी का कटाव जारी रहा और अब गांव भी इसकी जद्द में आने की कगार पर हैं. लोगों में इस बात का खौफ है कि जिस गति से नदी कटाव कर रही है, वैसे में जल्द ही पूरा गांव नदी में विलीन हो जाएगा. ग्रामीणों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.