ETV Bharat / state

Bettiah Ground Report : सिकटा प्रखंड के कई गांव बने टापू, नाव ही एक मात्र सहारा

बिहार के बेतिया ( Flood in Bettiah) में बाढ़ से हालात दिनों दिन खराब होते जा रहे हैं. सिकटा गांवों में पानी घुस जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पुरैनी पंचायत के कई गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं.

बेतिया के कई गांव बने टापू
बेतिया के कई गांव बने टापू
author img

By

Published : Jul 5, 2021, 2:44 AM IST

बेतिया: बिहार में लगातार बारिश ( Rain in bihar ) और नेपाल की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. उत्तर बिहार के बेतिया में बाढ़ ( Flood in Bettiah) से हालात खराब हो गए हैं. सिकटा प्रखंड का पुरैनिया पंचायत का महेशड़ा गांव पूरी तरह से टापू बन चुका है. गांव में आने जाने का कोई रास्ता नहीं है. महेशड़ा गांव में जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा. सिकटा प्रखंड का यह आखिरी पंचायत हैं. जहां पर विकास कोसों दूर है. यहां के ग्रामीणों में नाराजगी है. यही कारण है कि पिछले विधानसभा में जदयू को अपनी सीट गंवानी पड़ी थी.

ये भी पढ़ें- बेतिया से ग्राउंड रिपोर्ट: सड़क पर बह रहा है 4 फीट पानी, जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं लोग

सिकटा के दर्जनभर से ज्यादा गांव प्रभावित
पुरैनैतिया पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 15 दिनों में 2 बार यह गांव बाढ़ की चपेट में आ चुका है. इसके बावजूद अभी तक इस गांव में सरकारी नाव तक की व्यवस्था नहीं हुई है. सिकटा प्रखंड के पुरैनिया पंचायत का मेहशड़ा गांव, कदमवा गांव समेत पंचायत के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. पुरैनिया पंचायत टापू बना हुआ है. लोगों को अगर बाजार सामान खरीदने के लिए जाना पड़ता हैं या किसी की तबीयत खराब हो जाए तो नाव ही एक मात्र सहारा हैं. वह भी निजी नाव हैं पैसे देकर जाना पड़ता है. शाम पांच बजे के बाद ये भी भी नहीं मिलता. अगर अचानक किसी की तबीयत खराब हो जाए तो वह गांव में ही फंसा रह जाएगा. ऐसे में गांव से निकलने के लिए एक सरकारी नाव की भी जरूरत है.

देखें वीडियो

'यहां विकास हुआ ही नहीं है. हर साल बाद तबाही लेकर आती है. ये हमारा नसीब ही बन चुका हो. हमारी किस्मत ही ऐसी है हर साल बाढ़ की तबाही हमें झेलनी पड़ती हैं. 15 दिनों के अंदर दो बार गांव में बाढ़ आ गई. पहले आया बाढ़ का पानी अभी गांव से बाहर निकला ही नहीं था कि फिर दूसरी बार यह पंचायत बाढ़ की चपेट आ गया.' :- बाढ़ पीड़ित

ये भी पढ़ें- Bettiah News : उफान पर हरबोड़ा नदी का जलस्तर, कटाव की आशंका से दहशत में ग्रामीण

सरकारी नाव की हो व्यवस्था
ग्रामीणों की माने तो विधायक व सांसद कभी इनकी सुध लेने कभी आते ही नहीं है. इस गांव में विकास हुआ ही नहीं है. यहीं कारण कि पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू विधायक खुर्शीद आलम को हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. सिकटा प्रखंड का महेशड़ा पंचायत आखरी पंचायत है. यहां की स्थिति बहुत ही भयावह है. ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव की व्यवस्था की जाए ताकि लोग गांव से बाहर निकल सके.

ये भी पढ़ें- बिहार : बाढ़ में जुगाड़ ही सहारा! हर तरफ सैलाब...खाट पर मरीज, देखें वीडियो

बेतिया: बिहार में लगातार बारिश ( Rain in bihar ) और नेपाल की नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. उत्तर बिहार के बेतिया में बाढ़ ( Flood in Bettiah) से हालात खराब हो गए हैं. सिकटा प्रखंड का पुरैनिया पंचायत का महेशड़ा गांव पूरी तरह से टापू बन चुका है. गांव में आने जाने का कोई रास्ता नहीं है. महेशड़ा गांव में जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा. सिकटा प्रखंड का यह आखिरी पंचायत हैं. जहां पर विकास कोसों दूर है. यहां के ग्रामीणों में नाराजगी है. यही कारण है कि पिछले विधानसभा में जदयू को अपनी सीट गंवानी पड़ी थी.

ये भी पढ़ें- बेतिया से ग्राउंड रिपोर्ट: सड़क पर बह रहा है 4 फीट पानी, जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं लोग

सिकटा के दर्जनभर से ज्यादा गांव प्रभावित
पुरैनैतिया पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 15 दिनों में 2 बार यह गांव बाढ़ की चपेट में आ चुका है. इसके बावजूद अभी तक इस गांव में सरकारी नाव तक की व्यवस्था नहीं हुई है. सिकटा प्रखंड के पुरैनिया पंचायत का मेहशड़ा गांव, कदमवा गांव समेत पंचायत के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. पुरैनिया पंचायत टापू बना हुआ है. लोगों को अगर बाजार सामान खरीदने के लिए जाना पड़ता हैं या किसी की तबीयत खराब हो जाए तो नाव ही एक मात्र सहारा हैं. वह भी निजी नाव हैं पैसे देकर जाना पड़ता है. शाम पांच बजे के बाद ये भी भी नहीं मिलता. अगर अचानक किसी की तबीयत खराब हो जाए तो वह गांव में ही फंसा रह जाएगा. ऐसे में गांव से निकलने के लिए एक सरकारी नाव की भी जरूरत है.

देखें वीडियो

'यहां विकास हुआ ही नहीं है. हर साल बाद तबाही लेकर आती है. ये हमारा नसीब ही बन चुका हो. हमारी किस्मत ही ऐसी है हर साल बाढ़ की तबाही हमें झेलनी पड़ती हैं. 15 दिनों के अंदर दो बार गांव में बाढ़ आ गई. पहले आया बाढ़ का पानी अभी गांव से बाहर निकला ही नहीं था कि फिर दूसरी बार यह पंचायत बाढ़ की चपेट आ गया.' :- बाढ़ पीड़ित

ये भी पढ़ें- Bettiah News : उफान पर हरबोड़ा नदी का जलस्तर, कटाव की आशंका से दहशत में ग्रामीण

सरकारी नाव की हो व्यवस्था
ग्रामीणों की माने तो विधायक व सांसद कभी इनकी सुध लेने कभी आते ही नहीं है. इस गांव में विकास हुआ ही नहीं है. यहीं कारण कि पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू विधायक खुर्शीद आलम को हार का सामना करना पड़ा. बता दें कि पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. सिकटा प्रखंड का महेशड़ा पंचायत आखरी पंचायत है. यहां की स्थिति बहुत ही भयावह है. ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नाव की व्यवस्था की जाए ताकि लोग गांव से बाहर निकल सके.

ये भी पढ़ें- बिहार : बाढ़ में जुगाड़ ही सहारा! हर तरफ सैलाब...खाट पर मरीज, देखें वीडियो

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.