बगहा: करोड़ों की लागत से अनुसूचित जाति जनजाति कन्या आवासीय विद्यालय मेडरोल में हो रहे निर्माण कार्य में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए दर्जनों ग्रामीणों ने अनुमंडल कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल ग्रामीण बोरी में भरकर बालू व गिट्टी लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे और उन सामग्रियों को एसडीएम को दिखाकर अनियमितता की शिकायत की.
ग्रामीणों ने लगाया दबंगई का आरोप: एसडीएम को दिए आवेदन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि निर्माण एजेंसी द्वारा ग्रामीणों से कार्य के बाबत जानकारी लेने के दौरान दबंगई दिखाई गई. बता दें की बगहा अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत सेमरा मेडरौल में 720 आसन वाले अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति 10 +2 कन्या उच्च विद्यालय का भवन निर्माण कार्य जय माता दी कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया जा रहा है.
"विद्यालय के निर्माण में अनियमितता बरती जा रही है. हमें निर्माण कार्य देखने से रोका गया. स्थानीय थाना को हमने सूचना दिया. उसके बाद पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो घटिया सामग्री का इस्तेमाल करते एजेंसी को पाया गया."- रामदरश राम, नेता, भीम आर्मी सेना
विद्यालय भवन के निर्माण में अनियमितता का आरोप: लिहाजा स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय खेतों से खुदाई कर लाई गई बलुआही मिट्टी का प्रयोग बालू के रूप में और सफेद गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है जो मानक के अनुरूप नहीं है. इससे भवन निर्माण होने के बाद कभी भी भवन भर भराकर गिर जा सकता है.
अनुसूचित जाति जनजाति कन्या आवासीय विद्यालय मेडरोल के भवन निर्माण में घटिया किस्म के सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है. संवेदक से बात करने की कोशिश की तो कई नहीं था. हमें धमकी भी दी गई.-तारा चन्द्र, जिला पार्षद
एजेंसी के स्टाफ पर धमकाने का आरोप: ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासन से इसकी जांच कर सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार निर्माण कार्य कराने का अनुरोध किया है. जिससे की निर्माणाधीन भवन मजबूत व टिकाऊ बन सके. ग्रामीणों ने बताया कि जब वह परिसर में जाने लगे तो वहां एजेंसी के स्टाफ द्वारा धमकी दिया गया कि यह बिहार के बाहुबली निर्माण एजेंसी के मालिक हैं. आप लोग अपनी खैरियत चाहते हैं तो इससे अलग ही रहें.
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश: भवन निर्माण निगम द्वारा 720 आसन वाले अनुसूचित जनजाति कन्या आवासीय विद्यालय का निर्माण वाल्मिकीनगर के सेमरा मेडरॉल में करीब 58 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है ताकि उरांव आदिवासी बहुल इलाकों के छात्रों को व्यवस्थित ढंग से उच्च शिक्षा ग्रहण कराया जा सके. नतीजतन प्रशासन ने शिकायत मिलते ही जांच के आदेश दे दिए हैं. हालांकि कंस्ट्रक्शन कंपनी के निजी अभियंता का कहना है कि "सभी कार्य मापदंडों के अनुसार कराए जा रहे हैं और किसी तरह की धमकी ग्रामीणों को नहीं दी गई है."
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