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ये हैं विवेक! MNC को छोड़ चीर डाली नदी की धार

पुणे यूनिवर्सिटी से एमबीए और एलएलबी कर चुके विवेक सिंह ने गांव वालों की मदद से पायलट चैनल का निर्माण कर पेड़ पौधे, भूमि और लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. 10 दिनों में यह कार्य पूरा हुआ.

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Published : Jun 20, 2020, 5:58 PM IST

बेतिया(नरकटियागंज): सरकारी लेट लतीफी के कारण नरकटियागंज प्रखंड के रहने वाले विवेक सिंह ने कुछ ऐसा कर दिया कि आज पूरे जिले में उनकी चर्चा हो रही है. गांधी की कर्मभूमि गौनाहा प्रखंड में जो काम वर्षों में सरकारी तंत्र नहीं कर सका, उसे विवेक सिंह ने ग्रामीणों के सहयोग से महज 10 दिनों में पूरा कर दिखाया.

दरअसल, नरकटियागंज प्रखंड के लोग कई सालों से पंडई नदी में होने वाले कटाव से परेशान थे. इसके लिए उन्होंने कई बार सरकार से गुहार भी लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अंत में इस काम को विवेक सिंह ने कर दिखाया. विवेक सिंह ने वहां के गौनाहा प्रखंड के किसानों की मदद से पंडई नदी की धार को चीर कर महज 10 दिनों में पायलट चैनल का निर्माण करा लिया है.

पायलट चैनल के निर्माण से विवेक सिंह ने पंडई नदी के कटाव से लगभग 10 हजार पौधे के साथ-साथ सैकड़ों एकड़ भूमि को बंजर होने के साथ-साथ गांव को भी तबाह होने से बचा लिया है.

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पंडई नदी

मल्टीनेशनल कंपनी में करते थे जॉब
जानकाकी अनुसार, नरकटियागंज प्रखंड के कुंडलपुर पंचायत के रहने वाले विवेक सिंह ने पुणे यूनिवर्सिटी से एमबीए और एलएलबी किया है. वर्तमान में वे मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और गांव लौट आए. यहां उन्होंने देखा कि ग्रामीण पंडई नदी के कटाव से काफी परेशान हैं. साथ ही विवेक सिंह ने पंडई नदी के कटाव से हजारों पेड़ पौधे, सैकड़ों एकड़ जमीन और सैकड़ों घर पर खतरा देखा.

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6 से 7 लाख रुपये खर्च कर बनाया पायलट चैनल

DM से लेकर राष्ट्रपति तक से लगाई गुहार
इसके बाद उन्होंने जिला अधिकारी से लेकर स्थानीय विधायक और सांसद तक से पायलट चैनल बनाने की गुहार लगाई. इतना ही नहीं विवेक सिंह ने सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर जल संसाधन विभाग के मंत्री तक से पेड़-पौधे औक गांव को बचाने की अपील की. लेकिन कहीं से कोई काम नहीं हुआ. बस सब एक-दूसरे को पत्राचार करते रहे.

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मिट्टी काट कर बनाया रास्ता

6 से 7 लाख रुपये खर्च कर बनाया पायलट चैनल
इस बीच विवेक सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में आवेदन दिया और लोक शिकायत से 30 अप्रैल तक पायलट चैनल बनाने का निर्देश भी दिया गया. जिसके बाद एक करोड़ सात लाख का एस्टीमेट बनाकर विभाग ने अपना काम पूरा कर लिया. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ. हारकर विवेक सिंह ने गांव के लोगों से मदद की अपील की.

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ग्रामीणों की मदद से नदी की धार को मोड़ा

इसके बाद गांव वालों के सहयोग से विवेक सिंह ने 6 से 7 लाख रुपये खर्च कर नदी की धार मोड़ दिया और पायलट चैनल बना डाला. ग्रामीणों की मदद से पंडई नदी की धार को लगभग 800 मीटर तक चीर कर उसे सीधा कर दिया गया, जिससे नदी की दोनों तरफ के पेड़ पौधे, भूमि और लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

ग्रामीणों ने भी की मदद
विवेक सिंह बताते हैं कि पिछले कई सालों से उन्होंने हजारों पेड़-पौधे लगाए हैं और इस कटाव से पेड़ को नदी में विलीन होते वे नहीं देख सकते हैं. इसलिए खुद ही नदी की धार को मोड़ने का बीरा उठा लिया. ग्रामीणों ने भी विवेक सिंह का पूरा साथ दिया और नदी की धार को मोड़ने में अपनी जमीन को भी दान किया. ग्रामीणों की मदद से विवेक सिंह ने 10 दिनों में वो कर दिखाया है, जिसे सरकार सालों से नहीं कर पा रही थी.

बेतिया(नरकटियागंज): सरकारी लेट लतीफी के कारण नरकटियागंज प्रखंड के रहने वाले विवेक सिंह ने कुछ ऐसा कर दिया कि आज पूरे जिले में उनकी चर्चा हो रही है. गांधी की कर्मभूमि गौनाहा प्रखंड में जो काम वर्षों में सरकारी तंत्र नहीं कर सका, उसे विवेक सिंह ने ग्रामीणों के सहयोग से महज 10 दिनों में पूरा कर दिखाया.

दरअसल, नरकटियागंज प्रखंड के लोग कई सालों से पंडई नदी में होने वाले कटाव से परेशान थे. इसके लिए उन्होंने कई बार सरकार से गुहार भी लगाई लेकिन कोई मदद नहीं मिली. अंत में इस काम को विवेक सिंह ने कर दिखाया. विवेक सिंह ने वहां के गौनाहा प्रखंड के किसानों की मदद से पंडई नदी की धार को चीर कर महज 10 दिनों में पायलट चैनल का निर्माण करा लिया है.

पायलट चैनल के निर्माण से विवेक सिंह ने पंडई नदी के कटाव से लगभग 10 हजार पौधे के साथ-साथ सैकड़ों एकड़ भूमि को बंजर होने के साथ-साथ गांव को भी तबाह होने से बचा लिया है.

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पंडई नदी

मल्टीनेशनल कंपनी में करते थे जॉब
जानकाकी अनुसार, नरकटियागंज प्रखंड के कुंडलपुर पंचायत के रहने वाले विवेक सिंह ने पुणे यूनिवर्सिटी से एमबीए और एलएलबी किया है. वर्तमान में वे मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे. लेकिन बाद में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और गांव लौट आए. यहां उन्होंने देखा कि ग्रामीण पंडई नदी के कटाव से काफी परेशान हैं. साथ ही विवेक सिंह ने पंडई नदी के कटाव से हजारों पेड़ पौधे, सैकड़ों एकड़ जमीन और सैकड़ों घर पर खतरा देखा.

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6 से 7 लाख रुपये खर्च कर बनाया पायलट चैनल

DM से लेकर राष्ट्रपति तक से लगाई गुहार
इसके बाद उन्होंने जिला अधिकारी से लेकर स्थानीय विधायक और सांसद तक से पायलट चैनल बनाने की गुहार लगाई. इतना ही नहीं विवेक सिंह ने सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर जल संसाधन विभाग के मंत्री तक से पेड़-पौधे औक गांव को बचाने की अपील की. लेकिन कहीं से कोई काम नहीं हुआ. बस सब एक-दूसरे को पत्राचार करते रहे.

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मिट्टी काट कर बनाया रास्ता

6 से 7 लाख रुपये खर्च कर बनाया पायलट चैनल
इस बीच विवेक सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में आवेदन दिया और लोक शिकायत से 30 अप्रैल तक पायलट चैनल बनाने का निर्देश भी दिया गया. जिसके बाद एक करोड़ सात लाख का एस्टीमेट बनाकर विभाग ने अपना काम पूरा कर लिया. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ. हारकर विवेक सिंह ने गांव के लोगों से मदद की अपील की.

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ग्रामीणों की मदद से नदी की धार को मोड़ा

इसके बाद गांव वालों के सहयोग से विवेक सिंह ने 6 से 7 लाख रुपये खर्च कर नदी की धार मोड़ दिया और पायलट चैनल बना डाला. ग्रामीणों की मदद से पंडई नदी की धार को लगभग 800 मीटर तक चीर कर उसे सीधा कर दिया गया, जिससे नदी की दोनों तरफ के पेड़ पौधे, भूमि और लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

ग्रामीणों ने भी की मदद
विवेक सिंह बताते हैं कि पिछले कई सालों से उन्होंने हजारों पेड़-पौधे लगाए हैं और इस कटाव से पेड़ को नदी में विलीन होते वे नहीं देख सकते हैं. इसलिए खुद ही नदी की धार को मोड़ने का बीरा उठा लिया. ग्रामीणों ने भी विवेक सिंह का पूरा साथ दिया और नदी की धार को मोड़ने में अपनी जमीन को भी दान किया. ग्रामीणों की मदद से विवेक सिंह ने 10 दिनों में वो कर दिखाया है, जिसे सरकार सालों से नहीं कर पा रही थी.

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